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घर परिवार

घर परिवार

सुख दुख की परिभाषा
हम सबको समझा दो।
सुख दुख क्या होता है
दुनिया को बता दो।
माना की मानव जीवन
संघर्षमय होता है।
पर इस संघर्ष में भी
सुख ज्यादा ही मिलता है।।


संसार का ये चक्र
ऐसे ही चलता है।
दुख सुख के साथ ही
जीवन में आनंद आता है।
देखो जरा इस समय को
जो कैसे दौड़े जा रहा है।
और सबकी यादों को ये
पीछे छोड़े जा रहा है।।


कम थी आमदनी तब
परिवारों में खुशियाँ बहुत थी।
अब हर चीज पास है
पर दिलसे सब दुखी है।
न मिलने का और न
बैठकर बातचीत का समय है।
बस अब कहने को ही
घर परिवार बचा है।।


जय जिनेंद्र
संजय जैन "बीना" मुंबई


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