Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से

(शारदीय नवरात्र__षष्ठम)

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से


वर्तमान विज्ञान प्रौद्योगिकी युग,

मां दुर्गा षष्ठी छवि पूजन विशेष ।

शोध अनुसंधान दक्षता मैया,

जीवन कृपा दृष्टि अधिशेष ।

जन्म जन्मांतर पाप मुक्ति,

ब्रजमंडल अधिष्ठात्री साधना से ।

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से ।।




केहरी आरूढ़ा मात भवानी,

दिव्य आभा चार भुजा धारी ।

दाएं कर अभय वर मुद्रा,

बाएं खड़ग कमल शोभा न्यारी ।

रोग संताप भय मूल विनिष्ट,

मां श्री चरण स्तुति प्रार्थना से ।

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से ।।




महर्षि कात्यायन सुता हित,

सौम्य सुशील नामकरण ।

भगवान श्री कृष्ण कुलदेवी,

पराशक्ति आस्था आवरण ।

सुख समृद्धि आनंद अथाह,

मां जगदंबे शक्ति भक्ति कामना से ।

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से ।।




महिषासुर मर्दिनी पराम्बा दुर्गे,

नवरात्र महिमा अपरम्पार ।

स्वर्ण भास्वर सम भव्य रूप,

साधक मन आज्ञा चक्र धार ।

जीवन पथ सदा शुभ मंगल,

अमोघ फलदायिनी आराधना से ।

पुरुषार्थ सहज सुफलन,मां कात्यायनी उपासना से ।।




*कुमार महेन्द्र*

(स्वरचित मौलिक रचना)

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ