जीईएम - सार्वजनिक खरीद को आकर्षक बनाने का सार्थक प्रयास:-पीयूष गोयल

सार्वजनिक खरीद के लिए पारदर्शी, समावेशी एवं कुशल मंच प्रदान करने के एक अग्रणी उपाय के रूप में, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) पूरी दुनिया में तेजी से उभरा है। यह प्लेटफॉर्म 1.6 लाख से अधिक सरकारी खरीदारों को 23 लाख विक्रेताओं एवं सेवा प्रदाताओं से जोड़ता है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ के दृष्टिकोण का एक प्रमुख वाहक बन गया है।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस परिवर्तनकारी डिजिटल पहल को शुरू किए जाने के बाद से नौ वर्षों के दौरान, जीईएम ने भ्रष्टाचार को खत्म करके और स्टार्टअप, एमएसएमई, महिलाओं एवं छोटे शहरों के व्यवसायों को व्यावसायिक अवसर प्रदान करके सरकार द्वारा वस्तुओं एवं सेवाओं की खरीद के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला दिया है।
उपयोगकर्ताओं के अनुकूल माना जाने वाला यह प्लेटफॉर्म एक ऐसा सच्चा रत्न है, जिसने कुख्यात आपूर्ति एवं निपटान महानिदेशालय (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सप्लाइज एंड डिस्पोजल्स) की जगह ले ली है। इस महानिदेशालय की अपारदर्शी और गैर-प्रतिस्पर्धी प्रणालियां कुछ विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को अनुचित लाभ प्रदान करती थीं। इसलिए यह उचित ही है कि वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का नया कार्यालय, वाणिज्य भवन, उस भूमि पर बनाया गया है जिस पर कभी यह पुराना निकाय स्थित था।
शानदार प्रगति – वर्ष 2016 में स्थापना के बाद से, जीईएम पोर्टल पर 13.4 लाख करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर का लेन-देन किया गया है। वर्ष 2024-25 के दौरान, इस प्लेटफ़ॉर्म पर सार्वजनिक खरीद बढ़कर रिकॉर्ड 5.43 लाख करोड़ रुपये की हो गई। जीईएम का लक्ष्य वर्तमान वित्त वर्ष में अपने वार्षिक कारोबार को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ रुपये करना है। जीईएम निस्संदेह सार्वजनिक खरीद से जुड़े परिदृश्य में एक असाधारण तकनीकी उपाय के रूप में उभरा है।
कारोबार के आकार की दृष्टि से, जीईएम निकट भविष्य में दुनिया का सबसे बड़ा सार्वजनिक खरीद पोर्टल बन जाएगा और दक्षिण कोरिया के कोनेप्स जैसी सुप्रतिष्ठित संस्थाओं को पीछे छोड़ देगा।
जीईएम ने ईमानदारी से व्यावसाय करने प्रतिष्ठानों को व्यापक अवसर प्रदान किए हैं, नौकरियां सृजित की हैं और भारत के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित किया है। इस संदर्भ में, जीईएम का महत्व वित्तीय दृष्टि से इसकी अभूतपूर्व प्रगति से कहीं बढ़कर है जो अपने आप में ई-कॉमर्स से जुड़ी किसी भी बड़ी कंपनी को हैरान कर देने के लिए काफी है।
न्यायसंगत विकास का वाहक - जीईएम प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ, सबका विकास’ मिशन के अनुरूप न्यायसंगत विकास के एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में कार्य करता है। यह स्टार्टअप, छोटे व्यवसायों और महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यमों को बिना किसी बिचौलियों के सरकारी खरीदारों के सामने अपने उत्पादों एवं सेवाओं को प्रदर्शित करने का एक आसान रास्ता प्रदान करता है। प्रवेश की सभी बाधाओं को दूर करके, यह प्लेटफॉर्म छोटे घरेलू व्यवसायों को ई-टेंडर में भाग लेने और अपने व्यवसाय का विस्तार करने का अधिकार देता है।
समावेशिता के सिद्धांत से प्रेरित, जीईएम ने छोटे व्यवसायों के विकास को समर्थन देने के उद्देश्य से विभिन्न रणनीतिक पहलों का समावेश किया है। इनमें सरकारी खरीदारों को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों द्वारा पेश किए जाने वाले उत्पादों एवं सेवाओं की पहचान करने तथा उनका चयन करने में मदद करने वाली प्रणालियां शामिल हैं।
लक्ष्य से आगे - जीईएम पर “स्टार्टअप रनवे” और “वुमनिया” जैसे समर्पित स्टोरफ्रंट ने इन व्यवसायों की दृश्यता के साथ-साथ सार्वजनिक खरीद में उनकी हिस्सेदारी को भी प्रभावी ढंग से बढ़ाया है। इससे सरकार को सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) से 25 प्रतिशत खरीद और महिलाओं के नेतृत्व वाले व्यवसायों से 3 प्रतिशत खरीद के अपने लक्ष्यों को पूरा करने और उससे आगे निकलने में मदद मिली है। जीईएम पर किए गए कुल कारोबार का लगभग 38 प्रतिशत हिस्सा सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) को दिया गया है और महिला उद्यमों द्वारा खरीद की हिस्सेदारी लगभग 4 प्रतिशत है।
अप्रैल 2025 तक 30,000 से अधिक स्टार्टअप ने जीईएम के ज़रिए 38,500 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार किया है। इसके अलावा, 1.81 लाख उद्यम-सत्यापित महिला उद्यमियों ने जीईएम पोर्टल पर लगभग 50,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर हासिल किए हैं।
बड़ी बचत - इन बदलावों से कुछ खास आकार के ऑर्डरों के लिए 33 प्रतिशत से लेकर 96 प्रतिशत तक की बचत हुई है। यह उल्लेखनीय कमी देश के आम नागरिकों के हित में व्यापार करने में आसानी (ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस) और जीवन-यापन में आसानी (ईज ऑफ लिविंग) को बढ़ाने के मोदी सरकार के मिशन के अनुरूप एक स्वागत योग्य बदलाव है।
विश्व बैंक द्वारा किए गए एक स्वतंत्र मूल्यांकन से यह पता चला है कि जीईएम पर खरीदार औसत कीमत पर लगभग 9.75 प्रतिशत की बचत करते हैं। इससे करदाताओं के पैसे का उपयोग करके की जाने वाली सार्वजनिक खरीद में अनुमानित रूप से 1,15,000 करोड़ रुपये की भारी बचत हुई है। जीईएम पर खरीद ने सरकारी कंपनी एनटीपीसी को 20,000 करोड़ रुपये के अनुबंध में रिवर्स नीलामी का उपयोग करके 2,000 करोड़ रुपये बचाने में मदद की। जीईएम ने रक्षा उपकरणों, टीकों, ड्रोन और बीमा जैसी सेवाओं की पारदर्शी एवं किफायती खरीद में भी मदद की है।
छोटे उद्यमों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए, जीईएम ने हाल ही में अपने लेनदेन शुल्क में उल्लेखनीय कमी की है। 10 लाख रुपये से अधिक के ऑर्डर पर 0.30 प्रतिशत का कम लेनदेन शुल्क लगेगा, जबकि 10 करोड़ रुपये से अधिक के ऑर्डर पर 3 लाख रुपये का सीमित शुल्क लगेगा - जोकि पहले के 72.50 लाख रुपये के शुल्क से काफी कम है।
प्रौद्योगिकी, एआई - एक ठोस तकनीकी बुनियादी ढांचे से लैस, यह प्लेटफॉर्म विभिन्न तकनीकी उपायों का उपयोग करके व्यापार करने के नए एवं आसान तरीके पेश करते हुए लगातार विकसित होता जा रहा है। जीईएम ने “जीईएम एआई” नामक एक एआई-संचालित चैटबॉट का समावेश किया है - यह संवादात्मक विश्लेषण और व्यावसायिक बुद्धिमत्ता में प्रशिक्षित एक उपकरण है। यह स्मार्ट चैटबॉट आठ स्थानीय भाषाओं में उपलब्ध है और जीईएम पोर्टल पर व्यापार करने में आसानी को और बढ़ाने के लिए वॉयस कमांड कार्यक्षमता सहित नवीनतम तकनीकों से लैस है।
जीईएम सूक्ष्म एवं लघु उद्यमों (एमएसई) विक्रेताओं के लिए वित्तपोषण संबंधी उत्पाद भी प्रदान करता है। यह पात्र खरीद आर्डरों के लिए 10 मिनट से भी कम समय में गिरवी-मुक्त वित्तपोषण प्रदान करता है। इस प्लेटफॉर्म ने जीईएम सहाय 2.0 पेश किया है, जो 10 लाख रुपये तक के ऋण को हासिल करने के लिए एकल खिड़की के रूप में कार्य करता है। इस प्लेटफॉर्म को और अधिक समावेशी एवं प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु पहले की अपेक्षा अधिक पहलों एवं तकनीकी उपायों पर काम चल रहा है।जीईएम पोर्टल भारत के आर्थिक विकास और प्रधानमंत्री मोदी के प्रगति संबंधी उद्देश्यों को आगे बढ़ाने वाले एक महत्वपूर्ण वाहक के रूप में सक्रिय है। यह समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने एवं उनका उत्थान करने तथा उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए हमेशा अतिरिक्त प्रयास करेगा और साथ ही यह भी सुनिश्चित करेगा कि करदाताओं के पैसे का कुशलतापूर्वक उपयोग प्रतिस्पर्धी मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की खरीद के लिए किया जाए।
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