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सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन

सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन

हिंदू धर्म वैवाहिक बंधन,
जीवन दिव्य भव्य अनुष्ठान ।
द्वि पथिक दृढ़ प्रतिज्ञा,
हर पल संग आनंद आह्वान ।
परस्पर समर्पण पराकाष्ठा,
अंतर अनंत खुशियां मंडन ।
सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन ।।

वैदिक संस्कृति वैवाहिकी,
जन्म जन्मांतर आत्मिक संबंध ।
परम साक्षी पुनीत पावक,
भांवर संकल्प दैविक सुगंध ।
प्रथम व्रत उपासना तीर्थ,
वर वधु सह कदम संनादन ।
सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन ।।


द्वि एक दूज मात पिता आदर,
जीवन पर्यंत रक्षा तृतीय वचन ।
चतुर्थ परिवार दायित्व निर्वहन,
सुखद भविष्य योजन रचन ।
पंचम आय व्यय पारदर्शिता,
समानता प्रेम व्यवहार संजन ।
सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन ।।


घर बाहर हार्दिक मान सम्मान,
षष्ठम संकल्प अनूप रथ ।
पर नर नारी मर्यादित आचरण,
सप्तम निर्मल विमल शपथ ।
दांपत्य प्रेम अभिलाषा नित,
परस्पर मिलन सादर रंजन ।
सप्तपदी के वंदन में,परिणय का अभिनंदन ।।


कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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