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भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए): कृषि क्षेत्र पर प्रभाव

भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (सीईटीए): कृषि क्षेत्र पर प्रभाव

  • भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर भारतीय किसानों के हितों की रक्षा करने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में विकास के लिए रणनीतिक अवसरों की तलाश पर भी जोर दिया गया है।
  • भारत के लिए यह समझौता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है, विशेष रूप से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्रों के लिए। इस क्षेत्र में 95 प्रतिशत से अधिक भारतीय टैरिफ लाइनों को अब ब्रिटेन के बाजार तक जीरो ड्यूटी पहुंच का लाभ मिलेगा-अगले तीन वर्षों में भारत का कृषि-निर्यात 50 प्रतिशत से अधिक बढ़ने का अनुमान है।
  • भारत-ब्रिटेन सीईटीए से भारतीय किसानों को ब्रिटेन के बाजार में अपने उत्पादों के लिए प्रीमियम मूल्य प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उन्हें जर्मनी और नीदरलैंड जैसे प्रमुख यूरोपीय संघ के निर्यातकों के साथ समानता मिलेगी, जो वर्तमान में शून्य टैरिफ का लाभ उठा रहे हैं।

विशेष रूप से, निम्नलिखित क्षेत्रों में उल्लेखनीय वृद्धि का अनुमान है:

· फल, विशेष रूप से ताज़े अंगूर

· बेकरी उत्पाद, जैसे ब्रेड, पेस्ट्री, केक, आदि

· प्याज और मिश्रित सब्ज़ियां

· प्राकृतिक शहद

· संरक्षित सब्ज़ियां, फल और मेवे

· प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ

· सॉस और तैयार सॉस

• प्रमुख और संवेदनशील उत्पादों को भारत द्वारा टैरिफ रियायतों के दायरे से बाहर रखा गया है। संवेदनशील डेयरी क्षेत्र में, टैरिफ अनुसूची का पूरा अध्याय 4, जो दूध, पनीर, मक्खन, डेयरी स्प्रेड, घी आदि जैसे डेयरी उत्पादों से संबंधित है, अपवर्जन सूची में है, जिससे हमारे डेयरी उत्पादकों के हितों की रक्षा होती है।

• अल्कोबैव क्षेत्र में, भारत इन उत्पादों का शुद्ध आयातक है, जिसका कैलेंडर वर्ष (सीवाई) 2024 में आयात मूल्य 1.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर और निर्यात मूल्य 369 मिलियन अमेरिकी डॉलर है। हालांकि ब्रिटेन की व्हिस्की को टैरिफ रियायतें दी गई हैं, लेकिन अनुमान है कि भारतीय एल्कोबेव निर्माताओं पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, क्योंकि व्हिस्की के आयात का एक बड़ा हिस्सा भारत में ब्लेंडेड व्हिस्की के निर्माण में उपयोग किया जाता है, जिसका उत्पादन सस्ते कच्चे माल के कारण बढ़ने वाला है। इससे भारत से विश्व भर में ब्लेंडेड व्हिस्की के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में 34 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि दर्ज की गई है।

• इसके अलावा, भारत ने कुछ ब्रिटिश कृषि उत्पादों, जैसे कि क्रैनबेरी, ड्यूरियन, मशरूम की कुछ किस्में, लीक, लेट्यूस, आर्टिचोक आदि, जिनका भारत में उत्पादन न के बराबर होता है, के लिए पहुंच को उदार बनाया है। सेब, अनानास, संतरे, अनार जैसी संवेदनशील वस्तुओं को भी टैरिफ रियायतों से बाहर रखा गया है, जिससे हमारे किसानों के हितों की रक्षा हुई है।

• उदारीकरण का ध्यान प्रसंस्कृत कृषि उत्पादों पर रहा है, जिससे मुख्य या कच्चे उत्पादों के साथ सीधी प्रतिस्पर्धा से बचा जा सके। इसके कुछ उदाहरणों में शामिल हैं:

· प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ जैसे परिरक्षित चेरी, मैंगो स्लाइस इन ब्राइन, सूखे खुबानी, आलूबुखारा, सूखे सेब।

· इन उत्पादों में रियायत दी जाती है अर्थात 50 प्रतिशत या 100 प्रतिशत और इसे चरणबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा जैसे कि 5 या 10 वर्षों में।

यह लक्षित दृष्टिकोण यह सुनिश्चित करता है कि भारतीय कृषि के कमजोर वर्ग सुरक्षित रहें, जबकि चुनिंदा, निर्यात के लिए तैयार क्षेत्रों को वैश्विक एकीकरण से लाभ हो।

· भारत-ब्रिटेन एफटीए एक व्यावहारिक और किसान केन्द्रीत दृष्टिकोण को दर्शाता है। कृषि में नए निर्यात अवसर खोलते हुए, यह भारतीय किसानों पर किसी भी प्रतिकूल प्रभाव से सावधानीपूर्वक बचता है। यह समझौता यह सुनिश्चित करता है कि भारत की खाद्य सुरक्षा, किसानों की आजीविका और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पूरी तरह से सुरक्षित रहे और हम कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और आय बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का लाभ उठाएं।

प्रश्न 1: भारत-ब्रिटेन सीईटीए के अंतर्गत कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद क्षेत्र के हितधारकों को क्या लाभ होंगे?

उत्तर: भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत ब्रिटेन सरकार भारत से आने वाले और ब्रिटेन में आयात होने वाले एपीडा के कुछ अनुसूचित उत्पादों पर होने वाले शुल्क लाभ को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। एपीडा अनुसूचित उत्पाद जिनके संबंध में ब्रिटेन सरकार ने शुल्क को पूरी तरह से समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, उन्हें भारत-ब्रिटेन एफटीए के परिशिष्ट 2ए-बी में उपलब्ध कराया गया है।

भारत-ब्रिटेन एफटीए के अभाव में, भारत से आने वाले इन एपीडा अनुसूचित उत्पादों का ब्रिटेन में आयात, ब्रिटेन सरकार द्वारा लागू मूल सीमा शुल्क (बीसीडी) की मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) दर के अधीन होगा। भारत-ब्रिटेन एफटीए के अभाव में, भारत में उत्पादित ऐसे एपीडा अनुसूचित उत्पादों के आयात को उन अन्य देशों की तुलना में प्रतिस्पर्धात्मक रूप से नुकसान होगा, जिनके पास ब्रिटेन के साथ एफटीए है या जिन्हें ब्रिटेन सरकार की विकासशील देशों की व्यापार योजना जैसी किसी अन्य योजना के तहत टैरिफ लाभ प्राप्त हैं।

सीईटीए से अपेक्षित प्रमुख लाभ इस प्रकार हैं:

· निर्यात मात्रा में वृद्धि: भारतीय कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य टैरिफ लाइनों के 95 प्रतिशत से अधिक पर टैरिफ को समाप्त करने के साथ, एपीडा द्वारा प्रवर्तित उत्पादों जैसे ताजा फल, सब्जियां, मसाले, दालों और मूल्य वर्धित खाद्य पदार्थों के निर्यात में 2030 तक 30 से 50 प्रतिशत की वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे निर्यात मूल्य में 1 से 1.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर का अतिरिक्त योगदान होगा।

· कृषि एसएमई के लिए प्रतिस्पर्धा में वृद्धि : खाद्य प्रसंस्करण, पैकेजिंग और मूल्यवर्धित कृषि उत्पादों (जैसे मैंगो पल्प, अचार, सॉस, बिस्कुट) में शामिल भारतीय लघु और मध्यम उद्यम (एसएमई) अब वियतनाम और पेरू जैसे शुल्क मुक्त आपूर्तिकर्ताओं के साथ मूल्य पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इससे ब्रिटेन की खुदरा श्रृंखलाओं, खाद्य सेवा बाजारों और एथनिक सेगमेंट में उनकी उपस्थिति मजबूत होगी।

· क्षेत्रीय रोजगार और व्यापक लाभः महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और पंजाब के प्रमुख कृषि-निर्यात क्लस्टरों को बढ़ी हुई मांग से लाभ होगा। इससे एफपीओ, पैकहाउस, खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों और लॉजिस्टिक्स में ग्रामीण रोजगार के अवसर पैदा होंगे, जिससे समावेशी आर्थिक विकास को समर्थन मिलेगा।

· प्रतिस्पर्धी बढ़त बनाम वैश्विक आपूर्तिकर्ता: भारतीय निर्यातकों को अब चीन, ब्राजील और मिस्र जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धियों की तुलना में टैरिफ लाभ प्राप्त है, जो अभी भी शहद, अंगूर और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों जैसे उत्पादों पर ब्रिटेन के शुल्कों का सामना करते हैं। इससे कुछ क्षेत्रों (जैसे अंगूर, सॉस, बेकरी) में ब्रिटेन के कृषि-आयात बाजार में भारत की हिस्सेदारी दोगुनी हो सकती है।

प्रश्न 2. ब्रिटेन के लिए कृषि निर्यात का स्तर क्या है? मुक्त व्यापार समझौते के तहत कौन-कौन सी टैरिफ रियायतें प्राप्त हुई हैं?

उत्तर: भारत से ब्रिटेन को कृषि उत्पादों का निर्यात 2022-23 में 797.34 मिलियन अमेरिकी डॉलर से बढ़कर 2024-25 में 982.94 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, इस अवधि में 23 प्रतिशत की पूर्ण वृद्धि दर्ज की गई।


भारत का कृषि निर्यात- 2024-25

भारत के एपीडा उत्पाद 2024-25

विश्व और ब्रिटेन को भारतीय कृषि उत्पादों का निर्यात (8 अंक)        निर्यात मूल्य

(अमेरिकी डॉलर मिलियन में)

विश्व और ब्रिटेन को भारत द्वारा एपीडा उत्पादों का निर्यात (8 अंक)    निर्यात मूल्य

(अमेरिकी डॉलर मिलियन में)

विश्व के लिए-एचएसएन 1603 टैरिफ लाइनें        53,242

विश्व के लिए-एचएसएन 725 टैरिफ लाइनें            28,682

ब्रिटेन- एचएसएन 1022 टैरिफ लाइनों के लिए        1022

ब्रिटेन- एचएसएन 496 टैरिफ लाइनों के लिए        631
समाप्त टैरिफ लाइनें: 98 प्रतिशत                        808
समाप्त टैरिफ लाइनें: 99 प्रतिशत                        418
अपवर्जन टैरिफ लाइनें: 2 प्रतिशत                        214
अपवर्जन टैरिफ लाइनें: 1 प्रतिशत                        213

भारत-ब्रिटेन एफटीए के परिशिष्ट 2ए-बी को लेकर संदर्भ आमंत्रित है जिसमें भारत से माल के आयात के लिए ब्रिटेन की टैरिफ प्रतिबद्धताओं को सूचीबद्ध किया गया है। इस परिशिष्ट के अनुसार, ब्रिटेन द्वारा दी गई टैरिफ-संबंधी प्रतिबद्धताओं को तीन चरण श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है - 'ए'; 'यू'; 'टीआरक्यू'। ये स्टेजिंग श्रेणियां हैं:

· स्टेजिंग श्रेणी ‘ए’ के अंतर्गत वे वस्तुएं आती हैं जिन पर ब्रिटेन ने भारत-ब्रिटेन एफटीए के लागू होने के समय टैरिफ को पूरी तरह समाप्त करने की प्रतिबद्धता जताई है। स्टेजिंग श्रेणी ‘यू’ के अंतर्गत वे वस्तुएं शामिल हैं जिनके लिए ब्रिटेन ने भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ दरों को समाप्त करने या कम करने के लिए कोई प्रतिबद्धता नहीं दी है। स्टेजिंग श्रेणी 'टीआरक्यू' के अंतर्गत आने वाले सामान वे हैं जो टैरिफ-दर कोटा के अधीन हैं।

· यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एपीडा अनुसूचित उत्पादों को कवर करने वाले सभी टैरिफ कोड भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ लाभ के पात्र नहीं हैं। एपीडा अनुसूचित उत्पादों को कवर करने वाले टैरिफ कोड, जिनके लिए ब्रिटेन ने भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है, वे लेटर 'ए' परिशिष्ट 2ए-बी के कॉलम 3 में निर्धारित है।

· ब्रिटेन ने एपीडा अनुसूचित उत्पादों के संबंध में कोई टीआरक्यू प्रतिबद्धता नहीं की है। भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) के विश्लेषण से पता चलता है कि समझौते से पहले, शीर्ष 10 निर्यातित उत्पादों में से 9 पर 1.67 प्रतिशत से 13.54 प्रतिशत तक टैरिफ लगता था। सीईटीए के कार्यान्वयन के बाद, मिल्ड राइस को छोड़कर इन सभी उत्पादों पर टैरिफ समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे ब्रिटेन के बाजार में भारत की निर्यात प्रतिस्पर्धात्मकता में काफी वृद्धि हुई है।

वर्ष 2024 में ब्रिटेन को निर्यात किए जाने वाले शीर्ष 10 कृषि उत्पाद (एपीडा अनुसूचित उत्पाद) के साथ-साथ इसके पुराने और नए शुल्क इस प्रकार हैंः

एचएसएन कोड

उत्पाद

निर्यात मूल्य (मिलियन अमेरिकी डॉलर)

निर्यात मात्रा (एमटी)

निर्यात मूल्य में हिस्सा (प्रतिशत)

पुराना टैरिफ

नया टैरिफ

10063020

सेमी-मिल्ड या होल-मिल्ड राइस, चाहे पॉलिश किया हुआ हो या न हो

190.19

171,978

31 प्रतिशत

121/ एमटी

जीबीटी 121/ MT

21069099

अन्यत्र निर्दिष्ट नहीं किए गए अन्य खाद्य पदार्थ

47.54

11,908

8 प्रतिशत

4.66 प्रतिशत

0 प्रतिशत

08061000

ताज़े अंगूर

27.69

15,632

5 प्रतिशत

7.67 प्रतिशत

0 प्रतिशत

20019000

सिरका/एसिटिक अम्ल द्वारा तैयार या संरक्षित पौधों के अन्य खाद्य भाग

23.59

17,193

4 प्रतिशत

9.07 प्रतिशत

0 प्रतिशत

19059040

पापड़ (ब्रेड, पेस्ट्री, केक, बिस्कुट और अन्य बेकरी उत्पाद, चाहे उनमें कोको हो या न हो)

21.95

6,147

4 प्रतिशत

6.07 प्रतिशत

0 प्रतिशत

07099990

ताज़ी या ठंडी अन्य सब्ज़ियां

19.31

8,919

3 प्रतिशत

6.56 प्रतिशत

0 प्रतिशत

20049000

सिरका/अम्ल के अलावा अन्य तरीकों से तैयार/संरक्षित अन्य सब्ज़ियां और सब्जियों के मिश्रण

13.75

6,116

2 प्रतिशत

11.42 प्रतिशत

0 प्रतिशत

21039090

अन्य मिश्रित मसाले

12.81

4,435

2 प्रतिशत

1.67 प्रतिशत

0 प्रतिशत

07122000

प्याज, सूखे, साबुत/कटे/टूटे/पाउडर में लेकिन इससे ज्यादा तैयार नहीं

12.39

6,241

2 प्रतिशत

8.50 प्रतिशत

0 प्रतिशत

12024210

मूंगफली की गिरी एचपीएस

10.34

8,247

2 प्रतिशत

0.00 प्रतिशत

0 प्रतिशत

ब्रिटेन को कुल निर्यात

605.61

419,650

 प्रश्न 3. सीईटीए के तहत किन भारतीय कृषि उत्पादों को सबसे ज़्यादा फ़ायदा होगा?


प्रमुख लाभ पाने वाले उत्पादों में शामिल हैं:

• ताज़े अंगूर (8 प्रतिशत टैरिफ हटाया गया)

• ताज़े प्याज़ (4.5 प्रतिशत टैरिफ़ हटाया गया)

• प्राकृतिक शहद (16 प्रतिशत टैरिफ हटाया गया)

• केले (16 प्रतिशत टैरिफ + £95/टन शुल्क हटाया गया)

• मीठे बिस्कुट (4.50 प्रतिशत हटाया गया)

• बेकरी उत्पाद (केक, बिस्कुट)

• खाद्य पदार्थ (~5 प्रतिशत हटाया गया)

• मेवे और कई प्रकार के बीजों का मिश्रण (3.60 प्रतिशत हटाया गया)

प्रश्न 4. भारत-ब्रिटेन एफटीए का भारत के समुद्री निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भारत-ब्रिटेन एफटीए, झींगा जैसे प्रमुख उत्पादों पर मौजूदा ब्रिटेन टैरिफ को समाप्त करके भारत के समुद्री निर्यात को उल्लेखनीय रूप से बढ़ावा देगा जो वर्तमान में 4.2 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत के बीच है। इन टैरिफ को हटाने से, भारतीय निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी जिससे उनकी मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता और बाजार पहुंच में सुधार होगा। इससे समुद्री उत्पादों, विशेष रूप से झींगा, टूना, मछली, फिशमील और एक्वाफीड्स की एक श्रृंखला के लिए विकास के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।

प्रश्न 5. भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) का ब्रिटेन को भारत के खाद्य उत्पादों के निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

• टैरिफ हटेगा: एफटीए के तहत भारतीय खाद्य उत्पादों पर 4.5 प्रतिशत टैरिफ को समाप्त कर दिया गया है, जिससे भारत की पहुंच यूरोपीय संघ के देशों जैसे अन्य जीरो-ड्यूटी आपूर्तिकर्ताओं के बराबर हो गई है।

• सरलीकृत व्यापार प्रक्रियाएं: एफटीए सुसंगत मानकों, तेज़ सीमा शुल्क निकासी और कम नियामक अनुपालन लागतों को लागू करता है जिससे निर्यात प्रक्रियाएं और भी सुव्यवस्थित होंगी।

• निर्यात वृद्धि की संभावना: भारत के प्रतिस्पर्धी मूल्य निर्धारण और ब्रिटेन को बढ़ते निर्यात को देखते हुए, भारत से ब्रिटेन को खाद्य उत्पादों का निर्यात अगले पांच वर्षों में 18-20 प्रतिशत चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) की दर से बढ़ने का अनुमान है।

• एसएमई और नए प्रवेशकों के लिए अवसर: शुल्क-मुक्त पहुंच छोटे और मध्यम आकार के भारतीय खाद्य उत्पाद निर्माताओं के लिए खुदरा, ई-कॉमर्स और पारंपरिक खाद्य माध्यमों से ब्रिटेन के बाज़ार में प्रवेश करने के नए अवसर खोलती है।

प्रश्न 6. ब्रिटेन से व्हिस्की आयात का भारतीय निर्माताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भारत-ब्रिटेन एफटीए के कारण व्हिस्की पर आयात शुल्क 150 प्रतिशत से घटकर 75 प्रतिशत हो जाएगा जिससे भारतीय शराब निर्माताओं, विशेष रूप से उन लोगों को लाभ होने की उम्मीद है जो ब्लेंडिंग के लिए थोक व्हिस्की आयात करते हैं। कम लागत के साथ, घरेलू डिस्टिलर अपने निर्यात मार्जिन में सुधार कर पाएंगे और विदेशी बाज़ारों, खासकर अफ्रीका और मध्य पूर्व जैसे क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ा पाएंगे। यह समझौता देश के भीतर मूल्य संवर्धन और प्रीमियम उत्पाद विकास को प्रोत्साहित करके भारतीय निर्माताओं की मदद करेगा। इसके अलावा, ब्रिटेन से उच्च-गुणवत्ता वाली थोक व्हिस्की तक पहुंच बढ़ने से भारत में उत्पादित मिश्रणों के समग्र मानक में सुधार होने की उम्मीद है, जिससे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय दोनों उपभोक्ताओं के लिए बेहतर गुणवत्ता वाली पेशकश उपलब्ध होगी।

प्रश्न 7. आयातित व्हिस्की की घरेलू खुदरा कीमतें सीमा शुल्क में कमी के समान स्तर पर क्यों नहीं गिरेंगी?

बोतलबंद शराब की शेल्फ कीमतों पर तत्काल प्रभाव राज्य-दर-राज्य अलग-अलग हो सकता है क्योंकि उत्पाद शुल्क राज्य का विषय है और प्रत्येक राज्य अपनी प्राथमिकताओं और आकलन के आधार पर शुल्क तय करता है। इसके अलावा, चूंकि सीमा शुल्क आयातित व्हिस्की के अंतिम खुदरा मूल्य के केवल एक घटक है, इसलिए यह अपेक्षा करना उचित नहीं होगा कि लागत के एक घटक में कमी, उत्पाद के अंतिम मूल्य में भी उतनी ही कमी लाएगी।

प्रश्न 8. भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का भारतीय इंस्टेंट कॉफ़ी निर्यात पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत, इंस्टेंट कॉफ़ी पर पहले लागू 3.1 प्रतिशत आयात शुल्क को समाप्त कर दिया गया है जिससे भारतीय कॉफ़ी निर्यातकों को ब्रिटेन के बाजार में शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी। इस कदम से भारतीय इंस्टेंट कॉफ़ी की मूल्य प्रतिस्पर्धात्मकता में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है जिससे यह ब्रिटेन के आयातकों और खुदरा विक्रेताओं के लिए और अधिक आकर्षक बन जाएगी। शुल्क समाप्ति से निर्यात मात्रा में वृद्धि, बाज़ार में बेहतर पहुंच और भारतीय कॉफ़ी उत्पादकों, विशेष रूप से दक्षिणी राज्यों के कॉफ़ी उत्पादकों के लिए बेहतर प्राप्ति की संभावना है।

प्रश्न 9. क्या भारत- ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में कम शुल्क से प्राकृतिक शहद निर्यात को लाभ होगा?

हां, प्राकृतिक शहद भी भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के दायरे में है। एफटीए, ब्रिटेन को भारतीय शहद निर्यात पर पहले लागू 16 प्रतिशत शुल्क को समाप्त कर देगा जिससे शुल्क-मुक्त पहुंच प्राप्त होगी। यह बदलाव भारत को मेक्सिको, वियतनाम, यूक्रेन और यूरोपीय संघ जैसे प्रतिस्पर्धियों के बराबरी पर ला खड़ा करता है, जिन्हें पहले से ही शुल्क-मुक्त दर्जा प्राप्त है। इससे भारत को चीन, ब्राज़ील और अर्जेंटीना जैसे देशों पर मूल्य लाभ मिलता है, जो अभी भी ब्रिटेन के टैरिफ का सामना कर रहे हैं। इस शुल्क उन्मूलन से भारत के शहद निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि होने और मधुमक्खी पालकों को मदद मिलने से ग्रामीण आजीविका में सुधार होने की उम्मीद है जिससे ब्रिटेन के शहद बाजार में भारत की उपस्थिति बढ़ेगी।

प्रश्न 10. सीईटीए द्वारा ब्रिटेन को चावल के निर्यात, विशेष रूप से बासमती चावल के निर्यात को लेकर क्या लाभ होंगे?

चावल के विभिन्न एचएस कोड के लिए निम्नलिखित शुल्क उन्मूलन किया गया है:

एचएस कोड

विवरण

प्रारंभिक शुल्क

सीईटीए के अंतर्गत शुल्क

 

1006.10

भूसी सहित चावल, "धान" 

6 प्रतिशत (बुवाई के लिए)

176 जीबीपी/टन (अन्य प्रकार के अनाज)

0%

1006.20

भूसी सहित या ब्राउन राइस

25 जीबीपी/टन

0%

1006.40

टूकड़ा चावल

54 जीबीपी/टन

0%

 उपरोक्त प्रकार के बासमती या गैर-बासमती चावल का निर्यात अब शुल्क-मुक्त होगा। शुल्क उन्मूलन के मद्देनजर ब्रिटेन को ब्राउन बासमती चावल के निर्यात में वृद्धि होने की उम्मीद है।


हालांकि, हाफ-मिल्ड सफेद चावल (बासमती और गैर-बासमती दोनों) के निर्यात पर ब्रिटेन में 121 जीबीपी/टन की वर्तमान एमएफएन सीमा शुल्क लागू रहेगा।

प्रश्न 11. क्या भारतीय किसान सीईटीए के कारण आयात में वृद्धि या मूल्य में कमी के जोखिम से सुरक्षित हैं?

उत्तर: अपने कृषि क्षेत्र की सुरक्षा के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप, घरेलू स्तर पर उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा और किसानों की आजीविका के लिहाज से संवेदनशील फसलों के लिए शुल्क में रियायत या बाजार पहुंच प्रदान नहीं की गई है।

• गेहूं, चावल, मक्का, ज्वार, बाजरा, मेवे (काजू, बादाम, अखरोट), बाजरा और दालें जैसे भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं के मुख्य खाद्यान्न उत्पादों को एफटीए के उदारीकरण कार्यक्रम से बाहर रखा गया है।

• मुख्य खाद्यान्नों के अलावा अन्य संवेदनशील उत्पादों को भी शुल्क-रियायत न देकर संरक्षित किया गया है, जिनमें शामिल हैं:

· सोयाबीन तेल, पाम ऑयल, सरसों का तेल, मूंगफली का तेल जैसे खाद्य तेल

· तिलहन: सोयाबीन, मूंगफली, सरसों।

· कुछ विशेष फल: सेब, अनार, नाशपाती, आड़ू, बेर, अमरूद, लीची, आम, अंगूर।

· मेवे: बादाम, काजू, खजूर।

· सब्ज़ियां: टमाटर, प्याज, लहसुन, फूलगोभी, पत्तागोभी, मूली, मटर, बीन्स, कद्दू, करेला, लौकी, भिंडी, आलू, सब्ज़ियों का मिश्रण।

· दालें: पीली मटर, काबुली चना, चना, छोले, उड़द, मूंग, राजमा, मसूर, अरहर।

· कटे हुए फूल: ऑर्किड, लिली, गुलाब।

· मसाले: इलायची, शिमला मिर्च, काली मिर्च, केसर, हल्दी (ताज़ी/सूखी)।

इससे इन आवश्यक फसलों के आयात में वृद्धि या मूल्य में कमी का कोई जोखिम नहीं रहेगा।

प्रश्न 12. भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते में कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के लिए मूल नियम क्या हैं?

उत्तर: भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ लाभ के लिए पात्र विभिन्न एपीडा अनुसूचित उत्पादों के उत्पाद-विशिष्ट मूल नियम भारत-ब्रिटेन एफटीए के अनुबंध 3ए (उत्पाद-विशिष्ट मूल नियम) में निर्धारित हैं, जो यहां उपलब्ध है: https://www.commerce.gov.in/wp-content/uploads/2025/07/03A-Product-Specific-Rules-of-Origin.pdf

विभिन्न व्यापक श्रेणियों के लिए उत्पाद-विशिष्ट नियमों (पीएसआर) की एक व्यापक रूपरेखा नीचे दी गई है:

क. कच्चे कृषि उत्पाद: ये नियम काफी कड़े हैं, जिनमें से अधिकांश पूरी तरह से प्राप्त (डब्ल्यूओ) हैं। पूरी तरह से एक या दोनों पक्षों द्वारा प्राप्त या उत्पादित। विभिन्न उत्पाद श्रेणियों के लिए लागू विशिष्ट प्रावधानों के लिए कृपया भारत-ब्रिटेन एफटीए का अनुच्छेद 3.3 देखें।

ख. प्रसंस्कृत खाद्य: ये नियम गैर-उत्पत्ति सामग्री की सीमित मात्रा का उपयोग करने की सुविधा प्रदान करते हुए पर्याप्त प्रसंस्करण सुनिश्चित करते हैं।

प्रश्न 13. भारत-ब्रिटेन एफटीए के अंतर्गत, मूल प्रमाण पत्र 'जारीकर्ता संस्था' द्वारा जारी किया जाना आवश्यक है। भारत-ब्रिटेन एफटीए के अंतर्गत एपीडा अनुसूचित उत्पादों के लिए जारीकर्ता प्राधिकरण कौन है?

उत्तर: प्रत्येक एफटीए के लिए जारीकर्ता प्राधिकरण की पहचान विदेश व्यापार महानिदेशालय ("डीजीएफटी") द्वारा प्रक्रिया पुस्तिका, 2023 के परिशिष्ट 2बी - मूल प्रमाण पत्र [अधिमान्य] जारी करने हेतु अधिकृत एजेंसियों की सूची के अंतर्गत की जाती है। संबंधित एफटीए के अंतर्गत विभिन्न उत्पादों के लिए संबंधित जारीकर्ता की पहचान करने हेतु डीजीएफटी द्वारा समय-समय पर परिशिष्ट 2बी में संशोधन किया जाता है। यह अपेक्षित है कि भारत-ब्रिटेन एफटीए के अंतर्गत एपीडा अनुसूचित उत्पादों के लिए जारीकर्ता प्राधिकरण की पहचान करने हेतु डीजीएफटी द्वारा उचित समय पर परिशिष्ट 2बी को अपडेट किया जाएगा।

प्रश्न 14. भारत-ब्रिटेन एफटीए पर 24 जुलाई 2025 को हस्ताक्षर किए गए थे। एपीडा अनुसूचित उत्पादों के निर्यातक के रूप में, क्या एपीडा अनुसूचित उत्पादों का निर्यात ब्रिटेन में आयात के तुरंत बाद भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ लाभों के लिए पात्र है?

उत्तर: नहीं, एपीडा अनुसूचित उत्पाद भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत टैरिफ लाभों के लिए तुरंत पात्र नहीं हैं। भारत और ब्रिटेन सरकारों ने 24 जुलाई 2025 को ही एफटीए पर हस्ताक्षर किए थे।

भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत एपीडा-अनुसूचित उत्पादों के निर्यातकों को मिलने वाले लाभ भारत-ब्रिटेन एफटीए लागू होने पर ही प्रभावी होंगे। भारत-ब्रिटेन एफटीए के अनुच्छेद 30.6 के अनुसार, यह निम्नलिखित परिस्थितियों में प्रभावी होगा:



क. जिस दिन भारत और ब्रिटेन लिखित अधिसूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं, उस तिथि के 60 दिन बाद जब दोनों देश इसके क्रियान्वयन के लिए लिए आवश्यक अपनी-अपनी घरेलू कानूनी आवश्यकताओं को पूरा कर लेते हैं

ख. ऐसी किसी अन्य तिथि पर जिस पर भारत और ब्रिटेन सहमत हों।

निर्यातकों को सलाह दी जाती है कि वे पत्र सूचना कार्यालय जैसे आधिकारिक स्रोतों से भारत सरकार की ओर से आने वाली खबरों पर नज़र रखें ताकि यह पता चल सके कि मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) कब लागू होगा।


प्रश्न 15. मुझे भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का प्रामाणिक पाठ और भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के तहत ब्रिटेन सरकार की दी गई टैरिफ प्रतिबद्धताएं कहां से मिल सकती हैं?

उत्तर: भारत-ब्रिटेन एफटीए के विभिन्न अध्यायों का पूरा पाठ https://www.commerce.gov.in/international-trade/trade-agreements/india-united-kingdom-comprehensive-economic-and-trade-agreement/ पर उपलब्ध है।

भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत ब्रिटेन सरकार की दी गई टैरिफ प्रतिबद्धताएं https://www.commerce.gov.in/wp-content/uploads/2025/07/02A-b-UK-Schedule-of-Commitment-for-Goods.pdf पर उपलब्ध हैं।

प्रश्न 16. जिन वस्तुओं के लिए ब्रिटेन सरकार ने भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत कोई टैरिफ प्रतिबद्धता नहीं दी है, उन वस्तुओं के भारत से आयात पर सीमा शुल्क की दर क्या होगी? मुझे इसकी जानकारी कहां मिल सकती है?

उत्तर: जिन वस्तुओं के लिए ब्रिटेन सरकार ने भारत-ब्रिटेन एफटीए के तहत कोई टैरिफ प्रतिबद्धता नहीं दी है, उन पर ब्रिटेन सरकार द्वारा लागू मूल सीमा शुल्क की ' मोस्ट फेवर्ड नेशन' (एमएफएन) दर लागू होगी। ये दरें ब्रिटेन सरकार द्वारा ब्रिटेन ग्लोबल टैरिफ में निर्धारित की जाती हैं। निर्यातक, ब्रिटेन में आयात पर विभिन्न वस्तुओं की एमएफएन दर जानने के लिए ब्रिटेन सरकार की वेबसाइट https://www.trade-tariff.service.gov.uk/find_commodity पर जा सकते हैं। 

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