"अनुभव से अपेक्षा तक"
"बीता हुआ कल हमारे अनुभवों की थाती है — जहाँ जीवन ने हमें सिखाया, गिराया, संभाला एवं गढ़ा।
आज का वर्तमान एक प्रयोगशाला है — जहाँ हम उन अनुभवों के आधार पर कर्म कर रहे हैं, अपने जीवन को ढाल रहे हैं।
एवं आने वाला कल — वह हमारी अपेक्षाओं, सपनों एवं लक्ष्य की जमीन है।
यदि हम अपने अनुभवों से सीखी गई सच्चाइयों को आज के प्रयोग में ईमानदारी से उतारें,
तो भविष्य की अपेक्षाएँ केवल कल्पना नहीं, साकार यथार्थ बन जाती हैं।
यह विचार हमें यह भी सिखाता है कि समय एक सतत प्रवाह है — अनुभव (ज्ञान), प्रयोग (कर्म) और अपेक्षा (विश्वास) — ये तीनों मिलकर ही जीवन का आध्यात्मिक संतुलन बनाते हैं।
अनुभव बिना प्रयोग अंधा है, प्रयोग बिना अनुभव अधूरा है, एवं इन दोनों के बिना अपेक्षा केवल भ्रम है।
इसलिए, जो ज्ञानी है वह अपने अतीत को बोझ नहीं, मार्गदर्शक बनाता है — एवं वर्तमान में कर्मरत रहकर भविष्य की ओर शांत विश्वास से बढ़ता है।"
. "सनातन"
(एक सोच , प्रेरणा और संस्कार)
पंकज शर्मा (कमल सनातनी)
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