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दिसंबर 2025 के महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार

दिसंबर 2025 के महत्वपूर्ण व्रत त्यौहार

हर हर महादेव!!
मैं आप सबको और आप सबके हृदय में विराजमान ईश्वर को प्रणाम करता हूं और धन्यवाद करता हूं।
अंग्रेजी कैलेंडर का दिसंबर महीना भारतीय पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष और पौष का मिला-जुला महीना होता है। मार्गशीर्ष और पौष माह के अधिपति देवी देवताओं नमन करते हुए चर्चा आरंभ करते हैं दिसंबर 2025 ई के कुछ महत्वपूर्ण व्रत और त्योहारों के बारे में।
4 दिसंबर 2025 तक मार्गशीर्ष का महीना होगा। 5 दिसंबर 2025 से 3 जनवरी 2026 ई तक पौष का महीना होगा। 5 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक पौष कृष्ण पक्ष होगा। यह पक्ष पूरे 15 दिनों का है। इस पक्ष के तीन शुक्रवार शुभ फल कारक होंगे। 20 दिसंबर 2025 से 3 जनवरी 2026 तक पौष शुक्ल पक्ष होगा। इस पक्ष में प्रतिपदा तिथि की वृद्धि एवं नवमी तिथि का क्षय भी हो गया है। इस प्रकार यह पक्ष पूरे 15 दिनों का है।
1 दिसंबर सोमवार को मोक्षदा एकादशी का व्रत गृहस्थ एवं वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। आज गीता जयंती भी है। आज के ही दिन कुरुक्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था। जैन समुदाय में इसे मौन एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।
2 दिसंबर मंगलवार को भौम प्रदोष व्रत होगा।
3 दिसंबर बुधवार को आनंद त्रयोदशी व्रत होगा। काशी के पिशाच मोचन में अतृप्त आत्माओं की शांति के लिए श्राद्ध कर्म 3 दिसंबर बुधवार को ही किया जाएगा। काशी की अंतर्गृही परिक्रमा भी आज ही की जाएगी।
4 दिसंबर गुरुवार को क्षयवती पूर्णिमा तिथि का मान होगा। आज स्नान दान व्रत की पूर्णिमा होगी।
7 दिसंबर रविवार को संकष्टी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
12 दिसंबर शुक्रवार को रुक्मणी अष्टमी का मान होगा। इसमें माता रुक्मणी एवं भगवान प्रद्युम्न की प्रतिमा को षोडशोपचार विधि से पूजित करके कम से कम 8 सौभाग्यवती स्त्रियों को भोजन करा कर वस्त्र आदि से सम्मानित करना सौभाग्यप्रद माना जाता है।
14 दिसंबर रविवार को जैन जगत का पार्श्वनाथ जन्म कल्याणक मनाया जाएगा।
15 दिसंबर सोमवार को सफला एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा। इस एकादशी में भगवान को नैवेद्य में बेल, बिजौर, जंबीरी, नारियल, अनार इत्यादि का भोग अर्पित करके पुण्य फल प्राप्त किया जाता है।
16 दिसंबर मंगलवार को धनु संक्रांति है। आज से खरमास आरंभ हो जाएगा।
17 दिसंबर बुधवार को प्रदोष व्रत होगा।
18 दिसंबर गुरुवार को मासिक शिवरात्रि व्रत होगा।
19 दिसंबर शुक्रवार को स्नान दान श्राद्ध की अमावस्या होगी।
21 दिसंबर रविवार को चंद्र दर्शन होगा।
आज वर्ष भर का सबसे छोटा दिन होगा। आज दिन का समय छोटा होगा। रात्रि का समय लंबा होगा।
23 दिसंबर मंगलवार को अंगारकी वैनायकी श्री गणेश चतुर्थी का व्रत होगा।
25 दिसंबर गुरुवार को ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्मदिन क्रिसमस डे के रूप में मनाया जाएगा।
आज काशी हिंदू विश्वविद्यालय के संस्थापक पंडित मदन मोहन मालवीय का भी जन्मदिवस मनाया जाएगा। साथ ही भारत वर्ष के यशस्वी प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती भी आज ही मनाई जाएगी।
27 दिसंबर शनिवार को प्राचीन तिथि मत के अनुसार सिक्खों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। विशेष रूप से बिहार प्रांत के पटना साहिब स्थित गुरु गोविंद सिंह के जन्म स्थल गुरुद्वारा में बड़े धूमधाम से यह त्यौहार मनाया जाता है। विश्व भर के सिक्ख भक्त जन यह उत्सव मनाने के लिए पटना पहुंचते हैं।
30 दिसंबर मंगलवार को पुत्रदा एकादशी का व्रत गृहस्थ और वैष्णव दोनों के लिए सर्वमान्य होगा।
31 दिसंबर बुधवार को इसाई कैलेंडर के अनुसार वर्ष का अंतिम दिन होगा। आज ई सन 2025 समाप्त हो जाएगा।
विशेष टिप्पणी:
3 दिसंबर बुधवार को दिन के 11:32 पर भगवान सूर्य ज्येष्ठा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सोना, चांदी, खाद्यान्न, सरसों, ऊनी वस्त्र एवं मादक द्रव्यों के मूल्य में तेजी आएगी। चावल और चीनी का भंडार भरेगा। सर्दी का मौसम अपना रंग दिखाना शुरू कर देगी। 16 दिसंबर मंगलवार को दिन के 1:24 पर भगवान सूर्य मूल नक्षत्र एवं धनु राशि में प्रवेश करेंगे और इसी के साथ खरमास प्रारंभ हो जाएगा। 11 दिसंबर के आसपास मौसम एकाएक करवट लेगा तथा वर्षा होने की संभावना बनेगी। पहाड़ों पर हिमपात भी शुरू हो जाएगा। सर्दी का प्रकोप देखने को मिलेगा। वैसे भी पौष का महीना कोहरा तुषार पात दोनों का आपस में गहरा संबंध है। दैनिक उपभोग में आने वाली वस्तुओं फल, दूध, सब्जी, खोवा, छेना, पनीर का भाव सस्ता होगा। पूरा उत्तर भारत भयंकर सर्दी की चपेट में आने लगेगा। पौष पूर्णिमा से ही प्रयाग में माघ मेला, कल्पवास तथा स्नान दान इत्यादि प्रारंभ हो जाता है। 29 दिसंबर सोमवार को दिन के 2:15 पर भगवान सूर्य पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। जिसके कारण तिल, तेल, गूग्गुल, हल्दी, चपड़ी, कपूर, ऊनी वस्त्र, सन, चांदी, अफीम इत्यादि के भाव में वृद्धि होगी। 20 दिसंबर 2025 से 3 जनवरी 2026 ई के बीच पौष शुक्ल पक्ष के तीन शनिवार एवं शनिवार की अमावस्या तथा चतुर्ग्रही योग के कारण दैवी प्राकृतिक आपदा का प्रकोप देखने को मिलेगा। 30 दिसंबर के आसपास मौसम फिर करवट लेगा। वर्षा, हिमपात, हिमस्खलन के योग बन रहे हैं। कुल मिलाकर यह पक्ष देश और दुनिया के लिए अशुभ साबित होगा।
विशेष परामर्श:-
वर्तमान समय में गोचर में देवगुरु बृहस्पति अतिचारी होकर उच्च राशि में संचरण कर रहे हैं। अतिचारी बृहस्पति का यह प्रभाव अभी से लेकर वर्ष 2033 तक चलने वाला है। इस समय विशेष में पूरे विश्व में अजीबोगरीब दुर्घटनाएं होंगी। कई सारी मुसीबतें आएंगी। भारी संकटों का सामना करना पड़ेगा। ऐसी स्थिति में सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु भगवान की शरण में रहकर उनका यह मंत्र प्रत्येक व्यक्ति को यथा संभव दिन में, रात में जाप करते रहना चाहिए। जिससे सृष्टि के पालनहार श्री हरि विष्णु भगवान हम सब की रक्षा करें। हमारे जीवन को संकटों से मुक्त करें।
मंत्र है:
"ॐ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने।
प्रणत: क्लेशनाशाय गोविंदाय नमो नमः॥"
इसका अर्थ है कि "वासुदेव के पुत्र, श्रीकृष्ण, जो परमात्मा हैं, उन्हें बार-बार नमस्कार है। जो हमारे सभी क्लेशों और दुखों को दूर करते हैं, उन गोविंद को मेरा सादर नमन है।" 🙏
इति शुभमस्तु!!कल्याणमस्तु!!
लेखक:रवि शेखर सिन्हा उर्फ आचार्य मनमोहन।ज्योतिष मार्तंड एवं जन्म कुंडली विशेषज्ञ।

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