"आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए"

आज दिनांक 23.09.2025 को क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान, पटना अधीनस्थ सी.सी.आर.ए.एस, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 10वाँ आयुर्वेद दिवस के अवसर पर आयोजित प्रेस वार्ता में संस्थान प्रभारी डॉ. रोहित कुमार रावते ने जानकारी दी कि दिनांक 1 सितम्बर 2025 से 23 सितम्बर 2025 तक संस्थान द्वारा विविध प्रकार की जनजागरूकता एवं आयुर्वेद प्रचार-प्रसार की गतिविधियाँ सफलतापूर्वक आयोजित की गईं।
इस वर्ष आयुर्वेद दिवस 2025 की थीम "आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए" (Ayurveda for People & Planet) निर्धारित की गई, जो यह स्मरण कराती है कि आयुर्वेद केवल मानव स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण पृथ्वी, पर्यावरण और प्रकृति के संतुलन हेतु एक समग्र जीवनशैली का मार्गदर्शन करता है।
कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान परिसर में हुई, जहाँ ओपीडी स्तर पर रोगियों एवं आगंतुकों को आयुर्वेद के सिद्धांतों पर आधारित स्वस्थ जीवनशैली को अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। टेलीविज़न स्क्रीन के माध्यम से आयुर्वेदिक जीवनशैली और चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित वीडियो दिखाए गए। इसके साथ ही परिसर में एक विशेष सेल्फी प्वाइंट भी स्थापित किया गया, जो आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार का एक आकर्षक माध्यम बना। इस अवसर पर औषधीय पौधों का वितरण भी किया गया, जिससे आम जन को औषधीय पौधों की उपयोगिता एवं उनके आयुर्वेदिक लाभों को समझ सके। इसके अतिरिक्त संस्थान परिसर में आयुर्वेद एक्सपो सह मिनी एक्सपो का भी आयोजन किया गया, जिसमें मेडिकल कैप, जाँच, प्रकृति परीक्षण, आयुर्वेदिक औषधि का वितरण, IEC सामग्री, ब्रोशर, हैंडबिल्स आदि के माध्यम से आयुर्वेद को जन-सामान्य तक पहुँचाने का प्रयास किया गया।
इसके अंतर्गत एक वेबिनार भी आयोजित किया जिसका मुख्य विषय Integrative Cancer Care – Ayurveda's Role था जिसमें मुख्य वक्ता डा. परमेश्वरप्पा एस. ब्यादगी, प्रोफेसर, विकृति विज्ञान विभाग, आयुर्वेद संकाय, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी ने बहुत ही ओजस्वी शैली में विस्तारपूर्वक विचार प्रस्तुत किये एवं महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की।
संस्थान द्वारा बिहार एवं झारखंड राज्यों में विभिन्न परियोजनाओं के अंतर्गत जैसे- आदिवासी स्वास्थ्य रक्षा अनुसंधान परियोजना, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य कल्याण परियोजना एवं EMRS परियोजना द्वारा नि:शुल्क स्वास्थ्य शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों के माध्यम से सैकड़ों ग्रामीण लाभान्वित हुए। स्कूलों एवं पंचायत स्तर पर जागरूकता व्याख्यान आयोजित किए गए, जिनमें दैनिक जीवन में आयुर्वेद, योग एवं संतुलित आहार के महत्व की जानकारी दी गई। इसके साथ ही स्कूलों में निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इन कार्यक्रमों में स्कूल के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया तथा प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया गया। एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, सलगाडीह, तमार, जिला–राँची (झारखण्ड) में निःशुल्क प्रातः योग शिविर का आयोजन किया गया एवं शिविर में कुल 300 लाभार्थियों को सफलपूर्वक योग करवाया गया एवं योग के महत्व, सुबह योग करने के लाभ पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
डॉ. रोहित कुमार रावते ने आयुष मंत्रालय और CCRAS के मार्गदर्शन में इस प्रकार के जनकल्याणकारी प्रयासों को आगे भी जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई। यह कार्यक्रम न केवल आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, बल्कि यह समुदाय को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने हेतु प्रेरित करने का एक सशक्त माध्यम भी है।
प्रेस वार्ता में इस संस्थान के आयुर्वेद दिवस के नोडल अधिकारी डा. बालाजी पोटभरे, अनुसंधान अधिकारी (आयु.), डा. अशोक कुमार सिन्हा, अनुसंधान अधिकारी (आयु.), डा. कुमारी अर्चना, अनुसंधान अधिकारी (आयु.) सहित अन्य अधिकारीगण एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
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