मोदी जी,अरावली निर्णय पर करें पुनर्विचार
कुमार महेंद्रसिसक रहीं अरावली वादियां,
आघातित रजपूती स्वाभिमान ।
विह्वल लोक रंग अठखेलियां,
मंद मरुस्थली मोहक मुस्कान ।
रज रज अंतर रुदन विलाप,
धूमिल उज्ज्वल भविष्य आधार ।
मोदी जी,अरावली निर्णय पर करें पुनर्विचार ।।
विश्व प्राचीनतम वलित श्रृंखला,
प्राणी जग हित जीवन रेखा ।
उत्संग पोषित जैव विविधता,
हृदय आंगन आशा उमंग लेखा ।
सुरक्षा कवच प्राकृतिक आपदा,
सदा नियंत्रित रेगिस्तान विस्तार ।
मोदी जी,अरावली निर्णय पर करें पुनर्विचार ।।
इतिहास संस्कृति गौरव स्थली,
राजस्थानी आन बान शान ।
किले महल मंदिर छटा मनोहर,
शक्ति अस्तित्व दिव्य पहचान ।
अमूल्य खनिज संपदा केंद्र,
पर्यटन आजीविका अवसर अपार ।
मोदी जी,अरावली निर्णय पर करें पुनर्विचार ।।
नव परिभाषा अव्यवहारिक,
भावी जीवन संकट संकेत ।
अनंत क्षति प्रकृति आंचल,
संतप्त खेत खलिहान निकेत ।
भावी पीढ़ी खुशहाली हित,
करबद्ध निवेदन कृपया स्वीकार ।
मोदी जी,अरावली निर्णय पर करें पुनर्विचार ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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