सारा ब्रह्मांड गूंज रहा, बम बम भोले उद्घोष से
जटा विराजित पुनीत गंगे,विष भुजंग कंठन माला ।
सजल लहर चपल चपल,
स्वर्ण अनल ललाट उजाला ।
सौम्य अर्ध चंद्र भाल प्रतिष्ठा,
त्रिलोकी पितृ प्रभा आशुतोष से ।
सारा ब्रह्मांड गूंज रहा,बम बम भोले उद्घोष से ।।
सहज कृपालु सरल जप तप,
गौण समय स्थान परिधान ।
संपूर्ण सृष्टि परिवार अनुपमा,
प्रेम करुणामय हृदय संधान ।
तरल अनल गगन पवन,
विमुक्ति दुःख कष्ट हर दोष से ।
सारा ब्रह्मांड गूंज रहा,बम बम भोले उद्घोष से ।।
अनादि देवाधि देव शोभा,
प्रसून धूलि शीर्ष शोभित ।
कामना पूर्ण पावन अर्णव,
रज रज रग रग सुभाषित ।
दमन इंद्र देव कामनाएं,
शमन वासना कामदेव कोष से ।
सारा ब्रह्मांड गूंज रहा,बम बम भोले उद्घोष से ।।
मनोरम छटा नंदिनी स्वरूप,
नील कंठ पंकजा समान ।
समस्त सिद्धि परम स्पर्श,
मनुज संग देवता दंड विधान ।
शेष प्रशेष अशेष विशेष उपमा,
निर्माण विनाश छवि परितोष से ।
सारा ब्रह्मांड गूंज रहा,बम बम भोले उद्घोष से ।।
*कुमार महेंद्र*
(स्वरचित मौलिक रचना)
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com