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ऑनलाइन जुए पर राष्ट्रीय प्रतिबंध की मांग तेज़, गोवा व छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र को भेजेंगी प्रस्ताव

ऑनलाइन जुए पर राष्ट्रीय प्रतिबंध की मांग तेज़, गोवा व छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र को भेजेंगी प्रस्ताव

  • हिंदू जनजागृति समिति के ‘सुराज्य अभियान’ को मिली बड़ी सफलता, अनुच्छेद 252 के अंतर्गत केंद्र सरकार से कठोर कानून की मांग

पटना/रायपुर/पणजी, 30 जुलाई 2025:
देशभर में तेजी से फैलते ऑनलाइन जुए और उससे जुड़े सट्टेबाजी जैसे गंभीर अपराधों पर लगाम लगाने की दिशा में एक बड़ा कदम सामने आया है। हिंदू जनजागृति समिति के 'सुराज्य अभियान' द्वारा चलाए जा रहे राष्ट्रव्यापी अभियान के अंतर्गत गोवा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का आश्वासन दिया है। दोनों मुख्यमंत्रियों ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 252 के अंतर्गत ऑनलाइन जुए पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध लगाने हेतु आवश्यक पहल का समर्थन किया है।

मुख्यमंत्रियों ने दिया सकारात्मक आश्वासन


हिंदू जनजागृति समिति के प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय से मुलाकात कर ऑनलाइन जुए पर राष्ट्रव्यापी कानून बनाने की मांग की। दोनों मुख्यमंत्रियों ने इस गंभीर सामाजिक समस्या की संवेदनशीलता को समझते हुए शीघ्र ही केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का वादा किया।

गोवा में ‘सुराज्य अभियान’ शिष्टमंडल में श्री राजेंद्र देसाई, नारायण नाडकर्णी, मनोज गावकर, सुचेंद्र अग्नी, स्वप्नील नाईक, सत्यविजय नाईक और सदाशिव धोंड शामिल थे। वहीं, छत्तीसगढ़ में श्री सुनील घनवट, रणजीत सावरकर, गोविंद साहू, रोहित तिरंगा, हेमंत कानस्कर, प्रसाद वडके, परवेश तिवारी, अंकित द्विवेदी, अजयसिंह ठाकुर एवं आशिष परीडा शामिल थे।

ऑनलाइन जुए से बढ़ रही सामाजिक और आर्थिक तबाही

गोवा:

  • गोवा मेडिकल कॉलेज के एक अध्ययन में पाया गया कि 8% मेडिकल छात्र ऑनलाइन गेमिंग के शिकार हैं।
  • GSCPCR के अनुसार 20% किशोरवयीन जुए की लत के खतरे में हैं।
  • 2023-24 में गोवा साइबर सेल ने 672 अवैध वेबसाइट्स और 936 मोबाइल नंबर ब्लॉक किए, लेकिन नए प्लेटफॉर्म्स लगातार सक्रिय हो रहे हैं।
  • जून 2025 में फोंडा के एक 19 वर्षीय युवक ने जुए में नुकसान के बाद आत्महत्या कर ली।

छत्तीसगढ़:

  • 2025 में 21 वर्षीय वैभव साहू ने 35,000 रुपये हारने के बाद आत्महत्या कर ली।
  • जुलाई 2025 में 20 करोड़ की ऑनलाइन सट्टा रैकेट का भंडाफोड़ हुआ।
  • अब तक 444 ऑनलाइन जुए के मामले दर्ज, 1,000+ गिरफ्तारियाँ, और 2.20 करोड़ की संपत्ति ज़ब्त।
  • ‘महादेव एप्स’ से जुड़े 77 मामले राज्य में दर्ज।
  • ऑनलाइन जुए से जुड़ी आर्थिक धांधली और विदेशी कनेक्शन
  • 2025 में लगभग 50 करोड़ भारतीय ऑनलाइन जुए में शामिल हुए।
  • Dream11, Mahadev Book, WinZO, MPL जैसे ऐप्स पर युवाओं की भीड़।
  • Dream11 पर 25,000 करोड़ का GST बकाया, वहीं पूरे क्षेत्र पर कुल 55,000 करोड़ की टैक्स चोरी के आरोप।


विदेशी कंपनियों द्वारा ऐप संचालित किए जाने से देश की वित्तीय सुरक्षा को खतरा।


करोड़ों युवा धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं – जीतने की संभावना मात्र 0.00001%।
राज्यीय कानून अपर्याप्त, अब राष्ट्रव्यापी कानून की ज़रूरत

अब तक केवल असम, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे राज्यों ने ऑनलाइन जुए पर प्रतिबंध लगाने हेतु अपने-अपने राज्यीय कानून बनाए हैं, लेकिन ये कानून अपूर्ण और अप्रभावी साबित हो रहे हैं। तमिलनाडु का कानून सुप्रीम कोर्ट में चुनौती का सामना कर रहा है।

संविधान का अनुच्छेद 252 यह अनुमति देता है कि यदि दो या अधिक राज्य केंद्र को प्रस्ताव भेजें, तो संसद को राज्य सूची के विषय पर कानून बनाने का अधिकार मिल जाता है। इसी प्रावधान के अंतर्गत ‘सुराज्य अभियान’ देश के सभी राज्यों से केंद्र को प्रस्ताव भेजने की अपील कर रहा है।
निष्कर्ष: राष्ट्रहित में समय की मांग – एक सशक्त केंद्रीय कानून

ऑनलाइन जुए के दुष्परिणाम अब सामाजिक, मानसिक, आर्थिक और नैतिक दृष्टिकोण से गंभीर रूप ले चुके हैं। यह केवल कानूनी नहीं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक स्वास्थ्य का भी विषय बन चुका है। ऐसे में हिंदू जनजागृति समिति का यह अभियान सराहनीय है और गोवा एवं छत्तीसगढ़ सरकारों की प्रतिक्रिया एक उम्मीद की किरण। अब आवश्यकता है कि अन्य राज्य भी इस दिशा में सक्रिय भूमिका निभाएं और केंद्र सरकार जल्द से जल्द एक कठोर, व्यापक और प्रभावी केंद्रीय कानून बनाए ताकि देश को इस डिजिटल बर्बादी से बचाया जा सके।

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