करोना किस तरह से एक साजिश
पंडित कृष्ण दत्त शर्मा
आइए समझते हैं कि भारत में करोना किस तरह से एक साजिश के तहत शांति दूतों के द्वारा फैलाया जा रहा है!!!!!!!!!
शांति दूतों ने किस तरह से पूरे देश की तमाम मस्जिदों में विदेशियों को छुपा कर रखा और तो और प्रशासन के इतना समझाने के बावजूद -की अपने घरों से ही नमाज़ अदा करे पर इन समाज के दुश्मनों ने मस्जिदों में नमाज अदा किया और अभी भी चोरी छिपे कर रहे है । ताजा मामला दिल्ली निजामुद्दीन स्थित तबलीगी जमात में मौजूद भारी संख्या में शान्तिदूतो की भीड़ से संबंधित है।
दिल्ली सरकार ने 13 मार्च को ही आदेश जारी कर दिया था कि दिल्ली में कहीं भी 200 से ज्यादा लोग इकट्ठा हो कर कोई सभा नहीं कर सकते है इसके बाद दुबारा आदेश दिया गया था कि दिल्ली में कही भी 5 से ज्यादा व्यक्ति इकट्ठा नहीं होंगे, इसके बाद पूरे देश में 24 तारीख को लॉक डाउन लागू किया गया ,इन 11 दिनों( 13 से 24 मार्च )के दौरान भी शांतिदूत जमे रहे जबकि इस दौरान सबको वहाँ से निकला जा सकता था,पर उन्होंने तो अल्लाह की कसम खाई थी।
वहां पर तकरीबन 3000 लोगों का जमावड़ा लगा रहा उसमें से ढाई सौ से 300 विदेशी थे ,इसकी भी जानकारी सरकार से छुपाई गयी।
यहां से देश के कोने कोने में शांति दूत गए और पूरे देश में इसे फैला दिया। जब इन लोगों को बसों में भर के अस्पतालों में ले जाया जा रहा था इस दौरान इन लोगों ने पुलिसवालों और डॉक्टरों के ऊपर थूका। सड़कों पर थूकने का मकसद यह था कि इसको ज्यादा से ज्यादा लोगों में फैलाया जाए , इसे आप कोरोना जिहाद कह सकते है।
वास्तव में बात तो यह है कि इन्हें जीते जी वो जन्नत नहीं मिलती जो मरने के बाद 72 हूरो के रूप में मिलते हैं इसीलिए हमेशा मरने मारने के लिए ये शांति दूत तैयार रहते हैं।
जहां पूरे विश्व में तमाम धार्मिक स्थल गुरुद्वारा ,मस्जिद, मक्का- मदीना पर ताले लग गए लेकिन भारत में पता नहीं कौन सी जमात है कि मानने को तैयार नही है।
रामनवमी के त्योहार के समय भी जहां लंबी-लंबी कतारें मंदिरों में लगी रहती है वहां भी हमारे हिंदू भाई बहने अपने अपने घरों में ही पूजा अर्चना की जो समाज की भलाई के लिए आवश्यक भी है। और इसका पालन भी हम लोगो द्वारा किया जा रहा है।
बात बात पर मौलाना द्वारा फतवे जारी किया जाता है लेकिन अभी तक किसी ने भी फतवा जारी नहीं की कि लोग घरों से ही नमाज पढ़े।
जिन सेलिब्रिटीज को पिछले 6 सालों से हिंदुस्तान में बहुत डर लग रहा है वे है - फरहान अख्तर ,आमिर खान, नसरुद्दीन शाह, गुलाम नबी आजाद जैसे लोग जो-आज लोगों को समझाते हुए नहीं दिख रहे है की अपने घरों में ही धार्मिक क्रियाकलाप करे। ना ही इन लोगों ने अभी तक किसी भी तरह की सहायता राशि देश को दिया है।
खैर सरकार ने तबलीगी जमात में मौजूद सारे विदेशियों को ब्लैक लिस्ट करने की बात कही है और वीजा भी रद्द करने का तैयारी में है इससे अब दोबारा कभी भारत में जिहाद फैलाने नहीं आ पाएंगे।
अन्य भारतीय शांतिदूत जो मौजूद थे उनके ऊपर भी सख्त से सख्त करवाई करने का आदेश दिया गया है ।अब देखना यह है शान्तिदूतो की गैर जिम्मेदाराना हरकत ने देश को किस हद तक करोना के चपेट में धकेल दिया है।