याद करेगी सारी दुनिया
अपने सामर्थ्य की भी सीमा जरा जानिए।कौन है अपने कौन पराए जरा पहचानिए।
क्या है आप दुनिया में क्या करने आए हैं।
क्या आप दे सकते कितना आप पाए हैं।
कितनी साख कमाई क्या लक्ष्य बनाया है।
किसमें में रुचि रखते क्या कर दिखाया है।
मन वचन वाणी से शुभ काम करते जाइए।
सही राह चुन लीजिए मंजिलों को पाइए।
अपनी क्षमता का आंकलन भी कीजिए।
नव विचारों का हृदय चलन होने दीजिए।
मुश्किल में औरों का थोड़ा साथ दीजिए।
धीरज धरकर घूंट कड़वे थोड़े पी लीजिए।
हर किसी को यहां कभी पैसों में ना तोलना।
रिश्तों की डोर टूटे जरा मीठा-मीठा बोलना।
अपने उसूल नीति नियम डटकर बनाइए।
कीर्ति पताका जग में धर्म ध्वजा लहराइये।
पद प्रतिष्ठा वैभव यश बढ़ता चला जाएगा।
मानव मानवता के जब काम गर आएगा।
करके दिखाना नर जग में भलाई के काम।
याद करेगी सारी दुनिया होगा तेरा भी नाम।
रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू राजस्थान
रचना स्वरचित व मौलिक है
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