कोरोना संक्रमण जैसे वैश्विक महामारी के कारण जिला प्रशासन के आदेश पर बीते तीन महीने से जिले के सभी सरकारी व गैर सरकारी स्कूल तथा कोचिंग संस्थान बंद है। इस दौरान कई स्कूलों द्वारा अपने स्कूल के छात्रों के लिए ऑनलाइन एजुकेशन की व्यवस्था की गई है। वहीं कई स्कूल छात्रों का वाट्सएप ग्रुप बनाकर पढ़ाई को जारी रखने में मदद पहुंचा रहे हैं। हाल के दिनों में इन स्कूलों द्वारा ऑनलाइन एग्जाम भी लिया गया है। लेकिन इन सब के बीच स्कूल फीस को लेकर प्राइवेट स्कूल प्रशासन और अभिभावक आमने सामने हैं।
स्थिति यह है कि स्कूल प्रशासन बंद के दौरान ऑनलाइन पढ़ाई व एग्जाम के नाम पर अभिभावकों से स्कूल फीस की मांग कर रहे हैं। वहीं अभिभावक हैं कि फीस जमा करने की जगह चुप्पी साधे बैठे हैं जिससे संचालक भी उपापोह की स्थिति में अभिभावकों से फीस जमा करने तथा किसी के बहकावे में न आने की अपील कर रहे हैं। तो जिले के कई बुद्धिजीवी वर्ग एवं समाजसेवी स्कूल संचालकों से चार लाख बच्चों के भविष्य के खातिर स्कूल फीस माफ करने की अपील कर रहे हैं।
ऑनलाइन पढ़ाई व एग्जाम से संतुष्ट है छात्र
प्राइवेट स्कूल एंड चिल्ड्रेन वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने कहा कि कोविड 19 जैसे वैश्विक महामारी में प्राइवेट स्कूल अपनी क्षमता से बढ़कर बच्चों की पढ़ाई आॅनलाइन पद्धति से करवा रही है। इसके बावजूद पिछले चार माह से शिक्षकों एवं अन्य कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया है। क्योंकि लाॅकडाउन की वजह से अभिभावक स्कूल तक नहीं पहुंच रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को चाहिए कि अपनी सुविधानुसार जून माह तक शिक्षण शुल्क एवं पुराना बकाया जमा कर दें ताकि शिक्षा कर्मियों का चूल्हा जलता रहे।
आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों के अभिभावकों के लिए कोरोना काल में स्कूल फीस देना मुश्किल
प्राइवेट स्कूल अभिभावकों पर स्कूल फीस जमा करने के लिए दबाव न बनाएं इसके लिए नवादा के समाजसेवी मनीष सिन्हा के आवास पर एक बैठक की गई जिसकी अध्यक्षता अंकज कुमार ने की। बैठक में तय हुआ कि वैसे मकान मालिक जिसमें स्टूडेंट रहते हैं और जिसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है वैसे स्टूडेंट्स से मकान किराया न लिया जाए।
बैठक में यह भी तय हुआ कि स्कूल संचालक अभिभावकों पर स्कूल फीस के लिए दबाव न बनाएं। बच्चों की शिक्षा में स्कूल फीस आडें नहीं आना चाहिए। बैठक में तय हुआ कि स्कूल फास मरफ करने वाले स्कूल प्रशासन को सम्मानित किया जाएगा। मनीष सिन्हा ने कहा प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के निर्णय पर रोष व्यक्त करते हुए कहा गया कि स्कूल संचालक निसमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। यह कहना कि बच्चे किसी स्कूल से टीसी नहीं ले सकते और बिना टीसी के किसी स्कूल में एडमिशन नहीं लिया जाएगा यह निंदनीय है।
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source https://www.bhaskar.com/local/bihar/patna/nawada/news/school-association-and-parents-face-to-face-with-school-fees-127407933.html

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