बाल्मीकि जयंती के अवसर पर आर्य समाज का विशेष कार्यक्रम:

- सनातन और राम के विरोधी देश के सबसे बड़े गद्दार
ग्रेटर नोएडा। यहां पर आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के आवाहन पर ग्राम इमलिया का आर्य समाज की ओर से बाल्मीकि जयंती के अवसर पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में आर्य समाज के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने कहा कि सनातन और राम के विरोधी देश के सबसे बड़े गद्दार हैं। उन्होंने कहा कि श्रीराम के बिना सनातन रीढ़विहीन है। परंतु कुछ लोगों ने हिंदू समाज के ऐतिहासिक पात्रों की शिक्षाओं को धर्मनिरपेक्षता के नाम पर सांप्रदायिक और सांप्रदायिक धर्म गुरुओं की कट्टर और समाज विरोधी विचारधारा को देश के अनुकूल दिखाने का अभियान चला रखा है। जिनको पहचानना आवश्यक है। हमें इस प्रकार के सेकुलर गैंग से बचना होगा और अपने महर्षि वाल्मीकि जैसे पूर्वजों के चिंतन से शिक्षा लेनी होगी।
डॉ आर्य ने कहा कि भारत में ऐसे अनेक हिंदू राजा और क्रांतिकारी समाज सुधारक हुए हैं, जिन्होंने मिट्टी में मिले साम्राज्य को फिर से खड़ा किया और मुस्लिम हुकूमत को उखाड़ कर समाप्त कर दिया । जिन लोगों ने हिंदू जाति पर अत्याचार किया, उनके साम्राज्य को छिन्न-भिन्न करना यदि कोई सीख सकता है तो वह हिंदू जाति से ही सीखा जा सकता है। इसलिए अपने शानदार अतीत पर गर्व करते हुए वर्तमान को उसी के अनुरूप बनाने का संकल्प आज हमको लेना है। तभी हम स्वामी दयानंद जी, मर्यादा पुरुषोत्तम राम और वाल्मीकि ऋषि जैसे तपस्वी लोगों के सपनों का संसार बना पाएंगे।उन्होंने नई पीढ़ी में जोश भरते हुए कहा कि समय कुछ कर गुजरने का है ,बैठने का नहीं है। अभी नहीं तो कभी नहीं - के विचार को मजबूत करते हुए हमको आगे बढ़ना है। उन्होंने कहा कि भी विषम से विषम परिस्थिति के परली ओर आशा की नई किरण फूटती हुई दिखाई देती है। इन्हीं का सूत्र पकड़कर हम आगे बढ़ सकते हैं। अपने महापुरुष कृष्ण जी और दयानंद जी के जीवन से प्रेरणा लेनी है। जिन्होंने संसार की मुक्ति के लिए संघर्ष किया। उन्होंने अपने लिए मुक्ति या मोक्ष की कामना नहीं की बल्कि सारे संसार को बंधनों से मुक्त करने के लिए अपने जीवन खपा दिए । आज हमें उन्हीं का अनुकरण करते हुए कार्य करना है। आज आर्य समाज के लोगों को संकीर्ण मानसिकता से बाहर निकलना होगा।
इस अवसर पर जिला आर्य भाषा सभा के जिलाध्यक्ष ब्रह्मचारी आर्य सागर ने कहा कि आर्य समाज कभी भी अपने महापुरुषों का अपमान नहीं सहेगा। वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोग अध्ययन के अभाव से भी पीड़ित है। जिन्होंने भारत और भारतीयता को बदनाम करने का ठेका ले लिया है। इन्हें भारतीय वैदिक संस्कृति के बारे में क, ख , ग, की जानकारी नहीं है। इसके उपरांत भी जातिवाद, संप्रदायवाद, भाषावाद जैसी देशद्रोही मानसिकता को और सोच को परोसने का कार्य करते रहते हैं । अब हिंदू समाज को जागना होगा। जिसके नेतृत्व के लिए आर्य समाज अपने आप को प्रस्तुत करता है। इस अवसर पर उपस्थित आर्य जनों ने एक प्रस्ताव पारित कर हिंदू समाज की एकता परबल दिया। जातिवाद को हिंदू समाज की एकता में बड़ी बाधा मनकर इसके समूलोच्छेदन का भी संकल्प लिया।
संकल्प पत्र में कहा गया है कि देश की राजनीति में शुचिता लाने के लिए आर्य समाज देशद्रोही सेकुलर गैंग का पर्दाफाश करेगा। ब्रह्मचारी आर्य सागर ने कहा कि भारत की संस्कृति पर्व और त्योहारों की संस्कृति है। इसके प्रत्येक पर्व के पीछे कोई ना कोई वैज्ञानिक कारण है आज बाल्मीकि जयंती है। इस अवसर पर हमें अपने वाल्मीकि ऋषि के जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिल सकता है। उनके बारे में व्याप्त भ्रांतियों का निवारण करना आर्य समाज का काम है।
प्रधान विजेंद्र सिंह आर्य ने अपने संबोधन में कहा कि जिस देश की युवा पीढ़ी सो जाती है वह कभी आगे नहीं बढ़ पाता। युवाओं को जागकर आज सनातन का शंखनाथ करना होगा । आर्य समाज प्रत्येक क्षेत्र में अपने ऋषि पूर्वजों की संस्कृति को बचाने के लिए आंदोलन के लिए तैयार है।
स्वामी वेदानंद जी महाराज ने कहा कि नई पीढ़ी के भीतर अध्ययन करने के संस्कार को जागृत करना होगा। जिससे उन्हें वैचारिक ऊर्जा प्राप्त होगी। आज के समय में वैचारिक क्रांति की आवश्यकता है और यह तभी संभव है जब हम अपने धर्म ग्रंथों का अध्ययन नियमित समय निकालकर करना आरंभ करें। इसके लिए युवाओं से विशेष अपेक्षा की जाती है। स्वामी जी महाराज के द्वारा इस अवसर पर दो भजनों की शानदार प्रस्तुति भी हुई ।।इसी प्रकार एक देशभक्त का चेतावनी गीत महाशय संतराम द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर ब्रह्मप्रकाश आर्य, प्रधान विजेंद्र सिंह आर्य, राम सिंह आर्य, जिला उपाध्यक्ष महावीर सिंह आर्य, शिव मुनि जी महाराज, सतीश आर्य, रामप्रसाद आर्य, हर्ष स्वरूप आर्य, राजेंद्र सिंह आर्य, सुखबीर सिंह आर्य, मास्टर जयंती ,चरण सिंह आर्य, ब्रह्म सिंह आर्य आदि आर्य जन उपस्थित रहे। यज्ञ के ब्रह्मा स्वामी वेदानंद जी महाराज, महाशय राम प्रसाद आर्य, इंद्राज शास्त्री रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन आर्य सागर द्वारा किया गया। ज्ञात रहे कि यह कार्यक्रम श्री ब्रह्म प्रकाश आर्य के अनुज दौलत राम आर्य द्वारा अपने आवास पर आयोजित किया गया। श्री राम प्रसाद आर्य जी द्वारा यज्ञ के ब्रह्मा के रूप में परिवार के सभी सदस्यों को उपस्थित वरिष्ठजनों से आशीर्वाद दिलवाया गया। यज्ञ के उपरांत भोजन की भी व्यवस्था रही।
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