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गुरु के बिना जीवन अधूरा : मानसिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु का सान्निध्य अनिवार्य - डॉ. राकेश दत्त मिश्र

गुरु के बिना जीवन अधूरा : मानसिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक उत्थान के लिए गुरु का सान्निध्य अनिवार्य - डॉ. राकेश दत्त मिश्र

(मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र, कंकड़बाग, पटना में गुरु पूर्णिमा महोत्सव उल्लासपूर्वक सम्पन्न)

पटना, 10 जुलाई 2025।
गुरु की महिमा अनंत है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्ति असंभव है और उनके मार्गदर्शन के बिना जीवन की दिशा अधूरी रहती है। मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र, अशोक नगर, कंकड़बाग, पटना द्वारा इस भावभूमि को केंद्र में रखकर गुरु पूर्णिमा महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें आध्यात्मिक भक्ति, संस्कृति और शिष्य-गुरु परंपरा का अनुपम संगम देखने को मिला।

मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विख्यात अध्यात्मविद्, समाजसेवी, “दिव्य रश्मि” मासिक पत्रिका एवं न्यूज चैनल के प्रधान संपादक डॉ. राकेश दत्त मिश्र ने अपने प्रेरणादायक वक्तव्य में कहा –

“जीवन की सार्थकता के लिए एक सच्चे आध्यात्मिक गुरु का होना अनिवार्य है। केवल शास्त्र और तर्क नहीं, अपितु गुरु के सान्निध्य, उनके प्रति आस्था और निष्ठा ही वह माध्यम है जिससे हम मानसिक, चारित्रिक और आत्मिक रूप से समृद्ध बन सकते हैं। जब गुरु कृपा करते हैं तो जटिल से जटिल राह भी सहज हो जाती है और जीवन के सारे संशय समाप्त हो जाते हैं।”

✦ कार्यक्रम की शुरुआत –


कार्यक्रम का शुभारंभ प्रातः 8:30 बजे सद्गुरु चरण पादुका यात्रा से हुआ। ट्रस्ट के सदस्य स्वामी सहजानंद गोस्वामी ने श्रद्धा एवं भक्ति भाव से चरण पादुका को अपने मस्तक पर धारण कर आश्रम परिसर से भजन-कीर्तन के साथ राजा उत्सव कम्युनिटी हॉल तक यात्रा की।

यह दृश्य श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं से ओतप्रोत था। यात्रा के पश्चात् मंच पर चरण पादुका की स्थापना की गई। तत्पश्चात पुरोहित जी एवं ट्रस्ट के संयुक्त सचिव श्री प्रसादी रजक द्वारा स्वस्तिवाचन कर पूजन संपन्न कराया गया। यजमान के रूप में श्री फाल्गुनी मित्रा एवं श्रीमती कृष्णा मित्रा उपस्थित रहे।

✦ नौ कन्याओं ने किया सद्गुरु का स्वागत


परंपरा के अनुरूप नौ कन्याओं द्वारा सद्गुरु के स्वागत में मंगलाचरण और आरती की प्रस्तुति की गई, जिससे संपूर्ण वातावरण भक्तिमय हो उठा।

✦ अतिथियों का स्वागत और सम्मान


मुख्य अतिथि डॉ. राकेश दत्त मिश्र का स्वागत ट्रस्ट के पदाधिकारियों द्वारा तिलक, पुष्पहार, अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर किया गया। उनके साथ “राजनीति चाणक्य” मासिक पत्रिका के अध्यक्ष श्री सुनील कुमार सिन्हा भी मंचासीन थे।

दोनों अतिथियों द्वारा गुरु पूर्णिमा विशेष स्मारिका एवं कैलेंडर का लोकार्पण भी किया गया।

✦ आध्यात्मिक वक्तव्य और गुरु की महिमा


गुरु पूर्णिमा विशेषांक के संपादक एवं मंच संचालक सुरेन्द्र कुमार रंजन ने अपने वक्तव्य में गुरु की उपमा आकाश में चमकते चंद्रमा से देते हुए कहा –


“गुरु अंधकार में प्रकाश देने वाले दीप हैं। वे शिष्य के जीवन से अज्ञान के अंधकार को मिटाकर ज्ञान का दीपक प्रज्वलित करते हैं।”

ट्रस्ट के संस्थापक सह संचालक श्री ठाकुर अरुण कुमार सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा –


“वास्तविक गुरु वही है, जिसमें लोभ, मोह और अहंकार न हो। जो शास्त्रों का ज्ञाता हो, भक्तिमार्ग को दर्शाता हो और शिष्यों को आत्मकल्याण की ओर ले जाए।”

✦ संध्या आरती एवं विशिष्ट सत्र


संध्याकालीन सत्र में 3:30 बजे से 5:00 बजे तक ट्रस्ट के गुरुभाइयों एवं बहनों द्वारा मधुर भजन कीर्तन प्रस्तुत किया गया। इसके पश्चात मंच पर सद्गुरु जी की उपस्थिति में नौ कन्याओं द्वारा स्वागत गान एवं आरती प्रस्तुत की गई।

✦ विशिष्ट अतिथि का स्वागत


कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित बिहार कॉलेज ऑफ फिजियोथेरेपी एंड ऑक्यूपेशनल थेरेपी, पटना के ऑक्यूपेशनल थेरेपी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. प्रियदर्शी आलोक का भी विधिपूर्वक स्वागत, तिलक, माला, पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र, स्मारिका और कैलेंडर देकर किया गया।

डॉ. आलोक ने अपने वक्तव्य में गुरु की कृपा को जीवन की सबसे बड़ी शक्ति बताते हुए कहा –


“गुरु जब तक कृपा नहीं करते, तब तक व्यक्ति अज्ञान और मोह के बंधन में जकड़ा रहता है। गुरु ही वह शक्ति हैं, जो मानसिक, चारित्रिक और आध्यात्मिक उत्थान का मार्ग प्रशस्त करते हैं।”

✦ भजन संध्या : भक्ति की झलकियां


विशिष्ट अतिथि एवं ट्रस्ट पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर भजन संध्या का उद्घाटन किया गया।

इस संध्या में भक्ति रस से परिपूर्ण कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों – रंजन कुमार, संतोष कुमार, सुभाष प्रसाद शर्मा, वंदना देवी, रमेन्द्र कुमार झा आदि का मंच पर भव्य स्वागत हुआ।

लोक और भक्ति संगीत से ओतप्रोत प्रस्तुतियों ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। ‘राम नाम का जप कर ले’, ‘गुरु बिना ज्ञान कहां से पाऊं’ जैसे भजनों पर उपस्थित श्रद्धालु भावविभोर होकर झूम उठे।

✦ कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन


कार्यक्रम का समापन ट्रस्ट संचालक श्री ठाकुर अरुण कुमार सिंह द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक दलों, श्रद्धालुओं और ट्रस्ट पदाधिकारियों का हृदय से आभार प्रकट किया।

✦ प्रमुख उपस्थिति :


इस पावन अवसर पर ट्रस्ट के संस्थापक सह संचालक ठाकुर अरुण कुमार सिंह, अध्यक्ष मुरारी शर्मा, सचिव राकेश कुमार सिंह, कार्यकारी सचिव सुरेन्द्र कुमार, महासचिव सतीश कुमार सिंह, संपादक सुरेन्द्र कुमार रंजन, उपाध्यक्ष ललिता देवी, उपसचिव मनोज कुमार, श्रीमती अनिता सिंह, रिंकी सिंह, राखी सिन्हा, सुशीला देवी, धर्मशीला देवी, आरती देवी, अनिता पटेल, संजीत कुमार सिंह, संजय कुमार पाण्डेय, दयानंद प्रसाद, सूरज नारायण, अशोक कुमार, राजेश कुमार, रवि नारायण सिन्हा, देवानंद प्रसाद, रीतेश कुमार सिंह, राधेश्याम, हरेंद्र सिंह, परमेश्वर दयाल, पत्रकार सनोबर खान, सुनील कुमार सिन्हा, रोहित कुमार सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

गुरु पूर्णिमा न केवल भारतीय परंपरा का एक पर्व है, बल्कि यह उस संबंध का उत्सव है जो शिष्य और गुरु के बीच आध्यात्मिक सेतु का निर्माण करता है। मातृ उद्बोधन आध्यात्मिक केन्द्र द्वारा आयोजित यह आयोजन समाज को यह संदेश देता है कि जीवन को सार्थक, शांत और समृद्ध बनाने के लिए हमें गुरु के सान्निध्य में रहकर आत्मोत्थान की ओर बढ़ना चाहिए।
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