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कई मतदाताओं के कटे नामों से निराशा, पर जिन्‍होंने दिया वोट — उनके चेहरों पर दिखी लोकतंत्र की खुशी

कई मतदाताओं के कटे नामों से निराशा, पर जिन्‍होंने दिया वोट — उनके चेहरों पर दिखी लोकतंत्र की खुशी

पटना, 6 नवम्‍बर:
बिहार विधानसभा चुनाव के मतदान दिवस पर जहाँ एक ओर कई मतदाता अपने नाम मतदाता सूची से गायब पाकर मायूस नज़र आए, वहीं जिन्‍होंने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, उनके चेहरों पर गर्व और खुशी साफ झलक रही थी।

राजधानी पटना, भोजपुर, समस्तीपुर और गया समेत कई जिलों से शिकायतें मिलीं कि कई पुराने मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से गायब थे। कुछ मतदाताओं ने कहा कि हर चुनाव में वोट डालने के बावजूद इस बार उन्हें "आपका नाम सूची में नहीं है" कहकर लौटा दिया गया।

चांदपुर बेला निवासी श्री अमर कुमार ने बताया, “मैं जन्म से यही रहता हूँ और पिछले दस साल से, हर बार वोट डालता हूँ, लेकिन इस बार जब वोट देने पहुँचा तो नाम ही गायब था। बहुत दुख हुआ।”
वहीं, बोरिंग रोड की श्रीमती पुष्पा देवी ने कहा, “सुबह-सुबह तैयारी करके पहुँचे थे, लेकिन पर्ची में नाम नहीं मिला। अब अगली बार सुधार जरूर करवाएँगे।”

हालाँकि, जिनका नाम सूची में था, उन्होंने पूरे जोश और उमंग से मतदान किया। पहली बार वोट देने वाली कॉलेज छात्रा प्राची कुमारी ने मुस्कुराते हुए कहा, “यह मेरे जीवन का यादगार पल है। जब EVM पर बटन दबाया तो लगा जैसे देश के भविष्य में मेरी भी भागीदारी है।”

कई मतदान केंद्रों पर युवाओं और महिलाओं की सक्रियता देखने लायक थी। कुछ जगहों पर बुजुर्ग मतदाता भी बैसाखी या परिजनों के सहारे मतदान केंद्र तक पहुँचे। कदमकुआं निवासी रामलाल सिंह (78 वर्ष) ने बताया, “जब तक जिंदा हूँ, वोट डालता रहूँगा। यही तो लोकतंत्र की ताकत है।”

मतदाता सूची से नाम कटने की शिकायतों के बावजूद मतदान केंद्रों पर उत्साह कम नहीं हुआ। जगह-जगह लोग कतारों में खड़े होकर “पहले मतदान, फिर जलपान” का संदेश साकार करते दिखे।

स्थानीय अधिकारी ने बताया कि कुछ क्षेत्रों में नामों की छंटनी पुनरीक्षण के दौरान तकनीकी कारणों से हुई है। “जिन लोगों के नाम कट गए हैं, वे अगली सूची संशोधन प्रक्रिया में शिकायत दर्ज करा सकते हैं,” अधिकारी ने कहा।


जहाँ कुछ लोगों को अपने नाम गायब मिलने से निराशा हुई, वहीं जिन्होंने वोट दिया, उनके चेहरे पर आत्मसंतोष और लोकतांत्रिक गर्व झलकता रहा। मतदाता सूची की गड़बड़ियों के बावजूद बिहार की जनता ने एक बार फिर यह साबित किया कि लोकतंत्र की असली ताकत जनता के हाथों में है।
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