Advertisment1

यह एक धर्मिक और राष्ट्रवादी पत्रिका है जो पाठको के आपसी सहयोग के द्वारा प्रकाशित किया जाता है अपना सहयोग हमारे इस खाते में जमा करने का कष्ट करें | आप का छोटा सहयोग भी हमारे लिए लाखों के बराबर होगा |

प्रेम भावना

प्रेम भावना

जय प्रकाश कुवंर
कुछ दिन नजर में चढ़ावे में लागल ।
कुछ दिन तोहरा के पटावे में लागल।।
रोज रोज हमरा गली में तू अइलू।
देखते देखते कोंढ़ी से फूल बन ग‌इलू।।
फूल बन के सुगंघी गली में बिखेरलू।
रूप अइसन खिलल, जादू हमरा पर डरलू।।
हम अनाड़ी रहनी तोहार कदर ना क‌इनी।
पटवनी ना तोहके, हम खुद पट ग‌इनी।।
निभाव अब नाता , भले दूर रह ऽ।
कुछ आपन कहत रहऽ, कुछ हमार सुनत रहऽ।।
जब ले रहबू इहाँ, अइसहीं फेरा लग‌इह ऽ।
मन में प्रेम भावना जगा के, तू भूल मत ज‌इह ऽ।।
खाली देह के मिलल कबहूँ, प्रेम ना कहाला।
प्रेम अइसन भावना ह, जे दिल में बैठ जाला।। 
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews #Divya Rashmi News, #दिव्य रश्मि न्यूज़ https://www.facebook.com/divyarashmimag

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ