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भारतीय रेल ने सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत 28 मार्च से अब तक 8.5 लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को पका भोजन वितरित किया

भारतीय रेल ने सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत 28 मार्च से अब तक 8.5 लाख से अधिक जरूरतमंद लोगों को पका भोजन वितरित किया

कोविड-19 के कारण शुरु हुए लॉकडाउन के बाद से भारतीय रेल अपनी सामाजिक सेवा प्रतिबद्धता के तहत जरूरतमंदों को पका हुआ भोजन उपलब्ध कराने का कामभारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की रसोइयोंआरपीएफ के संसाधनों तथा गैर सरकारी संगठनों के योगदान के माध्यम से जारी रखे हुए है।भोजन के पैकेटों के साथ ही कागज के प्लेट भी वितरित किए जाते हैं।भोजन का वितरण गरीबोंनिराश्रितोंभिखारियोंबच्चोंकुलियोंप्रवासी मजदूरोंफंसे हुए व्यक्तियों और जो
कोई भी रेलवे स्टेशनों पर या उसके आस पास अथवा ​​रेलवे स्टेशनों से कुछ दूरी पर भोजन की तलाश में आता हैकिया जा रहा है।
यह काम,रेल एवं वाणिज्य तथा उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल के सुझाव पर किया जा रहा है। श्री गोयल ने कहा था कि रेलवे को जरूरतमंद लोगों को भोजन और अन्य सहायता प्रदान करने के अपने प्रयासों को रेलवे स्टेशनों के बाहर भी विस्तार देना चाहिए और इसके लिए जिला अधिकारियों ओर गैर सरकारी संगठनों से परामर्श करना चाहिए।
भोजन का वितरण,आरपीएफजीआरपीरेलवे के क्षेत्रीय वाणिज्यिक विभागोंराज्य सरकारों और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से किया जा रहा है। जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन वितरित करते समयसामाजिक दूरी और स्वच्छता के नियम का पालन किया जा रहा है। संबंधित ज़ोन और डिवीजन के जीएम और डीआरएमस्टेशन के आस-पास के क्षेत्र के बाहर भी जरूरतमंद लोगों को भोजन उपलब्ध कराने के ​इस प्रयास को विस्तार देने के लिए आईआरसीटीसी अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं।
भारतीय रेल, 28 मार्च,  2020 से अब तक, नई दिल्लीबेंगलूरूहुबलीमुंबई सेंट्रलअहमदाबादभुसावलहावड़ापटनागयारांचीकटिहारदीन दयाल उपाध्याय नगरबालासोरविजयवाड़ाखुर्दाकाटपाडीतिरुचिरापल्लीधनबादगुवाहाटीसमस्तीपुरप्रयागराजइटारसीविशाखापट्टनमचेंगलपट्टूपुणेहाजीपुररायपुर और टाटा नगर स्थित आईआरसीटीसी के बेस किचन के सक्रिय सहयोग से गरीबों और जरूरतमंदों को 8.5 लाख से अधिक भोजन के पैकेट वितरित कर चुकी है। इसमें आरपीएफगैर सरकारी संगठनों तथा अन्य सरकारी विभागों ने भी सहयोग दिया है।
आईआरसीटीसी द्वारा अब तक लाख से अधिक पके भोजन के पैकेटे दिए गए हैं। आरपीएफ ने स्वयं के संसाधनों से लगभग 2  लाख ऐसे पैकेट दिए हैंजबकि रेलवे के साथ जुड़े स्वयंसेवी संगठनों द्वारा लगभग 1.5 लाख भोजन के पैकेट दान किए गए हैं।रेलवे सुरक्षा बल ने गैर सरकारी संगठनों,  आईआरसीटीसी और स्वयं अपनी रसोई में  तैयार भोजन के वितरण में  प्रमुख भूमिका निभाई है28 मार्च 2020 से 74 स्थानों पर 5419 जरूरतमंद व्यक्तियों को भोजन के वितरण के साथ शुरू किया गया भारतीय रेल का यह काम प्रतिदिन बढ़ रहा है। अप्रैल 2020 तक आरपीएफ की ओर से 313 स्थानों पर लगभग लाख भोजन के पैकेट जररतमंदों में बांटे जा चुके थे। भारतीय रेल का यह अभियान अब बढ़ते हुए लाख लोगों तक पहुंच चुका है।
आईआरसीटीसी ने पीएम केयर्स कोष में 20 करोड़ रुपये भी दान दिए हैं। इसमें से 1.5 करोड़ रुपये 2019-20 के कार्पोरेट सामाजिक दायित्व कोष से,6.5 करोड़ रुपये 2020-21 सीएसआर कोष से  और बाकी 12 करोड़ रूपए दान के रूप में मिले पैसों से दिए गए हैं।
कोविड-19 के फैलाव को रोकने के लिए भारती रेल लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है। इसके लिए उसके खाद्यान्न और अन्य कच्चे माल का पर्याप्त भंडार तैयार रखा गया है। 

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