नियोजन भवन पटना में हुआ साइबर क्राइम/फ्रॉड नागरिक जागरूकता विषय पर कार्यशाला का आयोजन

- साइबर फ्रॉड से निपटने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेन्स की भूमिका पर हुई विस्तृत चर्चा
पटना के नियोजन भवन में दूरसंचार विभाग, भारत सरकार की ओर से साइबर क्राइम/फ्रॉड नागरिक जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें राजीव रंजन, महाप्रबंधक बिहार, दूरसंचार मंत्रालय भारत सरकार, आलोक कुमार, विशेष सचिव, श्रम संसाधन विभाग शामिल हुए। इस अवसर पर विभागीय अधिकारियों द्वारा बताया गया कि देश में मोबाइल, इंटरनेट और ब्रॉडबैंड सेवाओं के उपभोक्ताओं की संख्या तेज़ी से बढ़ने के साथ ही साइबर फ्रॉड के मामलों में भी खतरनाक बढ़ोतरी हुई है। ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, भारत में साइबर फ्रॉड से जुड़े मामलों में अब तक लगभग 33,000 करोड़ रुपये की ठगी दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में लोगों को जागरूक करने और साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए विभाग ने कई आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित टूल्स विकसित किए हैं। इनमें एक है ASTR .
उन्होंने बताया कि दूरसंचार विभाग ने ASTR (Artificial Intelligence and Facial Recognition powered Solution for Telecom SIM Subscriber Verification) टूल विकसित किया है। इसके जरिए ऐसे हजारों मामले पकड़े गए हैं, जिनमें एक ही व्यक्ति ने अलग-अलग पहचान पत्र और चेहरे में हेरफेर कर सैकड़ों-हजारों सिम कनेक्शन लिए और उनका दुरुपयोग किया। अब तक करोड़ों फर्जी कनेक्शन बंद कराए जा चुके हैं और यह प्रक्रिया लगातार जारी है।
दूसरा है Digital Intelligence Portal (DIP) है, जिसके माध्यम से साइबर अपराधियों की विस्तृत जानकारी इकट्ठा की जाती है। यह डाटा सुरक्षा एजेंसियों, बैंकिंग संस्थानों और संबंधित विभागों के साथ साझा किया जाता है, ताकि समय रहते ठगी और धोखाधड़ी की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके। आगे कहा कि विभाग का AI आधारित पोर्टल और मोबाइल एप संचार साथी (www.sancharsathi.gov.in
) उपभोक्ताओं के लिए बेहद उपयोगी साबित हो रहा है। इसकी मदद से साइबर फ्रॉड कॉल, एसएमएस और व्हाट्सएप नंबर ब्लॉक किए जा सकते हैं। साथ ही चोरी या खोए हुए मोबाइल फोन को ट्रैक करने और अपने नाम से जारी सभी मोबाइल कनेक्शनों की जानकारी लेने की सुविधा भी उपलब्ध है। विभाग ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपने स्मार्टफोन में संचार साथी एप इंस्टॉल कर इसके लाभ उठाएँ।
हाल ही में शुरू किया गया FRI (Financial Fraud Risk Indicator) टूल संदिग्ध मोबाइल नंबरों से जुड़े UPI या बैंक खातों में पैसे भेजने से पहले उपयोगकर्ता को अलर्ट करता है। अगर मामला अत्यधिक जोखिमपूर्ण होता है तो लेन-देन को पूरी तरह रोक दिया जाता है। यह पहल आर्थिक अपराधों को पहले ही रोकने में बेहद प्रभावी साबित हो रही है।
उक्त अवसर पर बिहार अनुज्ञप्ति सेवा क्षेत्र के अपर महानिदेशक श्री बाबू राम ने बताया कि दूरसंचार विभाग ने हाल ही में बिहार पुलिस की कई टीमों, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, बिहार चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज सहित कई संस्थानों को साइबर सुरक्षा के उपायों से अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार की सभी एजेंसियां मिलकर इस दिशा में काम कर रही हैं और AI टूल्स के इस्तेमाल से साइबर फ्रॉड पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा रहा है।
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