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दमदम, कोलकाता: सर्वधर्म सम्मेलन में ब्राह्मण भूषण प्रेमचंद्र झा सम्मानित

दमदम, कोलकाता: सर्वधर्म सम्मेलन में ब्राह्मण भूषण प्रेमचंद्र झा सम्मानित

कोलकाता (दमदम)। भवा पगला द्वारा आयोजित महामिलन मठ, दमदम में आयोजित भव्य सर्वधर्म सम्मेलन में सामाजिक-धार्मिक क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए ब्राह्मण भूषण प्रेमचंद्र झा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न धर्मों, संप्रदायों और संगठनों से जुड़े साधु-संत, महात्मा, विद्वान एवं समाजसेवी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

सम्मान ग्रहण करने के बाद प्रेमचंद्र झा ने अपने संबोधन में पूज्यपाद जगद्गुरु शंकराचार्य गोवर्धन पीठाधीश्वर महाराज द्वारा चलाए जा रहे अभियानों की विस्तृत जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि भव्य भारत के निर्माण के लिए बच्चों में संस्कारों का संचार अत्यंत आवश्यक है। आज की पीढ़ी तेजी से पश्चिमी सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही है, जिससे सनातन परंपराओं से दूरी बढ़ रही है। इस प्रवृत्ति को संतुलित करने के लिए परिवार, समाज और धार्मिक संस्थानों को मिलकर प्रयास करना होगा।

श्री झा ने साधु-संतों, महात्माओं और भक्तों से आग्रह किया कि संगोष्ठी, सेवा कार्य और सत्संग के माध्यम से साप्ताहिक गोष्ठियों का आयोजन किया जाए, ताकि हिंदू समाज को वैचारिक रूप से जोड़ा जा सके। उनका कहना था कि संगठित, संस्कारित और जागरूक समाज ही राष्ट्र निर्माण की दिशा में निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

कार्यक्रम के संयोजक आचार्य गोपाल खत्री ने श्रीमद्भगवद्गीता के संदर्भ देते हुए भगवान श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों को स्मरण कराया। उन्होंने कहा कि धर्म और आत्मसम्मान की रक्षा के लिए साहस, अनुशासन और आत्मबल आवश्यक है। उनके अनुसार, आत्मरक्षा के प्रश्न पर समाज को सजग रहना चाहिए और धर्मसम्मत मार्गों पर चलते हुए अपने अस्तित्व की रक्षा करनी चाहिए।

सम्मेलन में विवेकानंद इंटरनेशनल वैदिक सोसाइटीज के स्वामी अच्युतानंद पुरी, सिख समाज से मनमोहन सिंह, विश्व हिंदू परिषद के प्रीत अरुण चट्टोपाध्याय, अशोक प्रसाद सहित अन्य वक्ताओं ने भी अपने-अपने विचार रखे। वक्ताओं ने आपसी सौहार्द, सांस्कृतिक चेतना, सामाजिक समरसता और युवाओं में नैतिक मूल्यों के संवर्धन पर बल दिया।

कार्यक्रम का समापन सामूहिक प्रार्थना और सामाजिक एकता के संदेश के साथ हुआ। आयोजकों ने इसे समाज में संवाद, समन्वय और संस्कार को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया।
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