मैं आपका मित्र मोबाइल बोल रहा हूं
अवतरण ध्येय मैत्री बंधन,जीवन अंतर खुशियां अपार ।
सहज त्वरित समस्या समाधान,
परिवेश उत्संग स्नेह बहार ।
पर परिणाम कल्पना विपरीत,
अंतःकरण छिपी वेदना खोल रहा हूं ।
मैं आपका मित्र मोबाइल बोल रहा हूं ।।
अति अनुचित प्रयोग कारण,
सर्वत्र सहन लांछन अपमान ।
अनमोल समय व्यर्थ गवां,
विस्मृत मनुज कर्तव्य भान ।
सामाजिक संबंध बस औपचारिक,
धूमिल नैसर्गिक आनंद तोल रहा हूं ।
मैं आपका मित्र मोबाइल बोल रहा हूं ।।
निशि दिन अवांछित उपयोग,
परिवार समाज सह दूरी भाव ।
कृत्रिम मृग मरीचिकी चाह,
उग्र संवाद आवेशित बर्ताव ।
असंतुलित खान पान चर्या,
संबंध अंतर स्वार्थ छोल रहा हूं ।
मैं आपका मित्र मोबाइल बोल रहा हूं ।।
करबद्ध निवेदन हर धारक,
उचित नैतिक काम हित प्रयुक्ति ।
अध्ययन पेशा मनोरंजन हितार्थ,
निज समय सारणी नियुक्ति ।
मनुज जीवन अद्भुत अनुपम,
संयमित उपयोग मिठास घोल रहा हूं ।
मैं आपका मित्र मोबाइल बोल रहा हूं ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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