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"अनुभूति की अमिट छाप"

"अनुभूति की अमिट छाप"

पंकज शर्मा
प्रिय मित्रों हम अक्सर सोचते हैं कि जीवन में हमारे शब्द एवं कर्म ही हमारे प्रभाव को परिभाषित करते हैं। हम गौरव महसूस करते हैं किसी अच्छे कथन पर, किसी महत्वपूर्ण कार्य को पूरा करने पर। लेकिन जीवन की गहन सच्चाई यह है कि समय के साथ लोग भूल जाते हैं कि हमने क्या कहा, एवं कौन-कौन से कर्म किए।

फिर भी, एक ऐसी शक्ति है जो स्मृति एवं संवेदना की गहराई में हमेशा अमिट रहती है—और वह है अनुभूति, भाव एवं स्पर्श। जब आप किसी के हृदय में स्नेह, विश्वास, आशा या प्रेरणा जगाते हैं, तो यह अनुभव उसके जीवन में स्थायी प्रभाव छोड़ जाता है। शब्द खो सकते हैं, कार्य भुला दिए जा सकते हैं, लेकिन जो महसूस कराया गया वह कभी नहीं मिटता।

इसलिए जीवन में हमारा असली उद्देश्य सिर्फ दिखावा या उपलब्धि नहीं होना चाहिए। हमें अपने हर संवाद, हर कर्म में यह सोचकर कदम बढ़ाना चाहिए कि हम किसके दिल में क्या भावना जगा रहे हैं। एक शिक्षक का स्नेह, एक मित्र का सहयोग, एक माता-पिता का प्रोत्साहन, या किसी अपरिचित के लिए किया गया छोटा सा अच्छा कार्य—यह सभी अनुभव दूसरों के जीवन में अमिट छाप छोड़ते हैं।

. स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित
✍️ "कमल की कलम से"✍️ 
 (शब्दों की अस्मिता का अनुष्ठान)
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