
सरकारी गाड़ी का दुरूपयोग किया हिसुआ के विधायक ने, तत्काल वर्खास्त हो | भारतीय जन क्रान्ति दल
हिसुआ
के भाजपा विधायक के द्वारा अपनी पुत्री और उसकी सहेलियों को पटना लाने का मामला
तुल पकड़ता दिख रहा है | भारतीय जन क्रान्ति दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री रमेश
कुमार चौबे ने हमारे संवाददाता विजय शुक्ल को बताया कि भाजपा के हिसुआ विधायक तो
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी बात नहीं मानी विशेष पास
निर्गत करा बेटी को कोटा से पटना ले आये I
सबसे बड़ी बात यह है जिस गाड़ी का पास सरकार ने निर्गत किया है गाड़ी संख्या
BR-01-PJ-0484 REGISTERING AUTHORITY: PATNA, BIHAR
Registration No:
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BR01PJ0484
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Registration Date:
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02-Jan-2018
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Chassis No:
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MA1TA2SJXH2KXXXXX
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Engine No:
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SJH4KXXXXX
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Owner Name:
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UNDER
SECRETARY
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Vehicle Class:
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MOTOR
CAR (LMV)
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Fuel Type:
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DIESEL
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Maker / Model:
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MAHINDRA
& MAHINDRA LIMITED / MAH SCORPIO S6
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Fitness Upto:
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19-Dec-2032
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Insurance Upto:
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24-Oct-2018
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Fuel Norms:
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NOT
AVAILABLE
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Road Tax Paid Upto:
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24-Oct-2032
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वो सरकारी गाड़ी है न की विधायक महोदय की |
सरकारी गाड़ी का पास निर्गत कराकर राजस्थान के कोटा से अपनी बेटी तथा उसकी सहेलियों
को लेकर पटना आए इसके लिए बिहार सरकार और केंद्र सरकार दोनों जिम्मेवार है | गाड़ी
का इन्सुरेंस जब २४ अक्टूबर २०१८ को समाप्त हो गया था तो फिर इस गाड़ी को बिहार से
राजस्थान जाने तक जप्त क्यों नहीं किया गया I चुकी बिहार में गठबंधन की
सरकार है और केंद्र में भाजपा की सरकार है इस लिए हर प्रकार के नियम की अनदेखी की
गई | प्रधानमंत्री मोदी जी ने कोरोना महामारी आपातकाल को देखते हुए पुरे देश में
लौक डाउन 3 मई तक के लिए लगाया है I ऐसे में भाजपा का विधायक
अपने ही प्रधानमंत्री के लॉकडाउन के आदेश का खुल्लमखुल्ला अवमानना कर रहा है इससे
बड़ी बात और क्या हो सकती है I
जबकि नीतीश कुमार का साफ कहना है कि देश के
अलग-अलग राज्यों में लोग फंसे हुए हैं अगर सभी को वापस लाने लग जाएं तो
लॉकडाउन का मजाक उड़ जाएगा I कोटा वाले मामले पर उन्होंने
कहा कि कुछ लोग नहीं माने I ऐसी स्थिति में मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री से यह क्यों नहीं पूछते हैं कि अपने पार्टी के इस विधायक के विरुद्ध
क्या एक्शन लेंगे I या फिर मुख्यमंत्री बिहार तथा उनका
प्रशासनिक महकमा ऐसे में क्या कोई क़ानूनी कार्रवाई करेगा I
स्पष्ट है कि हिसुआ विधानसभा के भाजपा विधायक अनिल कुमार सिंह ने लॉकडाउन का खुलेआम उल्लंघन
किया I वे कोटा से अपनी बेटी को लेकर आ गए I अपनी गाड़ी से 2500 किलोमीटर की दूरी तय कर वे
पटना से कोटा गए और वापस आ गए I
अनिल सिंह 16 अप्रैल की सुबह निकले रात 12 बजे कोटा पहुंचे फिर 17 की सुबह निकले और आज 18 को पटना आ गए I एक तरफ
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लॉकडाउन के दौरान कोटा से छात्रों को लाने का विरोध कर
रहे हैं वहीँ दूसरी तरफ भाजपा विधायक अपने रसूख का इस्तेमाल करते हुए खुद पास बनवाकर अपनी बेटी को लाने
पहुंच गए I
जब मिडिया में यह बात आई
तो विधायक का कहना है कि
उन्होंने कुछ गलत नहीं किया बल्कि ऐसे लोग जो कोटा जाना चाहते हैं, उन्हें भी पास मिलनी चाहिए
I
विधायक को जो पास जारी किया गया था उस पर विषय कॉलम के आगे 'कोटा में फंसे पुत्र को
लाने हेतु' लिखा हुआ है I इसको
देखते हुए पास निर्गत करने वाले अधिकारी पर भी क़ानूनी एवं विभागीय कार्रवाई होनी
चाहिए I
राज्य की सीमा में घुसने पर आखिर उन्हें
बॉर्डर पर क्यों नहीं रखा गया बल्कि वहां उनका टेस्ट कर उनके घर भिजवाने की
व्यवस्था की गई I
क्यों नहीं 14 दिन क्वारंटाइन में बोर्डर पर हीं रखा गया I बोर्डर ड्यूटी पर लगे अधिकारीयों पर भी ऐसे में क़ानूनी एवं विभागीय
कार्रवाई होनी चाहिए I अक तरफ नीतीश कुमार ने वीडियो
कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगातार साढ़े पांच घंटे तक कोरोना संक्रमण से उत्पन्न
स्थिति से बचाव के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा लॉकडाउन को
लेकर सरकार का पूरा कमिटमेंट है I लेकिन दूसरी ओर दोहरी नीति
अपनाई कोई कार्रवाई नहीं किया गया I विधायक को विशेष पास
मिला क्या शेष बिहारी छात्रों अप्रवासी मजदूरों के साथ अन्याय पूर्ण दोहरा चरित्र
नहीं है I और तो और उस विशेष
पास की वैधता 16 से 25 अप्रैल तक है। जिसे
अनुमंडल दंडाधिकारी नवादा सदर ने जारी किया था। ऐसे
में लॉकडाउन का क्या मतलब रह जाएगा। हमारा सरकार से मांग है की तत्काल
विधायक और अनुमंडल दंडाधिकारी को तत्काल वर्खास्त किया जाये |