Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

आर्य प्रतिनिधि सभा और किसान संगठनों की संयुक्त सभा में लिया गया निर्णय : किसानों को रचनात्मक सहयोग देगी आर्य प्रतिनिधि सभा

आर्य प्रतिनिधि सभा और किसान संगठनों की संयुक्त सभा में लिया गया निर्णय : किसानों को रचनात्मक सहयोग देगी आर्य प्रतिनिधि सभा

ग्रेनो। यहां स्थित आर्य समाज बिसरख में आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के आवाहन पर श्रावणी वेद कथा पर्व का आयोजन किया गया जिसमें भारतीय इतिहास के संदर्भ में राष्ट्र निर्माण में किसानों के योगदान और वर्तमान काल में उनकी समस्याओं पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार गोष्ठी के मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के अध्यक्ष डॉ राकेश कुमार आर्य ने अपने ओजस्वी भाषण में कहा कि प्राचीन काल से ही किसानों को अन्नदाता के रूप में भारत में सम्मान दिया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि राजा पृथ पहले ऐसे चक्रवर्ती सम्राट थे जिन्होंने जमीन का समतलीकरण करने का महान कार्य संपादित किया था और जमीन को उपजाऊ बनाकर किसानों को वितरित किया था। राजा पृथ।के नाम पर ही पृथ्वी का नामकरण हुआ। उन्होंने कहा कि भारत का किसान और गांव पूर्णतया आत्मनिर्भर हुआ करता था। जिसके लिए एक वैद्य और एक शिक्षक हुआ करता था, जो पूरे गांव को और स्वस्थ रखने का काम करते थे। किसान और गांव की इस आजादी को पहले मुसलमान ने और उसके बाद अंग्रेजों ने छीना। अंग्रेजों ने हजारों ऐसे कानून बनाए जिससे किसान की स्वाधीनता समाप्त हो गई और वह अंग्रेजों की शोषण की नीति का शिकार हो गए। डॉ आर्य ने कहा कि आजकल के शासन प्रशासन की शब्दावली में प्रयोग किए जाने वाले कलेक्टर और कमिश्नर कमिश्नर जैसे शब्द अपने आप में ही स्पष्ट करते हैं कि यह खून चूसने की एक प्रक्रिया का नाम है। उन्होंने कहा कि आर्य प्रतिनिधि सभा किसानों की समस्याओं को उठाने वाले प्रत्येक किसान संगठन के साथ कंधा से कंधा मिलाकर काम करेगी। किसानों को न्याय दिलाना आर्य समाज की प्राथमिकता में होगा। उन्होंने कहा कि हमें अपने दीर्घकालिक अतीत पर विचार करना चाहिए जो अत्यंत गौरवपूर्ण रहा है । डॉ आर्य ने कहा कि हमें यह नहीं सोचना चाहिए कि अंग्रेजों ने ही कानून बनाकर हमें शासन प्रशासन करना सिखाया और उससे पहले हम कुछ नहीं जानते थे। हमारे पास दीर्घकालिक इतिहास है। जिसमें पूरी की पूरी व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने की पूरी प्रक्रिया को विधिवत लिखा गया है, परंतु हम ही अपने अतीत से दूर चले गए। आज हमको अपने अतीत के गौरवपूर्ण पृष्ठों पर गहन चिंतन मंथन करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए किसान नेता सुखवीर सिंह खलीफा ने कहा कि किसानों को प्रतिकर देते समय जिस प्रकार का अन्याय किया जाता है ,वह जग जाहिर है। यह दुर्भाग्य का विषय है कि जो लोग किसानों की समस्याओं को उठाने की बात करते हैं, सही समय पर वे ही पीछे हट जाते हैं या धोखा दे जाते हैं। परंतु इन सब विषम परिस्थितियों के उपरांत भी हम सब किसानों के हित के लिए लड़ाई लड़ते रहेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र सिंह आर्य ने कहा कि किसानों के गांवों और जमीन को लेकर उन्हीं के साथ अन्याय किया जाना लोकतंत्र का मजाक उड़ाने के समान है। उन्होंने कहा कि नोएडा , ग्रेटर नोएडा के भीतर जो गांव आ गए हैं, उनके लोग अपनी स्थानीय समस्याओं को उठाने के लिए अपने पास कोई ग्राम प्रधान, पार्षद, सभासद या आरडब्ल्यूए का अध्यक्ष ना होने के कारण अथॉरिटीज में धक्का खाता देखे जाते हैं। जिनके साथ बहुत ही उपेक्षा पूर्ण दृष्टिकोण अपनाते हुए अथॉरिटीज के अधिकारियों कर्मचारियों की ओर से व्यवहार किया जाता है। जिस पर आर्य समाज किसान संगठनों का साथ देगा।
किसान संगठनों की ओर से बोलते हुए किसान नेता डॉ रुपेश वर्मा ने कहा कि आर्य समाज का देश के क्रांतिकारी आंदोलन में विशेष और सक्रिय योगदान रहा है। इस संगठन ने प्रारंभ से ही अनेक प्रकार की कुरीतियों का जमकर प्रतिरोध किया है। शिक्षा के क्षेत्र में भी आर्य समाज ने सराहनीय योगदान दिया है। आज भी किसानों के साथ अपनी सहानुभूति दिखाते हुए यदि आर्य समाज किसान संगठनों के साथ आ रहा है तो यह बहुत ही स्वागत योग्य कदम है। जिससे किसान आंदोलन को बल मिलेगा। हम इस बात के लिए आर्य समाज के जिला प्रधान डॉक्टर राकेश कुमार आर्य का धन्यवाद ज्ञापित करते हैं कि उन्होंने आर्य समाज जैसे क्रांतिकारी संगठन का सहयोग किसानों को देने की घोषणा की है।
कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे आर्य समाज के युवा क्रांतिकारी नेता आर्य सागर ने कहा कि दहेज जैसी गंभीर बीमारी समाज के लिए एक भस्मासुर बन चुकी है। आज इस सभा में उपस्थित गणमान्य लोगों को इस भस्मासुर को समाप्त करने के लिए भी ठोस रणनीति बनानी चाहिए। उन्होंने सभा को गंभीर विषय देते हुए आवाहन किया कि हमें समय रहते नई रणनीति और कार्य योजना बनानी होगी। जिससे समाज की शिक्षित बेटी को हम समाज की मुख्यधारा में सम्मान के दृष्टिकोण से देखने के लिए आज के युवा वर्ग को प्रेरित कर सकें। उन्होंने कहा कि सामाजिक बुराइयों का प्रतिकार करना आर्य समाज की प्राथमिक जिम्मेदारी रहा है। आर्य समाज को कर्मकांडों के जंजाल से बाहर निकालकर इसे समाज सेवी संगठन के रूप में परिवर्तित करना समय की आवश्यकता है। यह इसलिए भी आवश्यक है कि यह संगठन अपने प्रारंभिक काल में इसी रणनीति और कार्य योजना पर कार्य करता रहा है। प्रधान विजेंद्र सिंह आर्य ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्य समाज अपने क्रांतिकारी स्वरूप के लिए जाना जाता है। आज हम जिस मंथन के दौर से गुजर रहे हैं , वह हमारे उत्साह का काल है। उत्साह के इस काल को हमें और ऊंचाई तक पहुंचाना है। जिसके लिए हम सब मिलकर सामूहिक चेतना जागृत करने में सक्षम होते जा रहे हैं । यह इस बात का प्रमाण है कि आने वाले दिन आर्य समाज के होंगे।
आर्य प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के संरक्षक देव मुनि जी महाराज ने कहा कि आर्य समाज प्रत्येक क्षेत्र में एक व्यवस्था का समर्थक संगठन है। हम यदि रामराज्य की बात करते हैं तो रामराज्य का चिंतन भी हमारे पास है। उन्होंने कहा कि स्वामी दयानंद जी महाराज समग्र क्रांति के अग्रदूत थे। आर्य समाज आज भी प्रत्येक क्षेत्र में अपना एक अलग और दिव्य चिंतन रखता है । इसलिए किसानों की क्या समस्याएं हो सकती हैं और क्या उसके समाधान हो सकते हैं ? - आर्य समाज इस क्षेत्र में पूर्णतया जागरुक है। जबकि स्वामी ओमानंद सरस्वती ने कहा कि किसान हित की राजनीति ही सकारात्मक राजनीति कही जा सकती है। इस प्रकार की राजनीति में ही राष्ट्र की समस्याओं का समाधान खोजा जा सकता है । इसलिए राजनीति की दिशा बदलना समय की आवश्यकता है। इस विशेष कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए आर्य समाज विस्थराक के संरक्षक महाशय रंगीलाल आर्य ने बताया कि इस कार्यक्रम में रविंद्र सिंह आर्य , आर्य उप प्रतिनिधि सभा जनपद गौतम बुद्ध नगर के उपाध्यक्ष महावीर सिंह आर्य, पवन कुमार भाटी, प्रतिनिधि सभा के मंत्री पंडित धर्मवीर आर्य, सचिव महेंद्र सिंह आर्य, सुभाष चंद्र आर्य, देवदत्त शर्मा, बाबूराम आर्य , जयप्रकाश आर्य , राकेश शर्मा , सतवीर सिंह आर्य, शेखर आर्य, लीलू आर्य, महाशय किशनलाल आर्य, रामप्रसाद आर्य , ब्रह्मपाल सिंह भाटी, महिपाल सिंह भाटी, वीरसिंह , खड़क सिंह भाटी, आर्य बेगराज नागर आदि समाजसेवी उपस्थित रहे।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ