Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

सच्चा साथी

सच्चा साथी

ऐ मेरे दोस्त , यों कतराओ नहीं,
जिस दिन तुम मुझे खोवोगे।
मैं जानता हूँ, और कोई नहीं,
उस दिन, ज्यादा तुमहीं रोवोगे।।
समाज नें नालायक समझ पहले ही ठुकरा दिया था।
अपनों ने तो मुझे घर से भगा दिया था।।
चलते राह अजनबी सा तब तुम मिल गये थे।
नजरें मिली और चेहरे खिल गये थे।।
तुमने मुझे नयी राह दिखलाई।
अपना साथ देकर मेरी हौसला बढ़ाई।।
कुछ वादे कुछ कसमें,
हम दोनों ने फिर खायी।
अब अपना जीवन पथ एक हो गया,
अब जिंदगी दोनों की नहीं रही परायी।।
कुछ दूर साथ चलकर फिर ये कतराना।
आंखें बंद करना और नजरें चुराना।।
मेरे दिल को तनिक नहीं भा रहा है।
लगता है दिल पर कोई नस्तर चला रहा है।।
तुम्हारी यह हरकत मेरा प्राण लेगा।
ऐसा करके कहो तुम्हें क्या मिलेगा।।
अगर मैं चला गया तो,
तुम बहुत पछताओगे।
रोवोगे, सिर धुनोगे, खोजोगे,
पर मुझको कभी वापस नहीं पावोगे।।
जिंदा रहते जो साथी और हमसफ़र का,
कद्र नहीं करता है।
ऐसे दोस्तों को अपने दोस्त के चले जाने पर,
जीवन भर केवल रोना और पछताना पड़ता है।।
चार दिन की जिंदगी है,
आगे बढ़ कर आओ फिर से गले लगा लो।
दोस्ती से बड़ा कोई रिश्ता होता नहीं,
मुझसे यों कतराने वाले, मुझे सच्चा साथी बना लो।। 
जय प्रकाश कुंवर
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ