केंद्र की सहायता से बदल रही तस्वीर
बिहार
में
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
लॉक
डाउन
के
दौरान
परेशान
लोगों
को
दी
जा
रही
आर्थिक
सहायता
से
तस्वीर
में
सुधार
दिखने
लगा
है
। सरकार
की
घोषणा
और
उसके
त्वरित
कार्यान्वयन
होने
से
लोगों
का
यह
भ्रम
भी
दूर
हो
रहा
है
कि
सरकारी
घोषणाओं
को
अमलीजामा
पहनाने
में
वक्त
लगता
है
। दरअसल
पूर्व
के
समय
में
किसी
आपदा
काल
में
लोगों
को
कुछ
ऐसा
ही
अनुभव
हुआ
था,
लेकिन
आज
कोरोना
संकट
और
लॉकडाउन
की
परेशानी
वाली
स्थिति
में
जिस
तरह
से
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
के
निर्देश
के
तहत
लोगों
को
तुरंत
लाभ
मिल
रहा
है
, इससे
सरकार
की
घोषणाओं
के
प्रति
लोगों
का
विश्वास
तो
बड़ा
ही
है
साथ
ही
साथ
उन्हें
यह
भी
भरोसा
हो
गया
है
कि
संकट
के
इस
समय
में
केंद्र
सरकार
मजबूती
के
साथ
उनके
साथ
खड़ी
है
। और
जब
सहारा
इतना
मजबूत
हो
तो
फिर
संघर्ष
और
कठिनाइयों
से
भरे
इस
दौर
से
क्यों
घबराना?
इसी
उम्मीद
और
विश्वास
को
अपना
संबल
मानकर
बिहार
के
ग्रामीण
क्षेत्रों
में
विशेष
रूप
से
लोग
न सिर्फ
लॉकडाउन
की
पूर्ण
सफलता
के
लिए
इसके
तहत
दिए
गए
निर्देशों
का
पालन
कर
रहे
हैं
अपितु
अपने
आसपास
मायूसी
और
चिंता
के
परिदृश्य
को
दूर
करने
की
कोशिश
भी
कर
रहे
हैं
। इसके
अलावा
केंद्र
की
इस
अहम
सहयोग
के
सहारे
लोग
अपनी
जीविका
के
साधन
को
फिर
से
शुरू
करने
और
घर
परिवार
की
बाधित
जरूरतों
को
यथासंभव
पूरा
करने
की
कोशिश
में
जुट
गए
हैं।
मुसीबत में मिली राहत
प्रधानमंत्री
नरेंद्र
मोदी
इस
बात
के
लिए
लगातार
कई
अहम
कदमों
के
जरिए
प्रयास
करते
रहे
हैं
कि
महिला
कल्याण
एवं
उनके
सशक्तिकरण
के
लिए
तत्परतापूर्वक
प्रशासन
सहित
अन्य
स्तरों
पर
भी
प्रयास
किए
जाने
चाहिए
। आज
कोरोना
संकट
और
लॉकडाउन
को
लेकर
उत्पन्न
स्थिति
के
बीच
उन्होंने
आधी
आबादी
की
परेशानी
दूर
करने
के
लिए
प्राथमिकता
के
आधार
पर
उन्हें
फौरी
सहायता
दिए
जाने
का
न सिर्फ
निश्चय
किया
अपितु
जल्द
से
जल्द
उन
तक
राहत
वाली
सहायता
भी
पहुंचवाई।
इसके
लिए
दो
अहम
कदम
उठाए
गए
।पहला
यह
कि
जिन
महिलाओं
के
जन
धन
योजना
के
तहत
बैंक
में
खाते
खोले
गए
उनके
खातों
में
रु 500
केंद्र
की
ओर
से
डाल
दिए
गए
ताकि
इससे
घर
में
खाने
के
सामान
की
खरीद
में
उन्हें
मदद
मिल
सके।
मुंगेर
जिले
की
रहने
वाली
रूपा
देवी
को
आपदा
की
स्थिति
में
प्रधानमंत्री
गरीब
कल्याण
योजना
के
तहत
रु 500
की
आर्थिक
सहायता
मिली
है
। वे
इससे
काफी
खुश
हैं
। उनका
कहना
है
कि
यह
रकम
भले
छोटी
सी
है
लेकिन
बड़ी
परेशानी
का
सामना
करने
के
लिए
यह
हमारे
परिवार
के
लिए
काफी
उपयोगी
है
। सहयोग
के
लिए
विशेष
तौर
पर
प्रधानमंत्री
के
प्रति
आभार
जताते
हैं।
दूसरी
बात
यह
है
कि
घर
में
अगर
गैस
उपलब्ध
करा
दी
जाए
तो
परिवार
के
भरण-पोषण
में
महिलाओं
को
कई
तरह
की
सुविधाएं
मिल
जाती
है।
इसे
ध्यान
में
रखकर
उज्जवला
योजना
के
लाभार्थियों
को
परेशानी
के
इस
समय
में
निशुल्क
गैस
की
उपलब्धता
सुनिश्चित
की
गई
है।
इसके
लिए
आवश्यक
राशि
सीधे
उनके
खाते
में
भेज
दी
गई
है
। दरभंगा
जिले
के
हायाघाट
प्रखंड
के
रसलपुर
पंचायत
की
निवासी
वीणा
देवी
के
खाते
में
गैस
की
रकम
आ गई
है
और
इससे
वे
काफी
खुश
हैं
।इसके
लिए
प्रधानमंत्री
को
धन्यवाद
देते
हुए
वे
कहती
हैं
कि
सरकार
ने
हमारे
परिवार
की
अहम
जरूरत
की
पूर्ति
संकटकाल
में
कर
दी
है
सहयोग ने संजीवनी का काम किया
जब
लॉक
डाउनलोड
किया
गया
तो
परेशानी
कमोबेश
सबको
हुई
इसमें
हमारे
किसान
भी
शामिल
हैं
। लेकिन
बिहार
के
किसानों
को
इस
बात
का
भरोसा
था
कि
प्रधानमंत्री
स्वयं
किसानों
की
काफी
चिंता
करते
हैं
, इसलिए
वे
इस
आपदा
की
स्थिति
में
जरूर
किसानों
को
अहम
सहयोग
करेंगे।
यह
विश्वास
यूं
ही
नहीं
था
बल्कि
अपने
अब
तक
के
कार्यकाल
में
किसानों
की
परेशानी
दूर
करने
के
लिए
उनकी
सरकार
द्वारा
उठाए
गए
कई
अहम
कदमों
पर
आधारित
था
। खैर
, किसानों
की
उम्मीद
को
प्रधानमंत्री
समझ
गए
और
फिर
उनके
निर्देश
पर
किसानों
के
खाते
में
प्रधानमंत्री
किसान
सम्मान
निधि
योजना
के
तहत
रु 2000
डाले
जाने
लगे।
बिहार
के
किसानों
के
खाते
में
भी
यह
राशि
आ गई
है
और
किसानों
ने
इसका
उपयोग
करना
भी
शुरू
कर
दिया
है।
इस
सहयोग
से
प्रसन्नचित्त
राज्य
के
विभिन्न
जिलों
के
किसानों
ने
प्रधानमंत्री
के
प्रति
अपना
आभार
भी
प्रकट
किया
है।
उल्लेखनीय
बात
यह
है
कि
केंद्र
के
सहयोग
मिलने
के
बाद
भी
संयमित
होकर
हमारे
अन्नदाता
लॉक
डाउन
के
नियमों
का
पूरी
तरह
से
पालन
कर
रहे
हैं।
अब
मास्क
का
जुगाड़
कहां
से
करें
? तो
प्रधानमंत्री
ने
इसका
सरल
उपाय
बता
दिया
है।
इसी
उपाय
यानी
गमछा
से
मुंह
ढककर
किसान
खेतों
में
काम
करते
हैं
ताकि
कोरोना
के
संक्रमण
से
बचा
जा
सके।
ऐसे
ही
किसान
हैं-
रामानुज
कुमार
सिंह,
जो
गया
जिले
के
मीरा
बीघा
गांव
के
रहने
वाले
हैं
। ये
बताते
हैं
कि
2 दिन
पूर्व
यानी
16 अप्रैल
को
इनके
खाते
में
किसान
योजना
के
तहत
रु 2000
केंद्र
सरकार
की
ओर
से
डाले
गए
हैं। इस
सहयोग
से
प्रसन्नचित्त
रामानुज
जी
इसे
संजीवनी
बताते
हैं
और
कहते
हैं
कि
मैं
बहुत
परेशान
था
लेकिन
प्रधानमंत्री
जी
ने
बड़ा
सहयोग
किया
है। इसके
लिए
उन्हें
दिल
से
धन्यवाद
।
ऐसे
ही
प्रधानमंत्री
किसान
सम्मान
निधि
योजना
के
एक
लाभुक
किसान
हैं
- केशव
कुमार।
ये
सीतामढ़ी
जिला
अंतर्गत
रुन्नीसैदपुर
थाना
क्षेत्र
के
माधवपुर
चौधरी
गांव
के
निवासी
हैं।
इनके
खाते
में
भी
रु 2000
आए
हैं
। इस
सूचना
से
उनकी
मायूसी
दूर
हो
गई
है। वे
कहते
हैं
कि
इस
पैसे
से
वे
अपनी
नितांत
आवश्यक
जरूरतों
की
पूर्ति
करेंगे।
कुछ
इसी
तरह
से
उत्साहित
हुए
हैं
हमारे
किसान
भाई
- शशि
रंजन।
सीतामढ़ी
जिले
के
रहने
वाले
शशि
रंजन
बड़ी
मुश्किल
से
अपना
घर
और
खेती
चलाते
रहे
हैं।
जब
स्थिति
ऐसी
हो
तो
लॉकडाउन
विकट
परिस्थिति
ही
उत्पन्न
करेगी।
ऐसे
में
इनके
खाते
में
किसान
योजना
के
तहत
आई
दो
हजार
की
रकम
इनके
लिए
काफी
मायने
रखती
है।
इसके
लिए
प्रधानमंत्री
को
धन्यवाद
करते
हुए
कहते
हैं
कि
सरकार
ने
मेरी
बड़ी
चिंता
दूर
कर
दी
है।