ये जिंदगी आपकी है
गाए जा गाए जा गाए जा ,गीत खुशी के गाए जा ।
ये जिंदगी है आपकी ,
तू कौम पे लुटाए जा ।।
ये जिंदगी है आपकी ,
जिंदगी जिंदा का नाम है ।
मुकर गए राष्ट्रभक्ति से ,
मुकरना निंदा का नाम है ।।
दिखाए जा दिखाए जा ,
निज कर्म तू दिखाए जा ।
ये जिंदगी है आपकी ,
इसे कौम पे लुटाए जा ।।
यह जिंदगी है आपकी ,
यह वतन भी है आपका ।
भारतीय रीढ़ है लौह सा ,
नहीं बना यह भाप का ।।
न ऊपर जा न नीचे आ ,
न दाऍं जा न बाऍं जा ।
यह जिंदगी है आपकी ,
इसे कौम पे लुटाए जा ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
डुमरी अड्डा
छपरा ( सारण )बिहार ।
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