केंद्र सरकार के तानाशाही रवैये पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया चुप क्यों ?

अखिल भारतीय भारतीय अधिवक्ता कल्याण समिति के पदाधिकारीयों की एक अति महत्वपूर्ण बैठक हुई,जिसकी अध्यक्षता समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मनाथ प्रसाद यादव ने किया। बैठक में अधिवक्ता अधिनियम 1961 में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित संशोधन बिल-2025 पर विरोध जताया। तथा बार काउंसिल ऑफ इंडिया एवं राज्यों के बार काउंसिल सदस्यों द्वारा बिल का विरोध न करने पर दुख जाताया।
विदित हो कि केंद्र सरकार अपने तानाशाही रवैये से बार काउंसिल के अधिकारों को छीनकर वकीलों को पंगु बनाना चाहती है। समिति इस तानाशाही संशोधन विधेयक 2025 का विरोध चरणवद्ध आंदोलन कराकर तब तक करेगी जब तक इस काले बिल को वापस नहीं ले लेते।
समिति ने इसके लिए संघर्ष समिति का गठन किया है। जिसका संयोजक रामसंदेश राय को बनाया गया जिसमें कार्यकारी अध्यक्ष रणविजय सिंह , प्रदेश महामंत्री डा० मधुसूदन राय, विजय कृष्ण तिवारी,सुरेंद्र कुमार सिंह एवं अशोक कुमार को कार्यक्रम के रूप रेखा तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई ।समिति ने सरकार द्वारा मांगी गई सुझाव के प्रति तैयार करने के लिए एक कमेटी का गठन किया । जो अरुण कुशवाहा की अध्यक्षता में सुझाव पत्र तैयार कर सरकार को सौपेगी। इसके लिऐ 24 फरवरी को शताब्दी भवन में एक परिचर्चा का कार्यक्रम भी तय किया गया है ।
हमारे खबरों को शेयर करना न भूलें| हमारे यूटूब चैनल से अवश्य जुड़ें https://www.youtube.com/divyarashminews https://www.facebook.com/divyarashmimag
0 टिप्पणियाँ
दिव्य रश्मि की खबरों को प्राप्त करने के लिए हमारे खबरों को लाइक ओर पोर्टल को सब्सक्राइब करना ना भूले| दिव्य रश्मि समाचार यूट्यूब पर हमारे चैनल Divya Rashmi News को लाईक करें |
खबरों के लिए एवं जुड़ने के लिए सम्पर्क करें contact@divyarashmi.com