Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

"संकल्प की सिद्धि"

"संकल्प की सिद्धि"

पंकज शर्मा
अतीत के विलीन सुखों की राख कुरेदना वर्तमान की जीवंत ऊर्जा को क्षीण कर देता है। जो बीत गया, उसका मोह एक अदृश्य श्रृंखला बनकर हमारी गति को बाँध लेता है, वहीं भविष्य की अनिश्चितताओं का भय केवल कल्पना का जाल है। आध्यात्मिक दृष्टि से स्मृति एवं आशंका—दोनों ही माया के रूप हैं, जो हमें जीवन के वास्तविक रस से विमुख कर देते हैं। जीवन न बीते क्षणों में निवास करता है, न आने वाले कल की धुंध में; उसका सत्य स्वरूप केवल ‘अभी’ में स्पंदित होता है।

जब भीतर का सुप्त पुरुषार्थ जाग्रत होता है, तब बोध होता है कि वर्तमान की मिट्टी को संकल्प के सांचे में ढालना हमारे ही हाथों में है। कर्मठ व्यक्ति अपनी इच्छाशक्ति से विषम परिस्थितियों को भी अनुकूल बना लेता है। इसलिए, आज को सँवारने का सामर्थ्य जब हमारे पास है, तब व्यर्थ की चिंता का कोई औचित्य नहीं। निर्भय होकर वर्तमान को जीना ही सच्ची मुक्ति है।

. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार) 
 पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ