नेहरू जयंती पर संगोष्ठी : “नेहरू का समाजवाद केवल आर्थिक सिद्धांत नहीं, जीवन-दर्शन भी” — डॉ. विवेकानंद मिश्रा
गया, 14 नवम्बर। पंडित जवाहरलाल नेहरू जी की जयंती एवं बाल दिवस के अवसर पर भारतीय राष्ट्रीय ब्राह्मण महासभा एवं कौटिल्य मंच के संयुक्त तत्वावधान में डॉक्टर विवेकानंद पथ, गोलबगीचा स्थित परिसर में एक आभासी विचार-संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में शहर के अनेक शिक्षाविद, विद्वान, समाजसेवी, छात्र एवं गणमान्य नागरिकों ने भाग लेकर अपने विचार व्यक्त किए।
“बालक राष्ट्र की वास्तविक शक्ति”— आचार्य सच्चिदानंद मिश्रा
कार्यक्रम का शुभारंभ वरिष्ठ समाजसेवी आचार्य पंडित सच्चिदानंद मिश्रा (न इकी) ने किया। उन्होंने कहा कि बालक ईश्वर की सर्वोत्तम कृति हैं। उनमें निहित पवित्रता, सत्यनिष्ठा और निष्कलुषता ही राष्ट्र की असली शक्ति है। आज के समय में बच्चों के सामने अनेक प्रलोभन और चुनौतियाँ हैं, ऐसे में अभिभावकों और शिक्षकों का दायित्व है कि वे उन्हें धर्म, नीति और संस्कारों की जड़ों से जोड़कर रखें।
उन्होंने चेताया कि यदि शिक्षा केवल परीक्षा-उत्तीर्ण करने का माध्यम बनकर रह जाएगी तो समाज का पतन निश्चित है। शिक्षा का उद्देश्य सदाचार और राष्ट्रसेवा होना चाहिए।
“संस्कारहीन बालक समाज के भविष्य को अंधकारमय कर देंगे”— आचार्य राधा मोहन मिश्रा ‘माधव’
मुख्य अतिथि आचार्य राधा मोहन मिश्रा माधव ने कहा कि वर्तमान युग भले ही तकनीकी विकास का युग हो, परंतु नैतिकता और संवेदनशीलता का क्षय तीव्र गति से हो रहा है। यदि बालक संस्कारों से दूर हो जाएंगे तो समाज का भविष्य अंधकारमय हो जाएगा।
“नेहरू जी से शिक्षक प्रेरणा लें”— डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज
ज्योतिष शिक्षा एवं शोध संस्थान के निदेशक डॉ. ज्ञानेश भारद्वाज ने कहा कि नेहरू जी का व्यक्तित्व इस बात का उदाहरण है कि बालकों के हृदय में प्रेम, विश्वास और प्रोत्साहन के बीज किस प्रकार बोए जाएँ।
उन्होंने कहा कि हर शिक्षक को पंडित नेहरू से प्रेरणा लेनी चाहिए।
संगोष्ठी में अनेक विद्वानों ने रखे विचार
सभा में चरण बाबू डालमिया, डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. रविंद्र कुमार, रूबी कुमारी, बबलू बाबा, रानी मिश्रा, आचार्य सुनील कुमार पाठक, अमरनाथ पांडे, अक्षय कुमार बिठल, शंभू गिरी, राजीव नयन पांडेय, रंजीत पाठक, पवन मिश्रा, नीरज वर्मा, प्रो. सुनील कुमार मिश्रा, डॉ. छोटे बाबू, डॉ. मंटू मिश्रा, शोभा देवी, अशोक कुमार गुप्ता, देवेंद्र नाथ मिश्रा, किरण पाठक, डॉ. मनाली, रश्मि रंजीनी पांडे, मनीष कुमार, डिंपल कुमारी, ज्योति कुमारी, तरन्नुम तारा, तस्लीम नुसरत, आयशा परवीन, इशरत जमील, अधिवक्ता दीपक पाठक, विश्वजीत चक्रवर्ती, ऋषिकेश और शंभू गुर्दा सहित अनेक लोगों ने सहभागिता की।
“भारत की आत्मा उसके बालकों में निवास करती है”— डॉ. विवेकानंद मिश्रा
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए डॉ. विवेकानंद मिश्रा ने कहा कि भारत की आत्मा उसके बच्चों में बसती है और वही आने वाले कल के राष्ट्रनिर्माता हैं।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नेहरू जी जातिगत पूर्वाग्रहों, कट्टरता और सामाजिक विषमताओं को व्यवहार, बुद्धिमत्ता और संतुलित विचारों के माध्यम से समाप्त करने के पक्षधर थे।
डॉ. मिश्रा ने कहा—
“नेहरू जी का समाजवाद केवल आर्थिक सिद्धांत नहीं, बल्कि एक व्यापक जीवन-दर्शन है, जो मानवता, समानता, सहअस्तित्व और उदारता पर आधारित है।”
धन्यवाद ज्ञापन विष्णुपद मंदिर प्रबंधन समिति के सचिव गजाधर लाल पाठक ने किया। उन्होंने कहा कि नेहरू जी केवल राजनेता नहीं थे, बल्कि मानवता के उपासक थे जिनके हृदय में सदैव बच्चों के प्रति अथाह प्रेम और करुणा थी।
पंचानपुर रोड स्थित क्लीनिक में भी नेहरू जयंती मनाई गई
गया पंचानपुर रोड स्थित डॉ. दिनेश कुमार सिंह की क्लीनिक में भी पंडित नेहरू जयंती मनाई गई तथा उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर चर्चा की गई।
इस कार्यक्रम में डॉ. दिनेश कुमार सिंह, डॉ. विवेकानंद मिश्रा, डॉ. रविंद्र कुमार, महेंद्र दास निरंकारी, नरेश कुमार एवं डॉ. मनाली कुमारी प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
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