(गुरुदेव रवींद्र नाथ टैगोर जयंती 2025)
राष्ट्रीय चेतना की भोर,रवींद्र नाथ टैगोर
साहित्य जगत विराट छवि,ओजस्वी मुखर लेखनी स्वर ।
नित्य विरोध फिरंगी शासन,
लेखन ज्वाला संप्रभु तत्पर ।
बौद्धिक नैतिक योगदान सेतु,
स्वदेशी हित प्रयास पुरजोर ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,रवींद्र नाथ टैगोर ।।
कविता गीत नाटक अंतर,
देश भक्ति स्तुति दिव्य ज्योत ।
परित्याग नाइट हुड उपाधि,
कलम स्वाभिमान ओतप्रोत ।
संचेतन पहल नारी सशक्ति,
रविन्द्र संगीत वृक्षारोपण ओर ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,रवींद्र नाथ टैगोर ।।
जन गण मन रचना अद्भुत,
राष्ट्र प्रेम एकता भव्य झलक ।
सांस्कृतिक विविधता भाव अनूप,
शासक भाग्य विधाता अलक ।
उन्नीस सौ तेरह वर्ष मनोरम,
गीतांजलि स्पर्श नोबेल पुरस्कार छोर ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,रवींद्र नाथ टैगोर ।।
अप्रतिम ख्याति विश्व कवि रूप,
सृजन ध्येय मानवता उत्थान ।
पुनीत स्थापना शांति निकेतन,
शिक्षा संस्कार ग्राम्यता आह्वान ।
प्रातः स्मरणीय व्यक्तित्व कृतित्व,
हर कदम साहित्य वंदना सराबोर ।
राष्ट्रीय चेतना की भोर,रवींद्र नाथ टैगोर ।।
कुमार महेंद्र
(स्वरचित मौलिक रचना)
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