वेतन भुगतान में शिक्षकों को प्राथमिकता : डॉ सिद्धार्थ

- शिक्षकों के वेतन में देरी पर सख्त हुए एसीएस डॉ. एस. सिद्धार्थ
- रविवार से तीन चरणों में जारी होंगे टीआरई-3 के शिक्षकों के पोस्टिंग ऑर्डर
- टीआरई-1 और टीआरई-2 की महिला शिक्षकों के ट्रांसफर पर होगा फोकस
बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने "शिक्षा की बात - हर शनिवार" कार्यक्रम के 13वें एपिसोड में कई बड़ी घोषणाएं की। उन्होंने टीआरई-3 के अंतर्गत चयनित शिक्षकों की पोस्टिंग की समयसीमा स्पष्ट करते हुए कहा कि रविवार से तीन चरणों में पोस्टिंग ऑर्डर जारी किया जाएगा और सभी शिक्षक 15 मई 2025 से पहले स्कूल ज्वाइन कर लेंगे। इसके बाद वे विधिवत रूप से शैक्षणिक कार्यों की शुरुआत करेंगे।
तीन चरणों में पोस्टिंग का शेड्यूल
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने टीआरई-3 की पोस्टिंग को लेकर स्पष्ट कहा कि रविवार को सबसे पहले 11 जिलों का पोस्टिंग ऑर्डर निकलेगा। फिर सोमवार को दूसरे 11 जिलों का और फिर मंगलवार को शेष जिलों का पोस्टिंग ऑर्डर निकल जाएगा। उन्होंने सभी शिक्षकों को शुभकामनाएं भी दी।
महिला शिक्षकों के स्थानांतरण पर फोकस
डॉ. एस. सिद्धार्थ ने यह भी कहा कि बीपीएससी टीआरई-1 और टीआरई-2 के अंतर्गत कार्यरत महिला शिक्षकों के दूरी आधारित स्थानांतरण की प्रक्रिया अगले सप्ताह से शुरू की जाएगी। इसकी जानकारी सभी को ई-शिक्षा कोष पोर्टल के माध्यम से मिल जाएगी।
भावुक कर देने वाला शिक्षक का पत्र
इस खास कार्यक्रम के दौरान डॉ. एस. सिद्धार्थ ने एक विशेष पत्र का जिक्र किया, जिसे बीपीएससी टीआरई-1 के एक शिक्षक ने बड़े दर्द और व्यथा के साथ लिखा था। इस पत्र में वेतन में देरी, डीईओ/डीपीओ का दुर्व्यवहार, रिश्वतखोरी जैसे गंभीर मुद्दे उठाए गए थे।
उन्होंने कहा कि "मैंने इस पत्र को कई बार पढ़ा है और शिक्षकों की वेदना को पूरी तरह समझा है।" डॉ. एस. सिद्धार्थ ने स्पष्ट रूप से निर्देश दिया कि जब तक शिक्षकों को वेतन नहीं मिलेगा, तब तक शिक्षा विभाग के कार्यालयों में कार्यरत अधिकारियों और कर्मचारियों (ग्रुप डी को छोड़कर) को वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि शिक्षकों को तंग करने या वेतन रोकने की शिकायत आयी तो सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
ई-शिक्षा कोष पोर्टल में सुधार और निगरानी
इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने कहा कि विभाग ने हाल ही में ग्रीवांस हैंडलिंग पोर्टल को ई-शिक्षा कोष से जोड़ा है, जिसमें कुल 11 अवयव हैं। इनमें भुगतान से लेकर स्कूल इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षकों की शिकायत और उपस्थिति की निगरानी तक की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन है। वे खुद हर सुबह और शाम इसे मॉनिटर करते हैं।
उन्होंने कहा कि "मुझे कई शिकायतें देखकर बेहद दुख हुआ है। अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" उन्होंने बताया कि अब वेतन भुगतान, ईएल/सीएल अवकाश, मातृत्व अवकाश की सारी प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
इसके साथ ही उन्होंने मध्याह्न भोजन का जिक्र करते हुए कहा कि हमलोगों ने मध्याह्न भोजन का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया है। प्रधानाचार्य पर स्कूल से संबंधित कई तरह की जिम्मेदारियां होती हैं और स्कूल की हर गतिविधि पर निगरानी भी रखना होता है।
शिक्षकों से संवाद की पहल
कार्यक्रम के अंत में डॉ. एस. सिद्धार्थ ने शिक्षक के पत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि "इस पत्र ने मुझे अंदर तक प्रभावित किया है। यह हम सबके लिए एक बड़ी सीख है।" उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिया कि पत्र में दिए गए सुझावों पर अमल हो और शिक्षक अधिक से अधिक समय विद्यालय में दें।
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