खरीफ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16 अप्रैल, 2020 को
किया जाएगा
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय से जारी विज्ञप्ति में कहागया है कि श्री
नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों के लिए राहत कदमों की समीक्षा के लिए राज्य के कृषि
मंत्रियों के साथ बैठक की उन्हों ने कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय में भी कृषि गतिविधियों में
सक्रिय भूमिका निभाने के लिए राज्यों के प्रयासों की सराहना की| कृषि मंत्री ने राज्यों
से कृषि संबंधित गतिविधियों में छूट के प्रति क्षेत्रीय एजेंसियों को संवेदनशील
बनाने और कृषि उपज, कृषि उत्पाद, उर्वरक
और कृषि उपकरणों एवं मशीनों की आवाजाही की अनुमति देने को कहा साथ ही
उन्होंने खरीफ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16 अप्रैल, 2020 को किया जाएगा
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कल शाम नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री श्री पुरषोत्तम रुपाला और श्री कैलाश चौधरी, सचिव (एसी एंड एफडब्ल्यू) श्री संजय अग्रवाल, विशेष सचिवों, अपर सचिव (कृषि) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कल शाम नई दिल्ली में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से राज्यों के साथ बैठक की। वीडियो कांफ्रेंसिंग से हुई इस बैठक में कृषि राज्य मंत्री श्री पुरषोत्तम रुपाला और श्री कैलाश चौधरी, सचिव (एसी एंड एफडब्ल्यू) श्री संजय अग्रवाल, विशेष सचिवों, अपर सचिव (कृषि) और मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक के
दौरान, राज्यों कृषि मंत्रियों, अपर प्रधान सचिवों, राज्यों के सचिवों और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ खेती के संचालन और
कटाई, कृषि विपणन और मंडी संचालन, एमएसपी में खरीद, आगत (बीजों और उर्वरकों) के
प्रावधान और रसद एवं कृषि/बागवानी उत्पादों की आवाजाही से संबंधित मुद्दों पर
विचार-विमर्श किया गया।
केंद्रीय
मंत्री ने कोविड-19 महामारी जैसे
चुनौतीपूर्ण समय में भी कृषि गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए राज्यों
के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने लॉकडाउन अवधि के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्र
से संबंधित गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने के लिए मंत्रालय द्वारा किए गए उपायों
के बारे में विचार-विमर्श किया। इसके साथ ही, कटाई और
बुवाई मौसम के मद्देनजर कृषि कार्यों के लिए भारत सरकार द्वारा अधिसूचित छूटों पर
भी चर्चा की गई। राज्यों को पुन: विभिन्न छूटों के बारे
में जानकारी दी गई, जो निम्नलिखित हैं:
• एमएसपी परिचालनों सहित कृषि उत्पादों
की खरीद से जुड़ी एजेंसियां;
• खेत में किसानों और खेतहर श्रमिकों
द्वारा खेती संचालन;
• कृषि उत्पादन बाजार समिति अथवा राज्य
सरकार द्वारा अधिसूचित के द्वारा मंडियों का संचालन;
• राज्य सरकार/केन्द्र शासित प्रदेश
प्रशासन द्वारा किसानों/किसानों के समूहों, एफपीओ और
सहकारिता के साथ प्रत्यक्ष विपणन में शामिल मंडियाँ।;
• बीज, उर्वरक
और कीटनाशकों के लिए दुकानें;
• बीज, उर्वरक
और कीटनाशकों का विनिर्माण और पैकेजिंग इकाइयाँ;
• कृषि मशीनरी से संबंधित कस्टम हायरिंग
सेंटर (सीएचसी);
• संयुक्त हार्वेस्टर और अन्य
कृषि/बागवानी उपकरणों जैसी कटाई और बुवाई से संबंधित मशीनों की अंतर और
अंतर-राज्यीय आवाजाही;
• कोल्ड स्टोरेज और वेयरहाउसिंग सेवाएं;
• खाद्य पदार्थों के लिए पैकेजिंग
सामग्री की विनिर्माण इकाइयाँ;
• आवश्यक वस्तुओं के लिए परिवहन;
• कृषि मशीनरी की दुकानें, इनके स्पेयर पार्ट्स (आपूर्ति श्रृंखला सहित) और मरम्मत।
• 50 प्रतिशत श्रमिकों के साथ चाय
उद्योग और वृक्षारोपण।
बैठक के
दौरान एक प्रस्तुति भी की गई और राज्यों से निम्नलिखित के लिए अनुरोध किया गया:
• बुआई, कटाई और विपणन सहित सुचारू कृषि कार्यों की सुविधा के लिए अपनी
क्षेत्रीत्र एजेंसियों को संवेदनशील बनाना।
• छूट वाली गतिविधियों की श्रेणियों से
जुड़ी एजेन्सियों के कर्मचारियों और श्रम एवं माल, मशीनों
और सामग्रियों की आवाजाही के लिए शीघ्र अनुमति को सुनिश्चित करना।
• आवश्यक सामानों की राष्ट्रव्यापी
आपूर्ति श्रृंखला रखने वाली कंपनियों/संगठनों को प्राधिकरण पत्र जारी करना, जिससे उन्हें राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण
कर्मचारियों और श्रमिकों के सरल आवागमन के लिए क्षेत्रीय पास जारी करने की अनुमति
मिल सके।
• इन गतिविधियों को अंजाम देते समय सोशल
डिस्टेंसिंग के मानदंडों का पालन किया जाना चाहिए और सभी सार्वजनिक स्थानों पर
उचित स्वच्छता और सफाई सुनिश्चित की जानी चाहिए।
केंद्रीय
मंत्री ने राज्यों को आश्वासन दिया कि इस अवधि के दौरान राज्यों को सभी आवश्यक
सहायता और सहयोग प्रदान किया जाएगा, जिससे उन्हें उभरती हुई चुनौतियों का सामना करने में
सुविधा प्राप्त होगी।
राज्य के
कृषि मंत्रियों ने केंद्रीय कृषि मंत्रालय के प्रयासों की सराहना की और कहा कि
कृषि कार्यों और गतिविधियों के लिए प्रदान की गई छूट से राज्यों में किसानों और
कृषि गतिविधियों को काफी लाभ मिला है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्यों में
विभिन्न कृषि गतिविधियों में स्वच्छता और सामाजिक दूरियों के मानदंडों का कड़ाई से
पालन किया जा रहा है।
यह भी
जानकारी दी गयी कि मंत्रालय ने किसानों, एफपीओ और सहकारी समितियों द्वारा ई-ट्रेडिंग और बोली
लगाने के लिए ई-एनएएम मॉड्यूल जारी कर दिया है। राज्यों भी इसी आशय से जड़े आवश्यक
निर्देश जारी कर सकते हैं जिससे किसानों को न सिर्फ अपने घर से ही अपनी उपज के
विक्रय में सुविधा प्रदान होगी, बल्कि यह उपभोग केंद्रों पर उपज की उपलब्धता को सुनिश्चित करते हुए मंडियों में
भीड़-भाड़ को कम करेगा। इसी अलावा, संयुक्त हार्वेस्टर
और अन्य कृषि/बागवानी उपकरणों की कटाई और बुवाई से संबंधित मशीनों की अंतर-राज्यीय
आवाजाही को सुविधाजनक बनाया जाना चाहिए ताकि सभी राज्य इससे लाभान्वित हो सकें।
बैठक के
दौरान, फसल की खरीद, आगत, ऋण, बीमा और
कृषि उपज के अंतर-राज्यीय आवागमन की उपलब्धता के बारे में विभिन्न मुद्दों पर भी
चर्चा की गई, इनमें से कुछ का समाधान करते हुए
राज्यों को इनके संदर्भ में तत्काल निर्देश दिए गए। अन्य विचार-विमर्श की आवश्यकता
वाले मुद्दों पर राज्यों को आश्वासन दिया गया कि इस पर ध्यान दिया जाएगा और आवश्यक
निर्देशों का उचित समय पर पालन किया जाएगा।
केंद्रीय
मंत्री ने जानकारी दी कि खरीफ मौसम के लिए खेतों की तैयारियों को सुनिश्चित
करने के लिए खरीफ राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 16 अप्रैल, 2020 को किया जाएगा। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे सभी रसद के लिए अग्रिम तैयारी करने के साथ-साथ और अगले सम्मेलन के लिए भी
तैयार रहे। उन्होंने आरोग्य ऐप की उपयोगिता के बारे में चर्चा की और राज्यों से
किसानों और अन्य नागरिकों के बीच इसके उपयोग को लोकप्रिय बनाने का आग्रह किया।
बैठक के समापन पर, उन्होंने दोहराया कि सभी कृषि गतिविधियों
और कार्यों को सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) और स्वच्छता के मानदंडों का कड़ाई
से पालन करने के साथ किया जाना चाहिए।
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