
बिहार के 15 रेलवे स्टेशनों पर कोविड केयर कोच खड़े किए जायेंगे। कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेल मंत्रालय द्वारा राज्य सरकार के सहयोग से रेलवे कोचों को आइसोलेशन सेंटर के रूप में प्रयोग करने के लिए चयनित स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है। इसी क्रम में बिहार में 15 स्टेशनों को चुना गया है। हर स्टेशन पर 20-20 की संख्या में कुल 300 आइसोलेशन कोच खड़ा करने का निर्णय लिया गया है। ताकि, संदिग्ध अथवा पीड़ित मरीजों का समुचित इलाज किया जा सके।
इस महामारी की गंभीरता को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों में अतिरिक्त योगदान देने के उद्देश्य से भारतीय रेल द्वारा पूर्व में ही चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित पर्याप्त संख्या में आइसोलेशन कोच तैयार किए जा चुके हैं। इसे अब बिहार की मांग पर स्टेशनों पर खड़ा किया जा रहा है। इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल द्वारा 269 कोचों को आइसोलेशन कोच के रूप में परिवर्तित किया जा चुका है।
इन स्टेशनों पर होंगे कोविड-19 कोच
पटना, सोनपुर, नरकटियागंज, जयनगर, रक्सौल, बरौनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, सीवान, समस्तीपुर, दरभंगा, सीतामढ़ी, छपरा, कटिहार एवं भागलपुर
क्या होगा इस कोच में?
प्रत्येक स्टेशनों पर खड़े इन कोविड केयर कोच में सामान्य श्रेणी के 20 कोच हैं। प्रत्येक कोच में 16 मरीज रखे जा सकते हैं। प्रत्येक 5 कोच के बाद एक वातानुकूलित कोच होगा और उसके आगे पुनः 5 कोच होंगे। वातानुकूलित कोच चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ एवं अन्य कर्मियों के उपयोग के लिए होंगे। कोविड केयर कोच में ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था रेल मंत्रालय द्वारा की गई है । साथ ही इसमें पर्याप्त संख्या में पंखा, पानी, शौचालय की व्यवस्था भी है।
प्रोटोकॉल का करना होगा पालन
रेल प्रशासन एवं राज्य सरकार मिलकर कोविड केयर कोच के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल सुनिश्चित करेंगे। आइसोलेशन के लिए तैयार किए गए इन कोचों को प्रयोग के लिए सौंपे जाने के समय इसके सैनिटाइजेशन एवं साफ-सफाई का कार्य रेलवे द्वारा किया गया जाएगा, जबकि प्रयोग के दौरान एवं इसके बाद सैनिटाइजेशन एवं साफ-सफाई की जिम्मेवारी राज्य सरकार की होगी।
राज्य सरकार और रेलवे दोनों की होगी जिम्मेवारी
मेडिकल स्टाफ को पीपीई किट और अन्य चिकित्सा सामग्री राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराया जाना है, जबकि कोच के रख-रखाव के लिए तैनात स्टाफ को यह सुविधा रेलवे प्रदान करेगी । मरीजों के लिए दवा, चिकित्सा सामग्री, ऑक्सीजन सिलेंडर एवं इससे जुड़ी अन्य सामग्री, खान-पान, शुद्ध पेयजल, आवश्यकता पड़ने पर पानी का टैंकर, बॉयो टॉयलेट, कचरों का संग्रहन एवं इसका निपटारा आदि राज्य सरकार द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा। जबकि कोचों में पानी भरने, विद्युत आपूर्ति, बुनियादी ढांचे का रख-रखाव, संचार एवं सुरक्षा की जिम्मेवारी रेल प्रशासन की होगी।
सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी
रेलवे तथा राज्य सरकार के मध्य समन्वय स्थापित करने के लिए संबंधित जिला के सिविल सर्जन नोडल पदाधिकारी की भूमिका निभाएंगे। नोडल पदाधिकारी अपने-अपने जिला अंतर्गत चिन्हित रेलवे स्टेशन का निरीक्षण करेंगे और कोविड-19 के प्रबंधन के लिए निर्धारित प्रोटोकॉल के तहत राज्य सरकार के उत्तरदायित्वों के संबंध में आवश्यक तैयारियों से रेल अधिकारियों एवं राज्य मुख्यालय को अवगत कराएंगे।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/news/bihar-coronavirus-news-updates-on-indian-railways-covid-car-coaches-127522059.html
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