Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पथार सुखावल

पथार सुखावल

 जय प्रकाश कुवंर
माई धुप में पथार पसारत बाड़ी।
बबुआ कहस जे,
माई अनाज छिटत बाड़ी।।
जनमल बाड़ ऽ गाँव में,
अनाज ना सुखेला छांव में।।
पढ़ लिख के अइसन काहे भ‌इलऽ।
अबहियों भकचोन्हर रह ग‌इल ऽ।।
धुप में मक‌ई पसारल बा।
चटाई बिछा के ओपर छितारल बा।।
माई हाथ से चलावत बाड़ी।
उलिट पलिट के सुखावत बाड़ी।।
जब पथार खुब सुख जाई।
तब बटोर के भूंजा भूंजाई।।
भूंजा सतुआ अइसहीं बनेला।
माई से सिखऽ घर क‌इसे चलेला।।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ