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हम बिहारी है,पर संस्कारी है.....

हम बिहारी है,पर संस्कारी है.....

संजय कुमार श्रीवास्तव गहमरी आचार्य सरस्वती विद्या मंदिर कदम कुआं पटना।
,, हम बिहारी है,पर संस्कारी है,, ऐसी उक्ति मैने इसलिए की है क्योंकि दिवाली उत्सव गया और दो महत्वपूर्ण उत्सव आने वाला है वह है छठ पूजा और लोकतंत्र उत्सव। बिहार शुरू से ही लोक आस्था और शुद्ध वातावरण में लोगों के विचार ,मित्रता, भाईचारा और पूजा और किसी उत्सव में अपने सच्ची भाव को दिखाता है। बिहार एक असीमता का प्रतीक है , माटी को सोना बनाना जानती है। आज लोकतंत्र में जितने भी प्रतिनिधि हैं उनके वरिष्ठ राजनेता है सब के सब ऊटपटांग भाषा का उपयोग कर रहे हैं,जनता उनकी सेवा में सोच विचार कर रही है, उनकी सच ने 99 गलत है 1 सच है। पर लोकतंत्र की रक्षा करना है ,हम सच्ची भागीदारी करेंगे और प्रतीक मतदान पर्व पर जागरूक करेंगे। एक मत, एक है भारी, हर बिहारी, सबसे भारी, ।दर्द का रिश्ता हैं, । रिश्ता कितना ही अपने से कटू क्यों न हो पर बिहार की एकता और शुद्ध वातावरण में लोगों में अखंडता को सम्मानित करना है तो संस्कारी है।

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