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11 दिन बाद कानपुर से 1417 प्रवासी श्रमिकों लेकर नवादा स्टेशन पहुंची ट्रेन

11 दिनों के बाद शनिवार को एक बार फिर एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रवासियों को लेकर नवादा स्टेशन पहुंची। श्रमिक स्पेशल ट्रेन में कुल 1417 प्रवासी श्रमिक थे जिसमें 1207 नवादा के तथा 210 श्रमिक अन्य जिले के थे। प्रवासियों को लेकर ट्रेन सुबह 8 बजकर 12 मिनट पर पहुंची। यहां इससे पहले 2 जून को श्रमिक स्पेशल ट्रेन नवादा पहुंची थी। उस वक्त जो जानकारी दी गई थी उसके अनुसार वह अंतिम श्रमिक स्पेशल ट्रेन थी। बहरहाल शनिवार को कानपुर सेंट्रल से श्रमिकों को लेकर ट्रेन पहुंची।

इसमें ज्यादातर श्रमिक कानपुर में ईंट भट्ठा व काम करने वाले श्रमिक थे। जो मानसून शुरू होने से पहले अपने घर लौटे हैं। बताया जाता है कि ईंट भट्ठा पर काम करने वाले श्रमिक प्रत्येक वर्ष मानसून शुरू होने के बाद लौट आते हैं और पुनः अक्टूबर से दिसम्बर महीने तक जाना शुरू कर देते हैं। जिला पदाधिकारी यशपाल मीणा के अनुसार जिले में अबतक 40 हजार प्रवासियों का आगमन हो चुका है। इसमें से 26 हजार का रजिस्ट्रेशन हो चुका है। नवादा स्टेशन पर अबतक 14 श्रमिक स्पेशल ट्रेन प्रवासियों को पहुंची है। शनिवार की सुबह स्पेशल ट्रेन से पहुंचे श्रमिकों का स्टेशन परिसर में बने काउंटर पर रजिस्ट्रेशन किया गया और सभी का थर्मल स्क्रीनिंक कर होम क्वारेंटाइन के लिए घर भेज दिया गया।

बदला बदला सा नजर आया स्टेशन का दृश्य,न कारपेट बिछा, न गर्मजोशी से स्वागत हुआ
शनिवार की सुबह श्रमिकों को लेकर ट्रेन जब स्टेशन पहुंची तो स्टेशन का दृश्य पहले से काफी बदला बदला सा नजर आया। स्थिति यह थी कि प्रवासियों के स्वागत के लिए प्लेटफार्म पर न कहीं रेड कारपेट दिखाई दिया और न तो गेट को गुब्बारों से सजाया मिला। यहां तक कि नवादा पहुंचने पर जिला प्रशासन की ओर से स्वागत के लाउडस्पीकर से गुंजने वाले स्वागत के उद्घोष भी सुनाई नहीं दिए। जबकि इससे पहले 2 जून तक जो भी स्पेशल ट्रेन श्रमिकों को लेकर स्टेशन पहुंची थी उसका जिला प्रशासन द्वारा जोरदार स्वागत किया जा रहा था।

उस वक्त की स्थिति यह थी कि प्रवासियों के स्वागत के लिए रेड कारपेट लगाए गए थे और स्टेशन परिसर को रंग बिरंगे गुब्बारों से सजाया गया था। वहीं श्रमिकों के स्वागत के लिए लगातर उद्घोष किए जा रहे थे। लेकिन इसबार सबकुछ बदला बदला सा नजर आया। यहां तक कि इसबार जो श्रमिक पहुंचे उनमें ज्यादातर के पास मास्क नहीं था। वहीं इनलोगों द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल भी नहीं रखा जा रहा था। आम दिनों में जिस तरह से लोग एक जगह इक्कठा होकर स्टेशन परिसर में इंतजार करते दिखते हैं इसी तरह प्रवासी इक्कठे जुटे रहे।



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After 11 days, the train reached Nawada station with 1417 migrant workers from Kanpur


source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/nawada/news/after-11-days-the-train-reached-nawada-station-with-1417-migrant-workers-from-kanpur-127407924.html

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