अंत्योदय से प्रस्फुटित भारतोदय की स्वर्णिम भोर
विकसित राष्ट्र स्वप्न वेदी,
अंतिम व्यक्ति उत्थान अहम ।
उत्तम व्यवस्था जीवन व्यापन,
भोजन आवास खुशियां पैहम ।
शिक्षा चिकित्सा सहज सुलभ,
रोजगार कौशल विकास पुरजोर ।
अंत्योदय से प्रस्फुटित भारतोदय की स्वर्णिम भोर।।
आधारभूत प्रौद्योगिकी ज्ञान,
स्वच्छ स्वस्थ आभामय परिवेश ।
सकारात्मक सोच उन्नति प्रयास,
मधुर व्यवहार मृदुल भावेश ।
शिक्षा संग सुसंस्कार सरिता,
हर कदम श्रम उपासना ओर।
अंत्योदय से प्रस्फुटित भारतोदय की स्वर्णिम भोर ।।
शुद्ध सात्विक विचारधारा,
नैतिक सदाचारित दिनचर्या ।
संबंध अंतर अपनत्व ज्योत,
कर तत्पर वरिष्ठजन परिचर्या ।
दूर जाति धर्म क्षेत्र भाषा विभेद,
अंतःकरण राष्ट्र प्रेम सराबोर ।
अंत्योदय से प्रस्फुटित भारतोदय की स्वर्णिम भोर ।।
पालन निज संस्कृति मर्यादा,
संविधान परिधि काम काज ।
अधिकार पूर्व कर्तव्य निर्वहन,
अवांछित विरुद्ध मुखर आवाज ।
सर्वत्र समता समानता दर्शन,
पारदर्शिता शासन तंत्र छोर ।
अंत्योदय से प्रस्फुटित भारतोदय की स्वर्णिम भोर ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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