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सरस्वती विद्या मंदिर, नौवतपुर में भव्य वार्षिकोत्सव सम्पन्न

सरस्वती विद्या मंदिर, नौवतपुर में भव्य वार्षिकोत्सव सम्पन्न

  • दीप प्रज्वलन से लेकर ‘वंदे मातरम्’ तक सजा संस्कार, संस्कृति और प्रतिभा का उत्सव
नौवतपुर (पटना)। सरस्वती विद्या मंदिर, नौवतपुर में विद्यालय का वार्षिकोत्सव अत्यंत भव्य, अनुशासित एवं सांस्कृतिक गरिमा के साथ संपन्न हुआ। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन एवं वंदना से हुई, जिससे संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मक भाव से ओत-प्रोत हो गया। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार मिश्र, पूर्व विधायक रामजन्म शर्मा तथा अनिल कुमार ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम की रूपरेखा विद्यालय द्वारा पूर्व निर्धारित कार्यक्रम सूची के अनुरूप रही, जिसमें विद्यार्थियों की बहुआयामी प्रतिभा का क्रमबद्ध एवं प्रभावशाली प्रदर्शन देखने को मिला।
प्रारंभ में दीप प्रज्वलन एवं वंदना, अतिथि परिचय एवं स्वागत तथा स्वागत गीत की प्रस्तुति हुई। इसके पश्चात बच्चों ने गणेश वंदना, एकल गीत, समूह गीत, लोक एवं शास्त्रीय नृत्य, देशभक्ति गीत, योग प्रदर्शन और नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से दर्शकों को भावविभोर कर दिया।
कार्यक्रम के दौरान प्रस्तुत प्रमुख गीतों और नृत्यों में “शुभ आरंभ”, “ओ देश मेरे”, “तीन बाण के धारी”, “इतनी सी हँसी, इतनी सी खुशी”, “कन्हा सो जा ज़रा”, “बम भोले”, “पिंगल दा चोरा”, “श्यामा आन बसो वृंदावन में”, “अब की बरस तुझे धरती की रानी कर देंगे” तथा “रंग रंग दे भगवा रंग” जैसी प्रस्तुतियों ने राष्ट्रभक्ति, भक्ति और सांस्कृतिक चेतना का अद्भुत संगम प्रस्तुत किया।
योग प्रदर्शन ने बच्चों के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक विकास का संदेश दिया, जबकि नाटक के माध्यम से सामाजिक मूल्यों और नैतिक शिक्षा को प्रभावी ढंग से मंचित किया गया।
अपने संबोधन में प्रधानाचार्य मुकेश कुमार मिश्र ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिर का उद्देश्य केवल किताबी शिक्षा देना नहीं, बल्कि विद्यार्थियों में संस्कार, अनुशासन, राष्ट्रप्रेम और सामाजिक जिम्मेदारी का विकास करना है। उन्होंने कहा कि वार्षिकोत्सव जैसे आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास और रचनात्मक क्षमता को निखारते हैं।

मुख्य अतिथि पूर्व विधायक रामजन्म शर्मा ने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि संस्कारयुक्त शिक्षा ही सशक्त भारत की नींव है। उन्होंने विद्यालय परिवार को इस उत्कृष्ट आयोजन के लिए बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। अनिल कुमार ने भी विद्यार्थियों को निरंतर परिश्रम, अनुशासन और नैतिक मूल्यों के साथ आगे बढ़ने का संदेश दिया।

समारोह में विशिष्ट अतिथियों के रूप में फुलवारीशरी की प्राचार्य सुसुम यादव, शास्त्री नगर की प्राचार्य रूपम रानी, तथा ऑक्सीजन मैन के रूप में चर्चित गौरव राय सहित कई शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और अभिभावक उपस्थित रहे। सभी अतिथियों ने मंच से बच्चों की प्रतिभा, विद्यालय की शैक्षणिक गुणवत्ता और अनुशासित वातावरण की मुक्त कंठ से प्रशंसा की।

कार्यक्रम के अंतिम चरण में पुरस्कार वितरण किया गया, जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया। समारोह का समापन अध्यक्षीय उद्बोधन एवं राष्ट्रगीत “वंदे मातरम्” के साथ हुआ।कुल मिलाकर सरस्वती विद्या मंदिर, नौवतपुर का यह वार्षिकोत्सव शिक्षा, संस्कृति, राष्ट्रभक्ति और संस्कार का जीवंत उदाहरण बनकर उपस्थित सभी लोगों के लिए प्रेरणादायी और स्मरणीय सिद्ध हुआ।

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