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मानवाधिकार संरक्षण राष्ट्रवाद का आधार स्तंभ : डॉ. विवेकानंद मिश्र

मानवाधिकार संरक्षण राष्ट्रवाद का आधार स्तंभ : डॉ. विवेकानंद मिश्र

  • विश्व मानवाधिकार दिवस पर डॉक्टर विवेकानंद पथ, गया में हुआ विचारोत्तेजक आयोजन
गया। विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच की ओर से डॉक्टर विवेकानंद पथ, गोल बगीचा में एक गरिमामयी तथा विचारोत्तेजक समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासभा एवं मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. विवेकानंद मिश्र ने की।

अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. मिश्र ने कहा कि मानवाधिकार किसी सत्ता, शासन या संविधान की देन नहीं, बल्कि मनुष्य की आत्म-प्रतिष्ठा का जन्मसिद्ध विधान हैं। उन्होंने कहा कि अधिकार तभी सुरक्षित रहते हैं जब व्यक्ति अपने कर्तव्यों का निष्ठापूर्वक पालन करे। युवाओं को संबोधित करते हुए उन्होंने आधुनिक समय की चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि राष्ट्रवाद की असली शक्ति मानवता, संवेदना और जिम्मेदारी से उपजती है।

समारोह के संरक्षक पंडित राधामोहन मिश्र ने भारतीय संस्कृति के मानवीय दर्शन का स्मरण कराते हुए कहा कि भारत में अधिकार सदैव लोककल्याण, सहअस्तित्व और आत्मनियंत्रण में निहित रहे हैं। उन्होंने बढ़ती संवेदनहीनता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि समाज में परस्पर सम्मान और विनम्रता ही मानवाधिकारों की रक्षा का मूल सूत्र है।

वैदिक विद्वान आचार्य सचिदानंद मिश्र ने वेद–शास्त्रों के संदर्भ से कहा कि मनुष्य की पहचान उसके आचरण से होती है, दावों से नहीं। उन्होंने मानवाधिकारों को करुणा, समभाव और संयम की त्रिएक धारा बताते हुए कहा कि इनका पालन ही मानवाधिकारों को वास्तविक अर्थ प्रदान करता है।

कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने भी मानवाधिकार पर अपने विचार रखे। छात्र दिव्यांशु कुमार ने कहा कि युवाओं को अधिकारों की चर्चा के साथ-साथ कर्तव्यों के पालन और अनुशासन को भी उतना ही महत्व देना चाहिए। न्यायप्रियता और संवेदनशीलता यदि युवा अपनाते हैं, तो समाज में मानवाधिकार स्वतः सुरक्षित रहेंगे।

समारोह में यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि अधिकारों की रक्षा केवल कानूनों से नहीं, बल्कि कर्तव्यनिष्ठा, सदाचार और मानवीय संवेदना से ही संभव है।
यह आयोजन विचार, संस्कृति और मानवीय मूल्यों का अद्वितीय संगम सिद्ध हुआ।

कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख लोग
डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. रविंद्र कुमार, लवली, पूनम, पूजा कुमार, कुमारी आरती मिश्रा, संदीप पांडे, ज्योति मिश्रा, नीलम कुमारी, फूल कुमारी, डॉ. मृदुल मिश्रा, डॉ. शिव, फातिमा नुसरत जहां, वरिष्ठ अधिवक्ता याहिया खान आरिफ, राकेश कुमार, दीपक पाठक, अधिवक्ता किशोर कुमार, रंजीत पाठक, पवन मिश्र, उमेश कुमार राय, पवन कुमार, सूरज कुमार, नीरज कुमार वर्मा, अभय सिंह, नीरज कुमार, शंकर प्रसाद, श्रीवर्धन यादव, बिंदु कुमारी, शिव शंकर प्रजापति, श्रीवर्धन, करण कुमार, शंभू गिरी और प्रियांशु मिश्रा सहित कई गणमान्य उपस्थित रहे।

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