आम्रपाली की हर अदा निराली
मुखमंडल गुलाबी प्रभा,
दृष्टि अंतर प्रीत अथाह ।
भाव भंगिमा चारु चंद्र सम,
उभार बिंदु अमिय प्रवाह ।
चाल ढाल चंचल मयूरी,
नयनन मादकता उजाली ।
आम्रपाली की हर अदा निराली ।।
अंग प्रत्यंग यौवन निर्झर,
सौंदर्यता चरम बिंदु ।
सरस मधुर नृत्य प्रस्तुति,
पुष्पक प्रणय अंतर सिंधु ।
रूप अनुपमा सम्मोहिनी,
लोक लिप्सा लावण्य उगाली ।
आम्रपाली की हर अदा निराली ।।
कामिनी छटा अति मनोरम,
चूड़ी पायल मधुर खनक ।
अधर मधु रस महासागर,
शब्द संकेत खुशियां जनक ।
देह पटल कमनीय उषा,
रग रग उत्साह उमंग खुशहाली ।
आम्रपाली की हर अदा निराली ।।
केश लहर निशि वरण,
शील सौम्य हाव भाव ।
अंतःकरण नेह हिलोर,
मस्त मलंग जीवन नाव ।
मगध रक्षा सम्मान अभिजागर,
उपमा प्रसिद्धि नगर वधु वैशाली ।
आम्रपाली की हर अदा निराली ।।
मनुदेव बिम्बसार अजातशत्रु,
उदयभद्र प्राप्त प्रणय सौभाग्य ।
अंत तज जगत मोह माया,
उन्मुख श्रद्धा भक्ति वैराग्य ।
बौद्ध संघ अंतर प्रथम महिला,
तथागत कृपा संग धन्य रूपाली ।
आम्रपाली की हर अदा निराली ।।
कुमार महेन्द्र
(स्वरचित मौलिक रचना)दिनांक 22/10/2025
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