Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सुबह की याद

सुबह की याद

 जय प्रकाश कुवंर
सभी अपने नजदीक नहीं होते,
कुछ दूर तो कुछ पास रहते हैं।
दिल के कोने में छुपे बैठे रहकर,
रोज दुआ प्रणाम कुछ ही कहते हैं।।
ऐसा नहीं की उन्हें भूल गए हैं हम,
वे लोग सदा यादों में बसते हैं।
दूनियादारी की तमाम व्यस्तता में भी,
कुछ से संबाद वाट्सएप पर होती है।
कुछ अपनों से संबाद फेसबुक आदि पर ,
समय समय से हो ही जाती है।।
उनमें कुछ ऐसे भी हैं जो,
हर सुबह गुडमॉर्निंग और दुआ भेजते हैं।
अपनों की इस भरी जमात में,
वो लोग कुछ खास ही होते हैं।।
दिन गुजरता जा रहा है,
जीवन यात्रा हर रोज घटते जा रही है।
ऐसे में मेरे प्यारे दोस्तों और अपनों,
याद तुम्हारी बरबस दिल में आ रही है।।
मेरे सभी दोस्तों को मेरा
सुबह सुबह का प्रणाम 🙏🙏
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ