मांझी से हमारे संवाददाता पलविंदर की खास रिपोर्ट
रविवार की रात जयप्रभा सेतु के पाया नम्बर दो के नीचे सरयू नदी के किनारे से मांझी पुलिस ने एक अज्ञात शव बरामद किया। बरामद शव के दोनों हाथ लाल रंग के गमछे से बंधा हुआ था। तथा सिर में गोली का निशान मौजूद था। शव वाले स्थान पर अत्यधिक खून बहने से पानी का रंग लाल हो गया था। घटना की सूचना
किसी पुरानी दुश्मनी के कारण इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है। मृतक मछुआरा अथवा अपराधी भी हो सकता है। मृतक बिहार अथवा यूपी का है। इस बात को ध्यान में रखकर पुलिस शव की शिनाख्त के प्रयास में जुटी है।
मांझी। चौदह माह पूर्व अपने बेटे को ढूंढने कलकत्ता गई मांझी की अर्द्ध विक्षिप्त महिला के चेन्नई में जीवित पाए जाने की सूचना मिलते ही परिजनों में खुशी की लहर दौड़ गई। मांझी मियाँ पट्टी की रहने वाली शमशुन नाम की महिला को ढूंढने में सोशल मीडिया की महती भूमिका रही। रविवार को चेन्नई में संचालित ऐस्प्रिंग लाइव नामक एनजीओ के मैनेजिंग ट्रस्टी मनीष कुमार ने फेसबुक के सहारे मांझी में संचालित अनुभव जिंदगी का नामक सोशल ग्रुप के एडमिन मनोज कुमार सिंह से सम्पर्क कर महिला के बारे में जानकारी दी। बाद में उक्त ग्रुप में महिला का फोटो वायरल कर परिजनों को ढूंढ निकाला गया। सोमवार की सुबह महिला के पिता पीर महम्मद ने ग्रुप के सदस्यों से सम्पर्क किया।
चौदह माह से बिछड़ी पुत्री से मोबाइल पर बात करते वक्त बहुत देर तक पिता व पुत्री दोनों रोते रहे। बाद में चेन्नई से महिला को लाने के लिए परिजन जुगत में लग गए।
दस जनवरी 2019 को छपरा स्थित अपने आवास से अपने बेटे आजाद को ढूंढने की बात पड़ोसियों से बताकर कलकत्ता गई थी शबनम। फिर कलकत्ता में बेटे को नही पाकर ट्रेन से बंगलौर चली गई। बंगलौर के बाद वह पागलों की तरह इधर उधर भटक रही थी। इसी क्रम में भटक कर वह चेन्नई पहुंच गई। चेन्नई में उसकी मुलाकात मनीष कुमार से हुई और मनीष ने अपने एनजीओ शिविर में उसे शरण दी। तथा महीनों से वे परिजनों से सम्पर्क साधने की कोशिश में लगे रहे। और जिस महिला को परिजन मृत मानकर तथा थक हार कर ढूंढना भी छोड़ चुके थे। अन्ततः सोशल मीडिया के सहारे उस विक्षिप्त महिला शमसुन का अपने परिजनों से सम्पर्क स्थापित हो ही गया।