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जहाँ बड़ा बड़ा ढोल उहाँ टिमकी के मोल

जहाँ बड़ा बड़ा ढोल उहाँ टिमकी के मोल

जय प्रकाश कुवंर
केकर दिन कब का हो जाइ आउर केकर दिन कब बहुरि, इ बात भगवान छोड़ केहू जानत नइखे। कवनो अमीर आदमी कब गरीब हो जाइ आउर कवनो गरीब आदमी कब अमीर हो जाइ से सब भगवान का उपर बा। इ सब माया के खेल उहें का हाथ में बा। बाकिर आदमी के सही पहचान गरीबी ही करावेला।
शिवचरन बाबू के पिताजी गंवई परिवेश में रहे वाला एगो साधारन गृहस्थ रहनीं। उहां के एगो बहिन रहली जेकर शादी पड़ोस के गाँव में बढ़ियां आउर धनी गृहस्थ परिवार में रामबाबू जी से भ‌इल रहल। समय के चक्का चलत रहल जब शिवचरन बाबू पढ़ लिख के शहर में बड़ा पोस्ट पर नौकरी करे लगनी आउर खुब प‌इसा कम‌इनीं। शहर में शिवचरन बाबू बहुत बड़ा आलीशान मकान बनवा लिहनीं आउर अपना परिवार के साथ में शहर में ही रहे लगनी। बिहार के गया शहर में शिवचरन बाबू के आजकल अमीर परिवार सब में स्थान बा।
इहाँ शिवचरन बाबू के रिश्तेदार रामबाबू जी के परिवार के समय पलटी मरलस जवना वजह से परिवार का गरीबी के दिन देखे के पड़ ग‌इल। फिर भी रामबाबू जी अपनी पत्नी के साथ गाँव में स्वाभिमान से आपन दिन बितावत बानी। कुछ दिन पहिले उहाँ का लगे शिवचरन बाबू के यहाँ से उनका लड़का के शादी के आउर बर बधु के स्वागत समारोह के नेवता आइल रहल ह, जवना में शामिल होखे खातिर पति पत्नी तैयारी में लागल बा लोग।
इहाँ गया शहर में शिवचरन बाबू का ल‌इका के शादी परसों बनारस शहर के एगो व्यवसायी परिवार तपन बाबू का लड़की से भ‌इल बा आउर आज गया शहर में ही एगो आलीशान होटल में बर बधु के स्वागत समारोह के आयोजन भ‌इल बा। स्वागत समारोह में गाँव से लेकर शहर तक के अनेक रिश्तेदार एवं गणमान्य तथा भी आई पी लोग आमंत्रित बाटे। समारोह में भोजन के व्यवस्था आधुनिक तौर तरीका से वफे सिस्टम में भ‌इल बाटे। जेतना तरह के व्यंजन बनल बा आउर जेतना काउंटर लगल बा जे अतिथि लोग खाना खाके आनंदित हो जाई।
स्वागत समारोह में शामिल होखे खातिर शाम के सात बजे से लोग आवे के शुरू हो ग‌इल बा। ज्यादातर लोग परिवार के साथे गाड़ी से पहुंच रहल बाटे। शिवचरन बाबू खुद अपनी पत्नी के साथ गणमान्य एवं भी आई पी अतिथि लोग के स्वागत करत बाड़े आउर बर बधु से मिलावत बाड़े। सब गणमान्य तथाभी आई पी लोग कीमती उपहार बर बधु के हाथ में दे के आशीर्वाद देत बाटे। फिर ओह सब लोग के साथ फोटो खिंचवाई चलत बाटे। फिर खाना का काउंटर तक शिवचरन बाबू साथ में जाकर खाना खिलावत बाड़े।
स्वागत समारोह में शिवचरन बाबू का परिवार के लोग भी लागल बा जे लोग सामान्य लोग के खातिर करत बा। शादी आउर स्वागत समारोह में शामिल होखे खातिर उनकर रिश्तेदार रामबाबू भी अपनी पत्नी के साथ आइल बाड़े। आपन तत्काल हालात के अनुसार रामबाबू अपनी पत्नी के साथ साधारण कपड़े में एक जगह होटल पंडाल में कुर्सी पर बैठल बाड़े। उनका पहुंचला पर पति पत्नी के स्वागत करे वाला भी कोई ना रहल ह। शिवचरन बाबू पत्नी के साथ उधर आ रहल बाड़े बाकिर घुमघाम के भी आई पी लोग का खातिरदारी में चल जात बाड़े। परिवार के आउर जेतना लोग बा सब कोई भी आई पी लोग का स्वागत में लगल बाटे। गरीब पुराने रिश्तेदार रामबाबू आउर उनका परिवार के पुछेवाला केहू नइखे।
कुछ देर का बाद भीड़ कम भ‌इला पर रामबाबू आपना पत्नी के साथ उपर स्टेज पर जाके बर बधु का हाथ में एगो लिफाफा दिहलन ह, जवना में १०१ रूपया डालल रहल ह, आउर बर बधु के आशीर्वाद देके नीचे चल आइल ह लोग। बर बधु के एह गरीब लोग का साथे फोटो खिंचेके केहू जरूरत ना समझल ह। रामबाबू के पत्नी कहत बाड़ी जे सब लोग के बर बधु के साथ फोटो खिंचात बा हमनीं के ना खिंचाई। एहपर रामबाबू कहत बाड़े जे फोटो भी आई पी लोग आउर अमीर लोग का साथे खिंचाला। गरीब रिश्तेदार का साथे फोटो ना खिंचाला काहे कि हमनी नीमन कपड़ा में ना बानीसन। हमनी अब ओह दर्जा में न‌इखीं। चल के कुछ खाना खा ल, आउर घर लौटे के तैयारी करऽ।
स्टेज से नीचे आके रामबाबू के पत्नी बोलली जे सब लोग खड़ा होके खाना खा रहल बाटे। हमरा से खड़ा होके खाना ना खाइल जाई। तब रामबाबू आपना पत्नी से बोललन जे एह समय हमनी के केहू भीड़ भाड़ में पुछबो ना करी। तू एक जगह कुर्सी पर बैठ जा आउर हम खाना ले आवत बानी। एह तरह से रामबाबू अपने तथा पत्नी के खाना खिलवलन। वास्तव में शिवचरन बाबू तथा परिवार के केहू भी सदस्य आई पी लोग आउर अमीर लोग एवं रिश्तेदार छोड़ के एह सब लोग के पुछे खातिर ना आइल।
आज गाँव से लेके शहर तक हमनी के समाज अइसन हो ग‌इल बा जहाँ बड़ेपन के दिखावा खातिर सिर्फ बड़े औकात वाले रिश्तेदार, कुछ मशहूर लोग एवं भी आई पी लोग के ही कौनो मौका पर खातिर करे में परिवार के सब लोग एवं दूसरे लोग भी लागल रहत बा। निमंत्रण आउर नेवता पाके भले गरीब, कमजोर आउर पुराना रिश्तेदार लोग शादी आउर स्वागत समारोह में शामिल होखे खातिर चल जाता लेकिन ओह लोग के ढंग से स्वागत करे वाला आउर ओह लोग पर ध्यान देवे वाला केहू नइखे देखात। 
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