शूलपाणि
शिव बिन हम शव बने ,शंकर बिन है शं कहाॅं !
शं बिन यह भू भी नहीं ,
शंभू बिन यह हं कहाॅं !!
जो कहलाता शूलपाणि ,
दुष्टों हेतु उनका शूल है ।
भक्त रक्षक हेतु ये पाणि ,
भक्त कल्याण मूल है ।।
शिव शंकर शंभू भोले ,
कहलाते भोले भण्डारी ।
शिवशंकर सावन प्रिय ,
काॅंवर लिए शिव पुजारी ।।
शिवकृपा से सावन प्रिय ,
कृपा से काॅंवर ले धावन ।
कृपा बिन बारिश नहीं ,
सावन माह बहुत पावन ।।
पूर्णतः मौलिक एवं
अप्रकाशित रचना
अरुण दिव्यांश
छपरा ( सारण )बिहार ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com