भारतीय जन
क्रान्ति दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश कुमार चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री से
माँग की है कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी चिकित्सा पद्धति को सरकारी मान्यता प्रदान कर
योग्य डिग्रीधारी चिकित्सकों की बहाली की जाय| उन्हों ने कहा कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी
चिकित्सा प्रणाली के अंतर्गत असंख्य रोगों का उपचार हो रहा है I आपको यह भी मालूम है कि COUNCIL OF ELECTRO HOMOEOPATHY SYSTEM OF MEDICINE
PATNA BIHAR (CBEHSM) कार्यरत है I
महोदय,जैसा कि सबको मालूम है कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी
एक हानिरहित चिकित्सा पद्धति है I आम जन मानस को भी
इससे लाभ मिलता है I यह एक तरह का ऐसा
चिकित्सा पद्धति है जिसका कोई साईड इफेक्ट्स नहीं होता है जो कि अन्य चिकित्सीय
पद्धति में देखने को नहीं मिलता है I
इलेक्ट्रो
होम्योपैथिक रिसर्च एंड डवलपमेंट आर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया भी कार्यरत है I इससे जुड़े पूरे देश के चिकित्सक और वैज्ञानिक
कार्यरत हैं I इलेक्ट्रोहोम्योपैथी
में असाध्य बीमारियों का इलाज संभव है I इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के जनक डॉ. काउंट सीजर मैटी हैं I इसके साथ हीं दो सौ वर्षों से अधिक समय से यह चिकित्सीय
पद्धति कार्यरत है I हम सबको यह भी
मालूम है कि यह वनस्पति पर आधारित चिकित्सीय पद्धति है। सर्वविदित है कि शरीर में
दो चैतन्य पदार्थ-रस और रक्त होते हैं। इनमें विकार होने पर रोग उत्पन्न होते हैं।
रक्त को शुद्ध करना ही पद्धति का सिद्धांत है I ऐसे में बिहार सरकार से मांग है कि इलेक्ट्रोहोमियोपैथी के
चिकित्सकों को सरकारी अस्पतालों में एक स्वतंत्र विभाग बनाकर रखा जाए । इसके लिए
उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू किया जाय I
इस चिकित्सीय
पद्धति का आगमन 19वीं सदी में हुआ है
जो आज भी कायम है और न केवल कायम और कार्यरत है बल्कि जनमानस में भी प्रमाणिक रूप
से स्वीकार्य है I इलेक्ट्रोहोम्योपैथिक
चिकित्सा हानिरहित होने के कारण जनमानस में सर्वाधिक स्वीकार्य है I यह चिकित्सा पद्धति बिलकुल हीं वैज्ञानिक व
हानिरहित है क्योकि इसमें वनस्पतियों के अर्क के माध्यम से शारीरिक संस्थानों की
सकारात्मक व नकारात्मक ऊर्जा को संतुलित किया जाता है I
इलेक्ट्रोहोमियो
पैथी की दवाओं के प्रयोग के लिए बोर्ड का गठन किया गया है जिसका नाम “रिसर्च एंड डेवलपमेंट बोर्ड फॉर इलेक्ट्रो
होमियोपैथी इंडिया” है I साथ ही साथ विगत दो सौ सालों में इस चिकित्सीय
पद्धति के हजारों डॉक्टर कार्यरत हैं और असाध्य रोगों के ईलाज में अपनी महती
भूमिका निभाते रहे हैं I
इलेक्ट्रोहोम्योपेथी
से हर बीमारी का इलाज संभव है और आज ऐसा हो भी रहा है I इस चिकित्सीय तकनीक से बीमारियों को जड़ से खत्म किया जाता
हैं। इस तकनीक के साथ कैंसर का इलाज भी संभव हैं। इसके अलावा पत्थरी, रसौली और आंखों का बिना आप्रेशन इलाज संभव हैं।
आज इससे शुगर व बीपी की बीमारी भी ठीक हो रही है I इसमें क्मिोथरैपी रेडिएशन जैसे दूष्प्रभाव नहीं देखने को
मिलता है I
ऐसी स्थिति में
जनहित में हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी के सारे योग्य
अनुभवी डिग्रीधारी प्रेक्टिशनरों की खोज कर स्वास्थ्य विभाग में उनका रजिस्ट्रेशन
कार्य शुरू किया जाय I आज देश में
इलेक्ट्रो होम्योपैथी से ईलाज करवाने का मरीजों में बहुत रुझान है व आज देश में
बहुत ज्यादा इलेक्ट्रोहोम्योपैथी के प्रेक्टिशनर है जो लोगो को बहुत बढि़या सेवाएं
दे रहे हैं I
विदित हो कि
इलेक्ट्रो होमियोपैथी के जनक इटली के महात्मा काउंटर सीजर मैटी द्वारा 38 प्रकार की औषधियों का निर्माण किया गया। यहाँ
तक कि यह गरीब-गुरबों के लिए सर्वाधिक सस्ती व् उपयोगी चिकित्सीय प्रणाली है I
पुनः यह कहते हुए
कि इलेक्ट्रो होमियोपैथ पद्धति बेहद किफायती और सर्वसुलभ चिकित्सा पद्धति है इसलिए
हम बिहार सरकार से मांग करते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उच्च अधिकार
प्राप्त विशेषज्ञों की एक स्क्रीनिंग कमेटी गठित की जाय और योग्य चिकित्सकों को
नियुक्त कर सभी सरकारी अस्पतालों में उनकी पोस्टिंग दी जाय I
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