जिंदगी के यादगार पल
अरुण दिव्यांशजिंदगी के यादगार पल ,
जिंदगी में बिसरते नहीं ।
तन तो मृत हो जाता है ,
यादगार पल मरते नहीं ।।
यादगार पल जिंदगी के ,
हम तो याद करते नहीं ।
कभी याद गर हो आता ,
ध्यान कभी धरते नहीं ।।
सुख दुःख तो आते जाते ,
हॅंसना रोना रीत निभाते ।
जिंदगी के यादगार पल ,
शायद ही कभी हैं पाते ।।
जिंदगी को है निखारता ,
जिंदगी के यादगार पल ।
कर लें याद यादगार पल ,
सुंदर है आनेवाला कल ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार। ।
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