बर्मिंघम, यूके में बिहार का छठ पर्व 2025 भव्य स्तर पर मनाया जाएगा

बर्मिंघम, यूके – बिहार का प्रमुख पर्व छठ पूजा इस वर्ष एक बार फिर बर्मिंघम में भव्य रूप से मनाया जाएगा। “बिहारीज़ बियॉन्ड बाउंड्रीज़” संस्था द्वारा श्री वेंकटेश्वर बालाजी मंदिर में आयोजित यह कार्यक्रम भारत के बाहर मनाए जाने वाले सबसे बड़े छठ महापर्व आयोजनों में से एक माना जाता है। यह समूह, जो यूके में एक कम्युनिटी इंटरेस्ट कंपनी (CIC) के रूप में पंजीकृत है, बिहार, झारखंड और पूर्वांचल क्षेत्र के लोगों की संस्कृति, परंपरा और विरासत को सक्रिय रूप से बढ़ावा देता है।
समारोह का आयोजन:
26 से 28 अक्टूबर 2025 तक बिहार, झारखंड और पूर्वांचल से लगभग 500 परिवार इस उत्सव में शामिल होंगे।
बोकारो के अजय कुमार ने बताया, “पिछले वर्ष की तुलना में इस बार करीब 100 अतिरिक्त परिवार शामिल हो रहे हैं, जो समुदाय में छठ पूजा के प्रति अटूट श्रद्धा और उत्साह को दर्शाता है।”
इस अवसर के विशेष अतिथियों में यूके के पहले बिहारी सांसद श्री कनिष्क नारायण और भारतीय वाणिज्य दूतावास, बर्मिंघम के हेड ऑफ चांसरी श्री अमन बंसल शामिल रहेंगे।
भक्तों की सहभागिता:
पटना के निशांत नवीन के अनुसार, “इस वर्ष 20 भक्त छठ व्रत का पालन करेंगे। आयोजकों ने सभी आवश्यक पूजन सामग्री, अनुष्ठानिक वस्तुएं और आवास की व्यवस्था पहले से ही कर ली है। यूके स्थित भारतीय उच्चायोग के अधिकारी और स्थानीय पार्षद भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे, जो इस आयोजन के महत्व को दर्शाता है।”
विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ:
पटना के ऋषिकांत ने बताया कि यह आयोजन भोजपुरी, मगही, मैथिली और संथाली समुदायों को एक साथ जोड़ता है। समारोह में मधुबनी कला की प्रदर्शनी और पारंपरिक लोक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिससे दर्शकों को भारतीय संस्कृति का गहरा अनुभव मिलेगा।
बच्चों को सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने के लिए छठ पूजा चित्रांकन और गीत प्रतियोगिताएँ तथा छठ पूजा की परंपराओं पर आधारित एनिमेटेड कहानियों के सत्र आयोजित किए जाएंगे।
पूजा की तैयारियाँ:
राजीव सिंह ने बताया, “हमने छठ पूजा की तैयारियाँ चार महीने पहले ही शुरू कर दी थीं ताकि सभी पारंपरिक पूजन सामग्री पटना से मंगाकर समय पर यूके पहुँचाई जा सके। इसके अतिरिक्त, कुछ वस्तुएँ स्थानीय रूप से भी खरीदी गई हैं। आयोजन समिति छठ महापर्व 2025 के सुचारू संचालन के लिए पूरी मेहनत से काम कर रही है।”
शैक्षिक पहल:
राकेश गुप्ता ने कहा, “हम स्थानीय स्कूलों में छठ पूजा पर आधारित वीडियो भेज रहे हैं ताकि यूके में भी इस पर्व के महत्व के बारे में जागरूकता फैले — जैसे अब दीवाली, होली और अन्य भारतीय त्योहार मनाए और समझे जाने लगे हैं।”
सामुदायिक सहयोग और प्रसाद वितरण:
पवन कुमार ने बताया, “उत्सव के सुचारू संचालन के लिए स्वयंसेवक सक्रिय रूप से सहयोग कर रहे हैं, और पूरे यूके में ठेकुआ प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई है ताकि कोई भी परिवार इस आनंद से वंचित न रहे।”
यह भव्य आयोजन विदेश में भारतीय संस्कृति की अमर भावना को दर्शाता है और बर्मिंघम को भारत के बाहर मनाए जाने वाले सबसे बड़े छठ महापर्वों में से एक के प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करता है।जय छठी मइया! 🌅
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