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दुर्गेश मोहन को मिला अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न सम्मान

दुर्गेश मोहन को मिला अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न सम्मान

  • शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान

पटना, 7 अक्टूबर।
अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के अवसर पर बिहार के समस्तीपुर जिले के मूल निवासी तथा साहित्यकार दुर्गेश मोहन को “अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न” मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। यह सम्मान नेपाल की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था “शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रीय सम्मान फाउंडेशन” द्वारा प्रदान किया गया।

यह सम्मान समारोह ऑनलाइन माध्यम से आयोजित किया गया था, जिसमें भारत और नेपाल सहित विभिन्न देशों से शिक्षक एवं साहित्यकारों ने भाग लिया। इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस कविता प्रतियोगिता का भी आयोजन हुआ, जिसमें देश-विदेश के 2143 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने प्रतिभाग किया। इनमें से 214 शिक्षकों को उत्कृष्ट रचनाओं के आधार पर “अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक रत्न” उपाधि प्रदान की गई, जबकि 46 रचनाकारों को “अंतर्राष्ट्रीय शिक्षामित्र सम्मान” से सम्मानित किया गया।

संस्था के अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु ने कहा कि “दुर्गेश मोहन का शिक्षा एवं साहित्य दोनों ही क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान रहा है। उनकी रचनाएँ अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित और सम्मानित हो चुकी हैं, जिससे भारत-नेपाल के सांस्कृतिक संबंधों को भी नई दिशा मिली है।”

कार्यक्रम का उद्देश्य नेपाल-भारत के सामाजिक एवं सांस्कृतिक संबंधों को सुदृढ़ करना, हिंदी भाषा और देवनागरी लिपि के संरक्षण एवं संवर्धन को बढ़ावा देना, तथा शिक्षा व साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रतिभाशाली शिक्षकों को प्रोत्साहित करना था।

सम्मान प्राप्त करने के उपरांत दुर्गेश मोहन ने संस्था एवं अध्यक्ष आनंद गिरि मायालु के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि “यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि उन सभी शिक्षकों का है जो शिक्षा और साहित्य के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का प्रयास कर रहे हैं।”

ज्ञात हो कि दुर्गेश मोहन, समस्तीपुर जिले के चकवेदौलिया गांव के निवासी हैं तथा ब्रजनंदन मिश्र के पुत्र हैं। वर्तमान में वे पटना के बिहटा क्षेत्र में शिक्षण कार्य कर रहे हैं। उनके इस अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से बिहार के साहित्यिक जगत में हर्ष की लहर है, और शिक्षकों एवं साहित्य प्रेमियों द्वारा उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी जा रही हैं।

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